शांत हवा

शंकरलाल जांगिड़ ‘शंकर दादाजी’ रावतसर(राजस्थान)  *********************************************************************************- शीतल मंद समीर एकदम शांत। कहीं से मन में उठता कोई बगुला-सा, दूसरे ही पल सब कुछ शांत। अंतर्मन में उठता हुआ तूफान, अभी…

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नव वर्ष

छगन लाल गर्ग “विज्ञ” आबू रोड (राजस्थान) **************************************************************************** (रचना शिल्प:विधान-३० मात्रा, १६, १४ पर यति। कुल चार चरण, क्रमागत दो-दो चरण तुकांत। अंत में वर्णिक भार २,२,२) बीत रही तिमिर…

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देखो सखी बसंत आया

डॉ.जयभारती चन्द्राकर भारती गरियाबंद (छत्तीसगढ़) *************************************************************************** देखो सखी बसंत आया, कुहरा मिटा,पतझड़ का अंत आया हरीतिमा वृक्ष,नवल पुष्प उमंग से मुस्काया, देखो सखी बसंत आया...। आम्र वृक्ष बौर से लद गये,…

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अभिनंदन स्वागत करुँ

डॉ.राम कुमार झा ‘निकुंज’ बेंगलुरु (कर्नाटक) **************************************************************************** विना ज़ान परवाह के,उड़ा व्योम निज यान। एफ सोलह को है गिरा,अभिनंदन अभिमान॥ आँचल फैलाया वतन,स्वागतार्थ जन आम। शहीद अभिनंदन करे,अभिनंदन अभिराम॥ आओ…

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घातक जाल बिछाये हैं

अवधेश कुमार ‘अवध’ मेघालय ******************************************** घर-बाहर या प्लॉट सड़क,हर जगह मौत के साये हैं, हमने ही तो आँख मूँदकर,घातक जाल बिछाये हैं। साफ-सफाई रखकर के,बीमारी दूर भगानी है, जीवन जीने…

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वतन की ख़ुशबू

सुश्री अंजुमन मंसूरी ‘आरज़ू’  छिंदवाड़ा (मध्य प्रदेश) ********************************************************************************************* मुझको भाती है सदा अपने वतन की ख़ुशबू, जिसपे क़ुर्बान है हर एक चमन की ख़ुशबू। पाक के टुकड़े किये देश नया…

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अभिनंदन जी का अभिनंदन

श्रीकृष्ण शुक्ल मुरादाबाद(उत्तरप्रदेश)  ***************************************************************** तुम सीमाओं को लाँघ गए,अरि विमान का करने मर्दन, तुम किंचित भी भयभीत न थे,हे वीर तुम्हारा अभिनंदन। तुम छोटे से विमान पर थे,सम्मुख था उन्नत…

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मोटे हो गये

डॉ.जियाउर रहमान जाफरी नालंदा (बिहार) *********************************************************************** खाये इतना सुबह से शाम, मोटे हो गये पतलूराम। नहीं ज़रा-सा अब चल पाते, बैठे-बैठे बस सो जाते। जहां कभी भी वो घर से…

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कर्मों का फल 

इंदु भूषण बाली ‘परवाज़ मनावरी’ ज्यौड़ियां(जम्मू कश्मीर) ******************************************************** अभिशापित और दुखी हूँ अपने-आप से। जैसे शनि का युद्ध था अपने ही बाप से। कर्मों का फल है दोष कहां पड़ोसियों…

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शिव महिमा

श्रीमती पुष्पा शर्मा ‘कुसुम’ अजमेर(राजस्थान) **************************************************** शिव शंकर कैलाश में गिरिजा सोहे साथ में, गोद लिये गणपति नंदी पे सवार है। जटा मुकुट शीश पर कटि सोहे बाघम्बर, अर्धचन्द्र भाल…

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