कमाल

आचार्य गोपाल जी ‘आजाद अकेला बरबीघा वाले’शेखपुरा(बिहार)********************************************* तुम भी मेरी जां कमाल करती हो,मेरे ख्यालों में भी बवाल करती हो। बिना मिले ही मुझसे कभी-कभी,जाने कैसे-कैसे सवाल करती हो। जागते हुए भी सोया रहता हूंँ मैं,तुम ख्वाबों में भी बेहाल करती हो। तेरी खुशी के लिए मैं मुस्कुराता हूंँ,तुम खुशी में भी चेहरा लाल करती … Read more

तालमेल

मधु मिश्रानुआपाड़ा(ओडिशा)******************************** “दादी माँ…देखिए,आज गरबे के लिए मेरा लहंगा कैसा लग रहा है…? पता है दादी माँ,मेरा ये लहंगा न मम्मी ने ख़ास गुजरात से मंगवाया था..!” अपने पूरे लंहगे का लुक दिखाते हुए चहक कर मेघा पूरा गोल घूम गई।“अरे वाह,ये तो बहुत सुन्दर लग रहा है,और तुम भी तो प्यारी लग रही हो…पूरी … Read more

दु:ख बस मन का भाव

प्रो.डॉ. शरद नारायण खरेमंडला(मध्यप्रदेश) ******************************************************* भागा सुख को थामने,दिया न सुख ने साथ।कुछ भी तो पाया नहीं,रिक्त रहा बस हाथ॥रिक्त रहा बस हाथ,काल ने नित भरमाया।सुख-लिप्सा में खोय,मनुज ने कुछ नहिं पाया॥जब अंतिम संदेश,तभी निद्रा से जागा।देखो अब है अंत,आज मैं सब तज भागा॥ दु:ख बस मन का भाव है,भाव करे बेचैन।वरना सुख-दु:ख एक से,संतों … Read more

नवरूपा माँ छम-छम आना

सुखमिला अग्रवाल ‘भूमिजा’मुम्बई(महाराष्ट्र)********************************************* नवरात्र विशेष…… नौ दुर्गा रूपा नौरात्रा आया,भवन माँ का भव्य सजायाघर-घर जोत जगे मैया की,शेरा वाली,करें जगराता। प्रथम कालरात्री भवानी,आदि शक्ति जग कल्याणीसुख शान्ति वैभव लाए,है माँ कृपा बरसाने वाली। ब्रह्मचारिणी दूजी कहाए,निर्धन को धनवान बनाएखाली झोली वो भर देती,शैल पुत्री माँ शेरा वाली। तृतीया माँ विन्ध्यवासिनी,नैनों में करूणा,हाथों में मेहन्दीचौथे माता … Read more

दिखावा

अजय जैन ‘विकल्प’इंदौर(मध्यप्रदेश)****************************************** मत कीजिए श्रद्धा में दिखावा,मन से ही निभाईए,रीति-नीति,दान-पुण्य से स्वर्ग का रास्ता मत बनाईए। अरे,जब जिंदा माँ-बाप को दिया कष्ट,तो अब ढोंग क्यों,उन्हें रखा भूखा,अब जी भर खीर-पूड़ी-हलवा मत खिलाईए। लिया जन्म उनसे तो,कुछ फर्ज भी हैं हमारे,ऐसे जीते-जी तो उनका जी मत दुखाइए। रख लो जीते-जी प्रेम से बस सम्मान उनका,उनके … Read more

मन घूमता है

ममता तिवारीजांजगीर-चाम्पा(छत्तीसगढ़)************************************** निहारिकाएं घूमती है,मन घूमता हैऔर,मुझे तेरे साथ घूमते बिताए क्षणस्मृति स्थिरसभी को,घूमते घूरते देखती रहती है। कुंजी लिए भटक रहे सभी,ताले की तलाश मेंकाश मिल जाएं,वो तालेजिसमे बंद है,चैन की संपदा। सावन के अंधों को,हरा-हरा दिखता हैमुझे तो पतझड़ में,दिखने शुरू हुएसभी गिरते हुए,दिखते हैं। पँख कतरने के,शौक वालेतितली नहीं,वह बेटी हैदौड़ जाएगी … Read more

जीवन के अनुबन्ध

विजयलक्ष्मी विभा इलाहाबाद(उत्तरप्रदेश)************************************ गीत बनाये जब भी मैंने,छन्द सभी निर्बन्ध बन गये।मैंने इनको दी आज़ादी,इनने मुझको यश से बांधायह प्रतिदान मिला कि मेरी,आज़ादी में आई बाधा।ज्यों-ज्यों गीत बनाये नूतन,नये-नये प्रतिबन्ध बन गये…॥ बने गीत ही मेरी बस्ती,तथा कल्पना बनी सहेलीभावों ने आ-आकर मुझसे,निश दिन आँख मिचोनी खेली।यही हुई रिश्तों की सीमा,जो इनसे सम्बन्ध बन गये…॥ जो … Read more

इस देश की छवि निराली

जबरा राम कंडाराजालौर (राजस्थान)**************************** सदा रहा गौरवशाली है,इस देश की छवि निराली है। लड़ते रण राष्ट्र हितार्थ हैं,ज्ञानी करते शास्त्रार्थ हैं। पर्वों पे गलियां सजती हैं,मंदिर में झालर बजती है। जप-तप से तन-मन धोते हैं,यहां मंत्र उच्चारित होते हैं। धर्म परायण नर-नारी है,बच्चों की वो किलकारी है। बातों की जमती चौपालें,पंच-पंचायती ढंग-ढालें। सत्संगत-कीर्तन होता है,मन … Read more

देश के हालात

जसवीर सिंह ‘हलधर’देहरादून( उत्तराखंड)******************************************* बादलों की है नुमाइश शुष्क झीलों के शहर में।चाँदनी करती तमाशा राख टीलों के शहर में॥ पाँव दल-दल में सभी के और आगे बढ़ रहे हैं,देश के कानून का आलेख उल्टा पढ रहे हैं।हाथ में भाला लिए हैं कुटिल भीलों के शहर में,बादलों की है नुमाइश शुष्क झीलों के शहर में…॥ … Read more

जीवन की फुलवारी माँ

राजबाला शर्मा ‘दीप’अजमेर(राजस्थान)******************************************* नवरात्र विशेष…. सुखकारी,हितकारी,मंगलकारी माँ,जग सारा ये काँटा,तुम फुलवारी माँ। सब ने माँ मुझको ठुकराया,जग मुझ पर है हँसता आयातुम ही एक हितेषी मेरी,आस लिए तेरे दर आया।कष्ट मिटा दो,तुम हो तारण हारी माँ,जग सारा ये काँटा तुम फुलवारी माँ…। मन में है बस यही भावना,निशदिन तेरी हो आराधनानौ दिन पूजा और अर्चना,तन-मन … Read more