वो मुझसे ऊब जायेगा

वकील कुशवाहा आकाश महेशपुरी कुशीनगर(उत्तर प्रदेश) ****************************************************************** मुझे ऐसा क्यूँ लगता है वो मुझसे ऊब जायेगा, मुकम्मल शायरी में जब मेरा दिल डूब जायेगा, जिसे मैं ढालता रहता हूँ गीतों और…

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जन्मदात्री

उमेशचन्द यादव बलिया (उत्तरप्रदेश)  *************************************************** आठों याम जो जीती-मरती दिवा हो या रात्रि, महिमा का जिसकी वर्णन ना हो,वो है जन्मदात्री। हरदम दु:ख ले,सुख ही देती धैर्य में जैसे धारित्री,…

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ख़त मेरा खोला उसने सबके जाने के बाद

सलिल सरोज नौलागढ़ (बिहार) ******************************************************************** खत मेरा खोला उसने सबके जाने के बाद। दिल हुआ रोशन,शमा बुझाने के बाद। महफ़िल चुप थी मेरी चुप्पी के साथ, हुआ हंगामा मेरे हलफ…

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बढ़ रही गर्मी,कट रहे पेड़

बोधन राम निषाद ‘राज’  कबीरधाम (छत्तीसगढ़) ******************************************************************** गर्मी देखो बढ़ रही,कटते जंगल पेड़। आओ पौधा रोप लो,बंजर धरती मेड़॥ मत काटो इंसान तुम,ये तो छायादार। गर्मी से रक्षा करे,पालन पोषण…

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एक चेतावनी…

डॉ.मंजूलता मौर्या  मुंबई(महाराष्ट्र) ************************************************************* दरकते पहाड़,उफनती नदियाँ, समुद्र से आता हुआ मौत का सैलाब... आंधी से बर्बाद होते गाँव और शहर, एक चेतावनी है...। कहीं दहकता ज्वालामुखी है, कहीं भूकंप…

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आम

हेमा श्रीवास्तव ‘हेमाश्री’ प्रयाग(उत्तरप्रदेश) ********************************************************************* भोर सुहानी कोयल है कूजती, बहती शीतल बयार आयी आम की बहार। रसाल फल तो है राजा जिसके बड़े भाग वही चाखा, खट्टेपन से लड़कर…

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पावनी धरा..

डॉ.विद्यासागर कापड़ी ‘सागर’ पिथौरागढ़(उत्तराखण्ड) ****************************************************************************** नित जीवन का सृजन कर, पोषती व्यथाएं झेलकर। रस,साँस लेते हम सदा, निज वर्धन कर रहे खेलकर॥ देती अथाह पावनी धरा, इसे हम भी कुछ…

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किसे सुनाए ? सुने कौन ?

कैलाश मंडलोई ‘कदंब’ रायबिड़पुरा(मध्यप्रदेश) *********************************************************** जन की दारुण कथा व्यथा, किसे सुनाए ? सुने कौन? जिम्मेदार जो जन है इसके, देखो साधे बैठे मौन ? जीर्ण-शीर्ण-सा सूखा तन। पेट भूखा…

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हल्का करो ज़रा मन को

अब्दुल हमीद इदरीसी ‘हमीद कानपुरी’ कानपुर(उत्तर प्रदेश) ***************************************************** जानते दीन को न दुनिया को, कह रहे हैं कि रहबरी दे दो। कह के हल्का करो ज़रा मन को, बेसबब दर्द…

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तबाही लाएगी गर्मी

विजय कुमार मणिकपुर(बिहार) ****************************************************************** ऐसी गर्मी आएगी मिट्टी में तबाही लाएगी, पौधों को खूब सुखाएगी हरियाली दूर भगाएगी। ऐसा मंजर हो जाएगा दुनिया को खूब तपाएगा, दर्दनाक हो जाएगा फसल…

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