धरती

आरती जैन डूंगरपुर (राजस्थान) ********************************************* विश्व धरा दिवस स्पर्धा विशेष…………… धरा सुंदर कृति है, होना है इस पर सतीl धरा सुंदर रचना है, पेड़ जिसके सजना हैl कल-कल करती नदी…

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जीवन का आधार `धरा`

सुशीला रोहिला सोनीपत(हरियाणा) *************************************************************************************** विश्व धरा दिवस स्पर्धा विशेष…………… धरा धैर्य को धारण करती, धरा की है अमिट कहानी पानी पर है तैरती, सहस्त्र थपेड़ों की मार झेलती। सूर्य की…

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धरा

डॉ.नीलम कौर उदयपुर (राजस्थान) *************************************************** विश्व धरा दिवस स्पर्धा विशेष…………… अनादि,अनंत,अदृश्या अकाट्य,अभेद्य,अछेद्या अपरुपा के मनः प्राण की, शून्य से परिकल्पित चमत्कार है ये 'धरा।' सृजन-संहार की अदभुत क्रीड़ा-स्थली, नवग्रहों में…

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सूरज कैसा..

एन.एल.एम. त्रिपाठी ‘पीताम्बर’  गोरखपुर(उत्तर प्रदेश) *********************************************************** ऐ मुसाफिर जाग, ज़रा देख आज सूरज कैसा, सुर्ख रूतबा कहीं कहीं घने कोहरे में रुसवा, उड़ती धूल में कहीं धुंध जैसा॥ तल्ख़ तूफ़ान…

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धरा की धीरता धन्य

वन्दना शर्मा अजमेर (राजस्थान) *********************************************************************** विश्व धरा दिवस स्पर्धा विशेष…………… धन्य है धरा की धीरता को.., जहाँ जीवन कलकल बहता है.. सींचता हुआ जड़ी-बूटी,वनस्पति, धान्य एवं धमनियों को.. पेड़ों से…

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मैं पंछी हूँ

लालचन्द्र यादव आम्बेडकर नगर(उत्तर प्रदेश) *********************************************************************** विश्व धरा दिवस स्पर्धा विशेष…………… मैं पंछी हूँ,मैं जंगल की रानी हूँ, पेड़,लताएं,कुंजों की दीवानी हूँ। तुम दरख़्त को काट-काट ले जाते हो, तेरे…

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खुशियों के बीज

कार्तिकेय त्रिपाठी ‘राम’ इन्दौर मध्यप्रदेश) ********************************************* विश्व धरा दिवस स्पर्धा विशेष…………… हरी-भरी वसुन्धरा को, देख कर मेरा वतन मुस्कुरा रहा है ऐसे, फूल का कोई चमन। हर जवान देखता है,…

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यह है धरती सब की जननी

डॉ.धारा बल्लभ पाण्डेय’आलोक’ अल्मोड़ा(उत्तराखंड) ****************************************************************************** विश्व धरा दिवस स्पर्धा विशेष…………… यह है धरती सबकी जननी। सब जीव-जनाश्रय है उरवी। यह भू-महिमा अति पुण्यमयी। अति सुंदर है सब सार गहीll पद…

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सँभलना है अगर

कैलाश झा ‘किंकर’ खगड़िया (बिहार) ************************************************************************************ विश्व धरा दिवस स्पर्धा विशेष…………… अब दरख़्तों के लिए सोचें सँभलना है अगर, पेड़ की रक्षा करें खुशहाल रहना है अगर। आम,पीपल,नीम,तुलसी,बेल,बरगद के लिए…

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बिरहन बेचारी

सुश्री अंजुमन मंसूरी ‘आरज़ू’  छिंदवाड़ा (मध्य प्रदेश) ********************************************************************************************* विश्व धरा दिवस स्पर्धा विशेष…………… मैं थी इक धरती न्यारी-सी, अपने सूरज की प्यारी-सीl मुझको प्रियतम का प्रेम मिला, मेरे आँचल में…

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