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किसे सुनाए ? सुने कौन ?

कैलाश मंडलोई ‘कदंब’
रायबिड़पुरा(मध्यप्रदेश)

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जन की दारुण कथा व्यथा,
किसे सुनाए ? सुने कौन?
जिम्मेदार जो जन है इसके,
देखो साधे बैठे मौन ?

जीर्ण-शीर्ण-सा सूखा तन।
पेट भूखा है विकल मन॥
न मंदिर न कोई शिवाला।
भूखे को बस मिले निवाला॥
प्रश्न खड़े अनगिनत मौन।
शोषित रुदन सुनता कौन॥
किसे सुनाए ? सुने कौन ?…

मरा-मरा-सा लोकतंत्र।
छल कपट का गूंजे मंत्र॥
झूठ बोलना बना है धर्म।
बची न कोई लाज शर्म॥
बात न्याय की बोले कौन।
सत्ताधारी सब बैठे मौन॥
किसे सुनाए ? सुने कौन ?…

थर-थर तन भी कांप रहा।
फटी चादर से ढांक रहा॥
पग-पग लगते मौत के डेरे।
जीर्ण-शीर्ण साँसों के घेरे॥
आँखों को दिखता नहीं।
न सुनते कान मन बेचैन॥
किसे सुनाए ? सुने कौन ?…

परिचय-कैलाश मंडलोई का साहित्यिक उपनाम ‘कदंब’ हैl आपका निवास रायबिड़पुरा(जिला खरगोन,म.प्र.)में हैl एम.ए.(हिन्दी) और डी.एड. शिक्षित श्री मंडलोई का जन्म १५ जून १९६७ को हुआ हैl पेशे से आप शिक्षक होकर लेखन करते हैंl आपने सेवा कार्य के तहत विशेष रुचि लेकर शाला परिसर में १००० पौधों का वृक्षारोपण कर उद्यान तैयार किया है।अन्य शैक्षिक गतिविधियों में अतिरिक्त समय में छात्र-छात्राओ को पढ़ाना,सुबह योग की कक्षा लगाना आदि शामिल हैl शैक्षिक सामग्री का निर्माण व प्रदर्शन,६०० से अधिक विज्ञान एवं गणित के प्रारुप(माडल) का अनुपयोगी वस्तुओं से निर्माण,१००० से अधिक कटाउट्स,१००० से अधिक चार्ट,अख़बार की कतरनें आदि शामिल है। अन्य शालाओं के छात्र-छात्राओं को अपनी शाला में बुलाकर विज्ञान-गणित प्रारुप का प्रदर्शन करना,वाद-विवाद प्रतियोगिता,निबन्ध प्रतियोगिता और सांस्कृतिक गतिविधियों के आयोजन सहित विभिन्न दिवसों तथा महापुरुषों के जन्मदिन पर सबको एकत्रित कर संगोष्ठियों का आयोजन करना आपकी पसंद का काम है। आपकी लेखन विधा-नई कविता,छंद,छंदमुक्त रचनाएं एवं आलेख आदि है।अनेक कवि सम्मेलनों में कविता पाठ कर चुके श्री मंडलोई के कई सामूहिक काव्य संग्रह हैं,जिसमें-वर्तमान सृजन,नव काव्यांजलि,एक पृष्ठ मेरा भी और छंद कलश आदि हैं, तो व्यक्तिगत प्रकाशित पुस्तक `साहित्यमेध` हैl अनेक पत्र-पत्रिकाओं तथा वेब पोर्टलों पर आपकी कविताएँ,कहानी,आलेख, तथा समीक्षा प्रकाशित हैl साहित्यिक क्षेत्र में आपको श्रेष्ठ रचनाकार,श्रेष्ठ टिप्पणीकार सम्मान सहित काव्य मार्तण्ड सम्मान,साहित्य संगम समीक्षाधीश,साहित्य अभ्युदय सम्मान के साथ ही व्याकरणशाला एवं छंदशाला में श्रेष्ठ प्रदर्शन के प्रमाण-पत्र मिले हैंl विशेष पुरस्कार में आपके पास कलेक्टर द्वारा सम्मान,जिला स्तर पर पर्यावरण पर सम्मान,जिला स्तर पर शिक्षक सम्मान हैl आप वर्तमान में साहित्यिक गतिविधियों में सक्रियता से में कार्यरत हैंl

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