अद्भुत समर्पण

विजयलक्ष्मी विभा इलाहाबाद(उत्तरप्रदेश)************************************ धरती के भीतर से देख लिया प्रस्तर ने,छिप कर झरोखे से मेरा मृदु आननरंग को निखार वह,रूप को सँवार सखी,आया द्रुत सम्मुख बन मेरा लघु दर्पण। मैंने तो सोचा था मेरी छवि लखने को,मेरी ही अँखियाँ नित रहती अभिलाषी हैंलेकिन जब देखा छू शीशे के अन्तर को,समझी तब मेरे ही दर्पण प्रत्यासी हैं।दर्पण … Read more

चंचल हिरणी

वाणी वर्मा कर्णमोरंग(बिराट नगर)****************************** कुलांचे भरती हिरणी,चली वन की सैर कोमतवाली मदमाती,नवयौवना गुनगुनातीकस्तूरी चाहती।बेखबर आस-पास से,कोई शिकारी था वहांघात लगाए बैठा,अपनी चतुर निगाहों से,सब-कुछ भाँपता।हिरणी की कुलांचें,रास न आई उसेउसकी उन्मुक्त चाल,भायी न उसे।तीर छोड़ा उसने,प्रेम का विश्वास कातीर लगा सीधे हृदय में,हिरणी छटपटा उठीहाय निष्कपट चंचला,बिंध गई तीर से।शिकारी की धूर्तता रंग लाई,था उसने … Read more

चलो बचाऍं नदी हम

डॉ.राम कुमार झा ‘निकुंज’बेंगलुरु (कर्नाटक) **************************************** जल जीवन अनमोल है,गिरि पयोद नद बन्धु।तरसे नदियाँ जल बिना,जो जीवन रस सिन्धु॥ नदियों का पानी विमल,है जीवन वरदान।पूज्य सदा होतीं जगत,सिंचन खेत ज़हान॥ आकूल जग पानी बिना,नदी तडाग व कूप।जीव जन्तु निष्प्राण अब,भूख प्यास अरु धूप॥ नीर विषैला न बहे,सरिता निर्झर ताल।रहे स्वच्छ भू-जल नदी,वरना हो बदहाल॥ नदियाँ … Read more

‘युवा’ उम्र नहीं-अवस्था

संदीप धीमान चमोली (उत्तराखंड)********************************** युवा उम्र नहीं अवस्था हैयुवा दो धुरी की व्यवस्था है,भविष्य और अतीत के मध्य-वर्तमान-सी एक मध्यस्था है। शोभित,शोषित मध्य हैवृद्ध,बाल पोषित सानिध्य है,है गर्भ युवा गृहस्थी का-युवा उम्र नहीं अवस्था है। स्तम्भ,स्तब्ध-सा बिंदु हैबहता अविरल-सा सिंधु है,किनारों पर बैठे प्यासों की-ठहरे पोखर-सी अभ्यस्ता है। युवा ताना-बाना दो धुरी काहाट बिके,कभी घाट बिके,करे … Read more

नैतिकता का ज्ञान हो

बोधन राम निषाद ‘राज’ कबीरधाम (छत्तीसगढ़)*************************************** नैतिकता का ज्ञान हो,रखना अपना मान।सदाचरण की राह पर,चलना वीर जवान॥चलना वीर जवान,भावना द्वेष न लाना।सदा सत्य की राह,सभी को तुम्हीं बताना॥कहे ‘विनायक राज’,काम करना गंभीरता।जग में होवे नाम,सदा पथ हो नैतिकता॥

बैंकिंग प्रणाली कितनी न्याय-संगत ?

गोवर्धन दास बिन्नाणी ‘राजा बाबू’बीकानेर(राजस्थान)*********************************************** हाल ही में उच्चतम न्यायालय के न्यायमूर्ति धनंजय यशवंत चंद्रचूड़ ने एक आभासी कार्यक्रम में समाज के बौद्धिकों से जो कुछ आह्वान किया,उसका सारांश यही है कि तथ्यपरक आवाज उठाते रहना है। इसके कुछ ही दिन पहले टेलीविजन परिचर्चा के दौरान एक ख्याति प्राप्त कॉर्पोरेट विश्लेषक ने भी बैंकिंग प्रणाली से … Read more

‘इलाज-पत्र’ की नई पहल

डॉ.वेदप्रताप वैदिकगुड़गांव (दिल्ली) ******************************* प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने जिसे ‘आयुष्मान भारत डिजिटल मिशन’ कहकर शुरु किया है,उसे हिंदी में ‘इलाज-पत्र’ कहता हूँ। नौकरशाहों द्वारा यह अधकचरी अंग्रेजी में गढ़ा गया नाम यदि सादी भारतीय भाषा में होता तो वह आम आदमी की जुबान पर आसानी से चढ़ जाता लेकिन जो भी हो, यह ‘इलाज पत्र’ भारत … Read more

पितृ स्मरण…

एम.एल. नत्थानीरायपुर(छत्तीसगढ़)*************************************** पितृ पक्ष विशेष…. सदियों से आने-जाने,की अनवरत कड़ी हैसंबंधों के सेतु अर्पण,की सुनिश्चित लड़ी है। दिवंगत पितृजनों का,पुण्य स्मरण होता हैश्रद्धा और विश्वास से,सदा समर्पण होता है। पितृ सदैव आशीर्वाद,के रूप में समर्पित हैउनकी स्मृतियों में ही,यह जीवन अर्पित है। पितृ अंतःकरण की,भावनाओं से प्रेरित हैनिज आत्म संतुष्टि के,विचार अभिप्रेरित है। पितरों से … Read more

‘कलश’ व ‘सहज’ को मिला ‘काव्यश्री’ सम्मान

कोटा (राजस्थान)। विश्व का सबसे लंबा आभासी ऑनलाइन कवि सम्मेलन इंडिया वर्ल्ड रिकॉर्ड में शामिल किया जा चुका है। बुलंदी जज्बात-ए-कलम संस्था द्वारा आयोजित इस सम्मलेन में संस्थापक बादल व राष्ट्रीय उपाध्यक्ष राकेश शर्मा ने राजस्थान के जिला कोटा में रहने वाले कवि कपिल खंडेलवाल ‘कलश’ व डॉ. रघुनाथ मिश्र ‘सहज’ को ‘काव्यश्री’ सम्मान से … Read more

हिंदी है अभिमान

सुखमिला अग्रवाल ‘भूमिजा’मुम्बई(महाराष्ट्र)********************************************* भारत की आत्मा ‘हिंदी’ व हमारी दिनचर्या…. हिन्द देश की पावन सरिता,हिन्दी जिसका नाम हैजन-जन के दिल में बहती,भारत का सम्मान है। हिन्दी भाषा सरल मधुर,बिन्दी सोहे भाल हैछंदों-गीतों में छलके,अनुपम अद्भुत ताल है। हिन्दी अलंकृत आन-बान,मातृभाषा विज्ञान हैइसकी छाँव तले जीवन,सुरभित सुमन सुजान है। भावों के हैं शब्द निराले,शब्द कमल सजते … Read more