होली

प्रो.डॉ. शरद नारायण खरे मंडला(मध्यप्रदेश) *********************************************************************** रंगों के सँग खेलती,एक नवल-सी आसl मन में पलने लग गया,फिर नेहिल विश्वासll लगे गुलाबी ठंड पर,आतपमय जज़्बातl प्रिये-मिलन के काल में,यादें सारी रातll…

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झूठ हँस रहा आज

प्रो.डॉ. शरद नारायण खरे मंडला(मध्यप्रदेश) *********************************************************************** सच्चाई रोने लगी,झूठ हँस रहा आज। दर्पण में वह अक्स है,जैसा दिखे समाजll कानूनों को रोंदकर,आगे बढ़ता काल। शांति नहीं,हैं आजकल,रोज़ नये जंजालll बहकावे…

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मचल रही मनमीत मैं

डॉ.राम कुमार झा ‘निकुंज’ बेंगलुरु (कर्नाटक) **************************************************************************** रिमझिम-रिमझिम बारिशें,भीगे-भीगे नैन। मचल रही मनमीत मैं,आलिंगन निशि रैन॥ मंद-मंद शीतल पवन,हल्की मीठी धूप। लहराती ये वेणियाँ,चन्द्रमुखी प्रिय रूप॥ काया नव किसलय समा,गाल…

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लहरे ध्वजा तिरंग

डॉ.राम कुमार झा ‘निकुंज’ बेंगलुरु (कर्नाटक) **************************************************************************** दौलत है ऐसी नशा,क्या जाने वह पीर। इंसानी मासूमियत,आंखों बहता नीरll निज सत्ता सुख सम्पदा,मानस बस अनुराग। प्रीत न जाने राष्ट्र की,करता भागमभागll…

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सह सकते नहीं उनका अपमान

अब्दुल हमीद इदरीसी ‘हमीद कानपुरी’ कानपुर(उत्तर प्रदेश) ***************************************************************** देश बचाने के लिए,देते हैं जो जान। हरगिज़ सह सकते नहीं,हम उनका अपमानll मुल्क हिफाजत ही रहा,जिसका बस ईमान। दूर सियासत से…

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कर स्वागत मधुमास

डॉ.राम कुमार झा ‘निकुंज’ बेंगलुरु (कर्नाटक) **************************************************************************** कुसमित मंजर माधवी,मुदित रसाल सुहास। कलसी प्रिया हिली डुली,कूक पिक उल्लास॥ नवयौवन सुष्मित प्रकृति,सजा-धजा ऋतुराज। खिली कुमुद पा चन्द्रिका,चाँद प्रीत सरताज॥ मधुशाला मधुपान…

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जीव

डॉ.विद्यासागर कापड़ी ‘सागर’ पिथौरागढ़(उत्तराखण्ड) ****************************************************************************** हरि को जो भजता नहीं, जग में है नादान। जैसे लाखों जीव हैं, उसका वैसा मान॥ सब जीवों पर नेह हो, सभी जीव अनमोल। ऐक…

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चलें करें मतदान हम

डॉ.राम कुमार झा ‘निकुंज’ बेंगलुरु (कर्नाटक) **************************************************************************** मनचाही खुशियों भरा,खिले कुसुम मुस्कान। महापर्व जनतंत्र यह,सभी करें मतदानll मत केवल अधिकार नहीं,देना भी कर्तव्य। करें सबल जनतंत्र को,संविधान ध्यातव्यll देशभक्ति पर्याय…

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तजो घृणा

डॉ.राम कुमार झा ‘निकुंज’ बेंगलुरु (कर्नाटक) **************************************************************************** भिन्न-भिन्न मति चिन्तना,मृगतृष्णा आलाप। मँहगाई फुफकारती,सुने कौन आलापll मिले हुए सब लालची,फैलाते उन्माद। लड़ा रहे कौमी प्रजा,तुले देश बर्बादll बीजारोपण नफ़रती,करे अमन का…

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हो गया समझदार गणतंत्र

अब्दुल हमीद इदरीसी ‘हमीद कानपुरी’ कानपुर(उत्तर प्रदेश) ***************************************************************** सफल नहीं होगा यहाँ,अब कोई षडयंत्र। धीरे-धीरे हो गया,समझदार गणतंत्र॥ जिनके दिल में है नहीं,ज़र्रा भर भी प्यार। नफरत से जुड़ते सदा,उनके…

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