मज़दूर भी इंसान ही

डॉ. प्रताप मोहन ‘भारतीय’सोलन(हिमाचल प्रदेश)***************************************************** जीवन संघर्ष (मज़दूर दिवस विशेष)... जब मज़दूर मजदूरीकरता है,तभी उसका पेटभरता है। यदि मज़दूर नहीं होगा,तो हमें मज़दूरबनना पड़ेगाक्योंकि जो काम है,किसी न किसी कोतो…

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माँ के आँचल में…

हरिहर सिंह चौहानइन्दौर (मध्यप्रदेश )************************************ माँ के आँचल में बैठकर,हम सुख का अनुभव करते थेमाँ हमें लोरी सुनाती थी,प्यार से खाना खिलाती थीप्यार-दुलार-स्नेह से अपने पास रखती थी। हम उसकी…

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सजे अल्फ़ाज़ पढ़ना

हीरा सिंह चाहिल ‘बिल्ले’बिलासपुर (छत्तीसगढ़)********************************************* शौक उनका है मुहब्बत से सजे अल्फ़ाज़ पढ़ना।दिल कहे हमसे मुहब्बत से भरे जज्बात लिखना। जो कभी मिलते नहीं दिल चाहता उनसे खुदाई,वक्त मरहम जब…

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तुम जीवन आधार

बोधन राम निषाद ‘राज’ कबीरधाम (छत्तीसगढ़)************************************************ श्री शिवाय नमस्तुभ्यम... भवं भवानी अम्बिके, हे भोले सरकार।करते हैं हम वंदना, करना भव से पार॥ भोले सुमिरन आपका, नित्य करूँ मैं नाथ।मिले सदा आशीष…

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गलती तो हमारी

डॉ. श्राबनी चक्रवर्तीबिलासपुर (छतीसगढ़)************************************************* चारों ओर लू काकहर बरपाया है,इस तपिश ने आगका गोला बरसाया है। ए.सी.- कूलर से भीजब राहत न मिले,तब किसे दोष देंहम सब, कहाँ जाए ?…

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अनुभव ही श्रेष्ठ शिक्षक

डॉ.राम कुमार झा ‘निकुंज’बेंगलुरु (कर्नाटक) ************************************************* सर्वश्रेष्ठ शिक्षक समझ, अनुभव जीवन गीत।भावुकता-सा नित परे, खुशियाँ गम संगीत॥ आईना जीवन फलक, अनुभव बने अतीत।यादों के सुनहर पटल, वर्तमान निर्मीत॥ मानवीय सम्वेदना,…

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अहसासों की बस्ती

डॉ. गायत्री शर्मा’प्रीत’इन्दौर (मध्यप्रदेश )******************************************* अहसासों की बस्ती में, जीवन की उस कश्ती मेंबचपन याद बहुत आता है, जो जिये उस मस्ती में। हरेक शख्स की एक रेल, जो माँ…

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काया बन जाएगी माटी

श्रीमती देवंती देवीधनबाद (झारखंड)******************************************* नहीं तन अपना, नहीं धन अपना,काहे को ललचाता है मन अपना। करते रहना सब धर्म-कर्म अपना,एक दिन जग हो जाएगा सपना। माटी में तन को तो…

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माँ का त्याग

कमलेश वर्मा ‘कोमल’अलवर (राजस्थान)************************************* बैठी एक चिड़िया सहन कर रही तेज धूप को,पास जाकर देखा तो वह बैठी सह रही अपने अंडों को। आह निकल गई हृदय से, ममता भरी…

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बड़ी अनमोल है रोटी

सरोजिनी चौधरीजबलपुर (मध्यप्रदेश)************************************** रविवार का था दिवस, छुट्टी का माहौल,बैठे थे कुछ दोस्त इकट्ठा, देख रहे थे मैचबीच में सबको तलब लगी जब चाय बनाए कौन ?उठा दोस्त एक शान…

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