अटूट बंधन

डॉ.पूजा हेमकुमार अलापुरिया ‘हेमाक्ष’मुंबई(महाराष्ट्र) ********************************************************* दास्ताँ लिखोगीअटूट बंधन कीपढ़ेगा जग। निरंतर हैसंघर्ष ये जीवनसमझो इसे। कविता तुमउपन्यास तुमसेसाहित्य हम। धीरज नहींआतुर है मानवहोगा विनाश। तुलते रिश्तेपनपते हैं कहाँउपजे दूरी। फले-फूले…

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कालू

डॉ. सुनीता श्रीवास्तवइंदौर (मध्यप्रदेश)*************************************** जीवन संघर्ष (मजदूर दिवस विशेष)... आज फिर ११ वर्षीय कालू उसके पास आकर खड़ा हो गया, बोला-"मैम कोई काम बता दो, जो बोलो वो कर दूंगा…।"एक…

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सरहदी बाशिंदे

हेमराज ठाकुरमंडी (हिमाचल प्रदेश)***************************************** माँएं रोती खून के आँसू,बाप बेचारे बिलखते हैंजब नन्हें-नन्हें बच्चे उनके,ललाट पर गोली खाते हैं। घरों के उड़ते तब परखच्चे से उनके,जब पाकिस्तानी बेवजह गोली चलाते…

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मैं मजदूर…

दिनेश चन्द्र प्रसाद ‘दीनेश’कलकत्ता (पश्चिम बंगाल)******************************************* जीवन संघर्ष (मजदूर दिवस विशेष)... मैं मजदूर हूँ,क्योंकि मेरे सर पर छत नहींन मेरे पैरों के नीचे जमीन है,न खाने के लिए सूखी रोटी…

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सहारा माँ से ही मिला

ताराचन्द वर्मा ‘डाबला’अलवर(राजस्थान)*************************************** इंसान चाहे कितना भी,तकलीफ में क्यों न होजब वो माँ के पास होता है,तो सारे ग़म भूल जाता है। मेरी माँ ने मुझे,हर वक्त सम्भाला थाऐ जिंदगी,तू…

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प्यार के जज़्बात

हीरा सिंह चाहिल ‘बिल्ले’बिलासपुर (छत्तीसगढ़)********************************************* प्यार के जज्बात हैं लेकिन नहीं हालात हैं।ज़िन्दगी सजती जहाॅं, मिटते वहीं जज्बात हैं।प्यार के जज्बात हैं… मैं कहाॅं रुक कर किसे कब प्यार के…

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तुमने न मानी हार

सरोजिनी चौधरीजबलपुर (मध्यप्रदेश)************************************** जीवन संघर्ष (मजदूर दिवस विशेष)... जादू बिछा दिया धरती पर,तुमने श्रमिक न मानी हारजीवन हरियाली बो-बोकर,सुखद बनायी तुमने राह। स्वर्ग धरा को बना दिया है,निज कर से…

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पसीना बहाते रहे

डॉ. गायत्री शर्मा’प्रीत’इन्दौर (मध्यप्रदेश )******************************************* जीवन संघर्ष (मजदूर दिवस विशेष)... सुख की खातिर दुखों को उठाते रहे,राह में नित पसीना बहाते रहे। बारिशों से कभी हार माने नहीं,गर्मियों में सड़क…

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नृत्य कला अनुपम

डॉ. श्राबनी चक्रवर्तीबिलासपुर (छतीसगढ़)************************************************* आनंदित हो उठे जब तन-मन,भावों के तीर चलाए मृगनयनी नयन। उमंग भरी भावनाओं को मिले एक नई तरंग,लिए सपने सतरंग। बाजे मृदंग, गीतों के हिंडोलों पर,नृत्य…

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मजदूरी तकदीर

डॉ.राम कुमार झा ‘निकुंज’बेंगलुरु (कर्नाटक) ************************************************* जीवन संघर्ष (मजदूर दिवस विशेष)... भार धरा शाश्वत शिरसि, अथक वेदना चूर।कहता है ख़ुद दास्तां, दीन- हीन मज़दूर॥ पड़े फफोले हाथ में, घायल पैर…

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