साँझ
डॉ. वंदना मिश्र ‘मोहिनी’इन्दौर(मध्यप्रदेश)************************************ आजकल राधिका दिन पर दिन बहुत उदास और चुप-सी रहने लगी थी। भीड़ मे होकर भी अकेली सी,बोलती हुई भी मौन-सी हो गई थी।केशव से भी कम ही बात होती थी। केशव उसके पति,जिससे वह एक समय था जब दिनभर बक-बक करती रहती थीं,पर आजकल दोनों में जैसे शीत युद्ध छिड़ … Read more