आर्यावर्त की हिंदी हूँ
ज्योति नरेन्द्र शास्त्रीअलवर (राजस्थान)************************************************* मैं आर्यावर्त की हिंदी हूँ,हिंदुस्तान का गुणगान हूँ मैंकभी सूर में, कभी रहीम में,तुलसी के मानस का गान हूँ मैं। प्रेमचंद का उपन्यास हूँ मैं,छंद, सुरों…