हिन्दी को अस्मिता की लड़ाई स्वयं लड़ना होगी
विजयलक्ष्मी विभा इलाहाबाद(उत्तरप्रदेश)************************************ भारत की आत्मा ‘हिंदी’ व हमारी दिनचर्या…. आज़ादी के बाद जहां हिन्दी को निरन्तर प्रगति पथ पर अग्रसर दिखना चाहिए था,जहां उसे राष्ट्रभाषा के गौरवपूर्ण पद पर प्रतिष्ठित किया जाना चाहिए था,जहां उसे ग्रामीणांचलों से निकल कर विश्व पटल तक अपनी पहुंच बनाना चाहिए थी,जहां उसे न्यायालय से लेकर राजनीति के उच्चासनों तक … Read more