घर में छुपकर ही लड़ें

वकील कुशवाहा आकाश महेशपुरी कुशीनगर(उत्तर प्रदेश) *************************************************************** ऐसी विपदा आ गयी,हुये सभी मजबूर। लम्बी दूरी नापते,पैदल ही मजदूर॥ आया रोग जहाज से,सहम गए हैं लोग। लाये इसे अमीर पर,रंक रहे हैं…

Comments Off on घर में छुपकर ही लड़ें

रखना उर में आस

डॉ.विद्यासागर कापड़ी ‘सागर’ पिथौरागढ़(उत्तराखण्ड) ****************************************************************************** हँसकर मेरे गाँव का, ‌कहता फूल बुराँस। आयेगी रे लालिमा, रखना उर में आस॥ बूढ़े,बालक साथ में, करते भोजन यार। बड़े दिनों के बाद ये,…

Comments Off on रखना उर में आस

नवयुग का संदेश सुन

डॉ.धारा बल्लभ पाण्डेय’आलोक’ अल्मोड़ा(उत्तराखंड) ***************************************************************************** नवयुग का संदेश सुन,सुधर जरा इंसान। देख रहा भगवान है,मत कर तू अभिमान॥ छेड़छाड़ तू प्रकृति से,करता बारम्बार। देख रहा तू आज है,अपना यह अपमान॥…

Comments Off on नवयुग का संदेश सुन

एकता

बोधन राम निषाद ‘राज’  कबीरधाम (छत्तीसगढ़) ******************************************************************** अनेकता में एकता,भारत की पहचान। एक सूत्र में हैं बँधे,संस्कृति यहाँ महानll प्यारे-प्यारे फूल-सी,जाति वर्ण सम भान। अपने-अपने धर्म को,माने सभी सुजानll रंग…

Comments Off on एकता

अहसास

डॉ.राम कुमार झा ‘निकुंज’ बेंगलुरु (कर्नाटक) **************************************************************************** `कोराना` सम व्याधि बहु,मनुज नहीं अहसास। हरित भरित सुष्मित प्रकृति,करता सत्यानासll लोभ मोह में जिंदगी,छल कपटी बस झूठ। प्रेम सत्य अहसास बिन,प्रकृति गयी…

Comments Off on अहसास

आराधन नवरात्र का

डॉ.राम कुमार झा ‘निकुंज’ बेंगलुरु (कर्नाटक) **************************************************************************** चैत्रशुक्ल शुभ प्रतिपदा,विक्रम संवत् वर्ष। सृष्टि सृजन प्रारब्ध दिन,हो जीवन उत्कर्ष॥ प्रथम विष्णु अवतार यह,महर्षि गौतम जन्म। आर्यसमाजी स्थापना,रामराज्य सद्धर्म॥ विक्रम का राज्याभिषेक,राजतिलक…

2 Comments

नवरात्रि

बोधन राम निषाद ‘राज’  कबीरधाम (छत्तीसगढ़) ******************************************************************** नवरात्रि- चैत्र माह नवरात्रि में,पूजन दिन अरु रात। शुभ फल देती मातु है,सुनती सबकी बात॥ शुचिता- शुचिता मन में हो सदा,बने सभी के…

Comments Off on नवरात्रि

चेतो अब भी,रे मनुज!

डॉ.राम कुमार झा ‘निकुंज’ बेंगलुरु (कर्नाटक) **************************************************************************** प्रकृति कुपित हमसे हुई,भला करे भगवान। झेल रहा जग दंश को,अब तो बन इन्सान॥ भौतिकता परवान पर,बनी प्रकृति सुनसान। देख फलाफल स्वार्थ का,…

Comments Off on चेतो अब भी,रे मनुज!

पर्यावरण सुधार लो

बोधन राम निषाद ‘राज’  कबीरधाम (छत्तीसगढ़) ******************************************************************** प्रकृति और मानव स्पर्धा विशेष…….. पर्यावरण सुधार लो,आओ पेड़ लगाय। तभी धरा सुन्दर लगे,मन हर्सित हो जाय॥ जीवन इनसे है जुड़ा,इनसे है संसार।…

Comments Off on पर्यावरण सुधार लो

बचिए और बचाइए, ‘कोरोना’ से आज

संदीप सृजन उज्जैन (मध्यप्रदेश)  ****************************************************** चाल चली इक चीन ने,बिगड़े सबके हाल। 'कोरोना' यह वायरस,बना जीव जंजाल॥ सारा जग इससे दुखी,किसे सुनाये पीर। कोरोना ने कर दिए,हाल बहुत गंभीर॥ भारत…

Comments Off on बचिए और बचाइए, ‘कोरोना’ से आज