किसी को मिलती मलाई,किसी को बासी भात नहीं..

लालचन्द्र यादव आम्बेडकर नगर(उत्तर प्रदेश) *********************************************************************** आज यहां क्या लोकतन्त्र है! कुछ कहने की बात नहीं है। जो जितना पाये ले जाये, मुझे कोई आघात नहीं है। किसी को मिलता…

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नजर का वार

अवधेश कुमार ‘आशुतोष’ खगड़िया (बिहार) **************************************************************************** नजर का वार दिल पर कर गया है। नयन की मार से वह मर गया है। जिसे देखा नहीं हमने नजर भर, उसी से…

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सुहानी शाम

केवरा यदु ‘मीरा’  राजिम(छत्तीसगढ़) ******************************************************************* शाम सुहानी आ गई,पंछी करते शोर। लौट रहे हैं नीड़ को,बाँध प्रीत की डोरll बैलों की घंटी बजे,जस वृन्दाबन धाम। ग्वालों की टोली लगे,संग श्याम…

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ये कैसी प्यास है

संजय जैन  मुम्बई(महाराष्ट्र) ************************************************ भावना और भाव, दोनों में अंतर हैl प्यार और प्यास, दोनों आपस में क्या एक-दूसरे के पूरक हैं ! मैं कुछ समझा, और न समझा। मुझे…

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चली गिलहरी

डॉ.जियाउर रहमान जाफरी नालंदा (बिहार) *********************************************************************** चली गिलहरी कवि सम्मेलन में एक कविता पढ़ने, थी इच्छा सम्मान की इतनी लगी रातभर रटनेl आई जैसे ही माइक पर भूल गई वो…

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सिसकता किसान

रश्मि लता मिश्रा बिलासपुर (छत्तीसगढ़) ****************************************************************** भंडार अन्नपूर्णा का बढ़ाएं, खेतों से काट फसलें जमा करता है खलिहान, कोटि-कोटि जनता का अन्नदाता है मगर अपने ही घर में, सिसकता किसान...,सिसकता…

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मुझे तुम याद आते हो

सारिका त्रिपाठी लखनऊ(उत्तरप्रदेश) ******************************************************* यूँ ही बिन मौसम की बरसातें मेरी छत पर टप-टप करती बूंदें जहन में जाने कैसी हुलस-सी, जब भर जाती हैं मुझे तुम याद आते हो...।…

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कीजिए खूब ‘मतदान’

अजय जैन ‘विकल्प इंदौर(मध्यप्रदेश) ******************************************************************* कीजिए मिलकर प्रेम से,खूब मतदान, बनेगा इसी से अपना भारत देश महान। बेहतर भविष्य चाहिए, 'मत' दे आईए, नेताओं को समझिए,देशहित सोचिए। बदलाव लाना है…

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पेट की आग

शिवानन्द सिंह ‘सहयोगी’ मेरठ (उत्तरप्रदेश) ****************************************************** बल-प्रयोग के जहरवाद से, दु:खी पेट की आग। उत्पीड़न के नसतरंग का नहछू और नहावन, छुआछूत की दाल-पिठौरी पत्थर का परिछावन, कुमुदिनियों के अंग-अंग…

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महापर्व-मतदान️ करें

डॉ.राम कुमार झा ‘निकुंज’ बेंगलुरु (कर्नाटक) **************************************************************************** क्या आपने मतदान किया ? मित्रों,हाँ हमने मतदान किया, मत के न केवल अधिकारी हम वरन् कर्तव्यनिष्ठ जाग्त सशक्त, सतर्क सदा तत्पर प्रबुद्ध…

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