श्रीमती देवंती देवी
धनबाद (झारखंड)
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७५ बरस की आजादी का अमृत और हम सपर्धा विशेष….
शत-शत नमन है आपको,हे हमारे वीर शहीद,
दे गए हो आप सब आजादी,हे हमारे वीर शहीद।
बीत गए ७५ साल,आजाद भारत में रहते हैं,
आजाद भारत में हैं,भारतवासी सब कहते हैं।
जीवन खुशी का बीत रहा है,सभी हँस कर जीते हैं,
सुख-चैन की रोटी सब खाते हैं,मानो अमृत पीते हैं।
हे भारत के लाल,मेरे भारत के अनमोल रतन,
कठिन संघर्ष करके,आपने बचाया अपना वतन।
आजादी के बाद मित्रों,हम सब सभी हैं खुशहाल,
सोने की चिड़िया भारत देश है,दुश्मन है बेहाल।
जब से मिली है आजादी,धर्म-कर्म हम सब करते हैं,
माता-पिता बहन-बेटी गौ ब्राम्हण का पूजा करते हैं।
७५:साल हो गए हैं,भारत देश को आजाद हुए,
भारत देश का चौकीदार,दुश्मन भी बर्बाद हुए।
जब से देश आजाद हुआ है,नारी को सम्मान मिला
जैसे सूखे फूल की डाली में,फिर से फूल है खिला॥
परिचय–श्रीमती देवंती देवी का ताल्लुक वर्तमान में स्थाई रुप से झारखण्ड से है,पर जन्म बिहार राज्य में हुआ है। २ अक्टूबर को संसार में आई धनबाद वासी श्रीमती देवंती देवी को हिन्दी-भोजपुरी भाषा का ज्ञान है। मैट्रिक तक शिक्षित होकर सामाजिक कार्यों में सतत सक्रिय हैं। आपने अनेक गाँवों में जाकर महिलाओं को प्रशिक्षण दिया है। दहेज प्रथा रोकने के लिए उसके विरोध में जनसंपर्क करते हुए बहुत जगह प्रौढ़ शिक्षा दी। अनेक महिलाओं को शिक्षित कर चुकी देवंती देवी को कविता,दोहा लिखना अति प्रिय है,तो गीत गाना भी अति प्रिय है।