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अभिनंदन जी का अभिनंदन

श्रीकृष्ण शुक्ल
मुरादाबाद(उत्तरप्रदेश) 
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तुम सीमाओं को लाँघ गए,अरि विमान का करने मर्दन,
तुम किंचित भी भयभीत न थे,हे वीर तुम्हारा अभिनंदन।

तुम छोटे से विमान पर थे,सम्मुख था उन्नत वायुयान,
पर तुममें था साहस अदम्य,वो किया ध्वस्त तुमने विमान।
कायरता के सर पर चढ़कर,तुमने कर डाला घोर दमन,
हे वीर तुम्हारा अभिनंदन॥

तुम दुश्मन की धरती पर थे,लेकिन साहस से डटे रहे,
वह तुम्हें प्रताड़ित करते थे,तुम मौन धार कर खड़े रहे।
अरि के घातक मंसूबों का,साहस से कर डाला तर्पण,
हे वीर तुम्हारा अभिनंदन॥

सरकार शीघ्र आगे आई,तत्परता उसने दिखलाई,
अरि पर चौतरफा था दबाब,बस संधि जिनेवा दिखलाई।
नापाक पाक तब टूट गया,तुम मुक्त हुए,आ गए वतन,
हे वीर तुम्हारा अभिनंदन॥

तव पुरुषारथ का अभिनंदन,तव मात-पिता का अभिनंदन,
संकल्प शक्ति का अभिनंदन,तव देशभक्ति का अभिनंदन।
हम सब करते हैं अभिनंदन,चहुँ दिशा कर रहीं अभिनंदन,
उन्नत ललाट का अभिनंदन,इस सूर्य प्रखर का अभिनंदन।
अभिनंदन जी का अभिनंदन,हे वीर तुम्हारा अभिनंदन॥

परिचय-श्रीकृष्ण शुक्ल का साहित्यिक उपनाम `कृष्ण` हैl इनका जन्म तारीख ३० अगस्त १९५३ तथा जन्म स्थान-मुरादाबाद हैl वर्तमान में मुरादाबाद में बसे हुए श्री शुक्ल का स्थाई घर भी मुरादाबाद ही हैl उत्तर प्रदेश वासी श्री शुक्ल ने परास्नातक(अर्थशास्त्र)और तथा सीएआईआईबी की पढ़ाई की हैl आपका कार्यक्षेत्र-बैंक में नौकरी (सेवानिवृत्त अधिकारी)का रहा हैl सामाजिक गतिविधि के निमित्त आप सहजयोग आध्यात्मिक संस्था के माध्यम से ध्यान एवं तनावमुक्त जीवन यापन हेतु प्रचार-प्रसार में सक्रिय रहते हैंl लेखन विधा देखी जाए तो-गीत, ग़ज़ल,मुक्तक,दोहे,छंदमुक्त तथा सामयिक विषयों पर लेखन जारी हैl भाषा ज्ञान-हिन्दी एवं अँग्रेजी का रखते हैंl प्रकाशन के तहत साझा संग्रह-छाँव की बयार,उजास एवं काव्यधारा आपके खाते में है तो रचनाओं का प्रकाशन कई दैनिक और अन्य पत्र-पत्रिका में समय-समय पर होता रहता हैl इनको प्राप्त सम्मान में मुरादाबाद से काव्य प्रतिभा सम्मान ,रामपुर से काव्यरथी व काव्यधारा पीयूष सम्मान सहित ज्ञान मंदिर पुस्तकालय द्वारा वर्ष २०१८ का साहित्यकार सम्मान ख़ास हैl यह ब्लॉग पर भी अपने विचार रखते हैंl इनकी लेखनी का उद्देश्य-समाज को जागृत करना हैl आपके लिए प्रेरणा पुंज-प्रो.राजेश चंद्र शुक्ल हैंl रुचि-आध्यात्मिक चिंतन,ध्यान,लेखन तथा पुस्तकें पढ़ना हैl

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