हिन्दी को अस्मिता की लड़ाई स्वयं लड़ना होगी

विजयलक्ष्मी विभा इलाहाबाद(उत्तरप्रदेश)************************************ भारत की आत्मा ‘हिंदी’ व हमारी दिनचर्या…. आज़ादी के बाद जहां हिन्दी को निरन्तर प्रगति पथ पर अग्रसर दिखना चाहिए था,जहां उसे राष्ट्रभाषा के गौरवपूर्ण पद पर प्रतिष्ठित किया जाना चाहिए था,जहां उसे ग्रामीणांचलों से निकल कर विश्व पटल तक अपनी पहुंच बनाना चाहिए थी,जहां उसे न्यायालय से लेकर राजनीति के उच्चासनों तक … Read more

भारत की आत्मा रसी दिनचर्या हिंदी

डॉ. आशा गुप्ता ‘श्रेया’जमशेदपुर (झारखण्ड)******************************************* भारत की आत्मा ‘हिंदी’ व हमारी दिनचर्या…. जन्म से है जुड़ी हमारी हिंदी,रक्त में मिल चल रही है हिंदीहिंदी बिन अस्तित्व मैं जानूँ ना-मचल-मचल कहूँ हमारी हिंदी। सदियों से पली भारत की हिंदी,संपर्क की लाड़ली बेटी हिंदीसंपर्क की भाषा है गरिमामयी-भारत के कण-कण रसी हिंदी। दिनचर्या शुरू करें बोली हिंदी,शब्दों … Read more

भारत माता की बिंदी ‘हिंदी’

श्रीमती देवंती देवीधनबाद (झारखंड)******************************************* भारत की आत्मा ‘हिंदी’ व हमारी दिनचर्या…. अभिमान मुझे है भारत पर,मैं भारत की बेटी हूॅ॑,भाषा मेरी हिन्दी है,मैं हिन्दी बोली बोलती हूॅ॑। सबसे सुन्दर सबसे प्यारी भाषा मेरी है हिन्दी,भारत माता की तस्वीरों में हिन्दी की है बिन्दी। भारत मेरी मातृभूमि,संस्कार यहीं उपजते हैं,भारत माता के पुत्र-पुत्री संस्कारी कहलाते हैं। … Read more

हिन्द की पुत्री हिन्दी

डाॅ. पूनम अरोराऊधम सिंह नगर(उत्तराखण्ड)************************************* भारत की आत्मा ‘हिंदी’ व हमारी दिनचर्या…. हिन्द की पुत्री हूँ,संस्कृत मेरी माता हैहिन्दुस्तान आत्मा मेरी,हिन्दी मेरा नाम हैलोक कल्याण की सेवा में,सदा समर्पित रहती हूँअसंख्य शब्द रत्नों से निभृत,भावों का विराट स्रोत हूँ। सम्पूर्ण विश्व को अपने,अतुल ज्ञान और शक्ति सेउदीप्त रखने की,प्रतिपल चेष्टा करती हूँउन्नत चेतना का माध्यम … Read more

अपने

शंकरलाल जांगिड़ ‘शंकर दादाजी’रावतसर(राजस्थान) ****************************************** भुला कर बैर सबका साथ में रहना जरूरी है,कहा है सच बुजुर्गों ने जुड़े रहना जरूरी है।जो पत्ता डाल से टूटे वो जोड़ा नहीं सकता,उजाला घर में चाहे घर का दीपक भी जरूरी है।अगर परिवार है संग में अकेला क्यों रहें बोलो,अलग अपनों से रह कर ज़िन्दगी रहती अधूरी है॥ रहे … Read more

अब पूरा आसमां मेरा है

डॉ. रचना पांडेभिलाई(छत्तीसगढ़)*********************************************** जिस घर में मेरी किलकारियां गूंजती थी,जिस छत के नीचे मैं खेली-बड़ी हुईउसी आँगगन की यादें मुझमें बसती हैकमरे के कोने में शीशा-बिंदी अभी भी सजी हुई हैं। अग्नि के सात फेरे से बिछड़ गई मैं,बाबा जबसे तुमसे विदा हुई हूँतुम्हारी यादों के सहारे जिंदा हूँ,आज भी मैं अपनी चमक तुम्हारी आँखों … Read more

हिंदी हिंदुस्तान

बोधन राम निषाद ‘राज’ कबीरधाम (छत्तीसगढ़)************************************** भारत की आत्मा ‘हिंदी’ व हमारी दिनचर्या…. रचना शिल्प:मात्रा भार १६/१३/ हिन्द देश के हैं हम वासी,हिंदी मेरी जान है।तन-मन सब-कुछ वार दिया है,इस पर जां कुर्बान है॥ नमः मातरम् नमः मातरम्,धरती का यह राग है।भारतवासी बेटे हैं हम,सबकी यही जुबान है॥हिन्द देश के हैं हम… अंग्रेजी पढ़ लेना तुम … Read more

हिंदी है तो हम हैं

गोपाल चन्द्र मुखर्जीबिलासपुर (छत्तीसगढ़)************************************** भारत की आत्मा ‘हिंदी’ व हमारी दिनचर्या…. हिंदी मेरे देश की भाषा हैजिसमें निहित है परिचय मेरा,सुंदर सुगम मिलनसार है वह-सरलता से भरे आत्मीयता। हिंदुस्तान यदि मिलनसार हैयह सीख सिखाई वह हिंदी ही है,जैसे वह जोड़े है एकता के तार-दरिया किनार से पर्वत के पार। लफ़्जों में खिलती है वह मधुरता … Read more

आत्मा में बसी हिंदी

मनोरमा जोशी ‘मनु’ इंदौर(मध्यप्रदेश)  ***************************************** भारत की आत्मा ‘हिंदी’ व हमारी दिनचर्या…. वंदे मातरम की शान है हिंंदी,भारत की आत्मा में बसी हिंदीदेश का मान है हिंदी,हमारा अभिमान है हिंदी। सब भाषा से सहज हिंदी,संविधान का गौरव हिंदीभारत की चेतना हिंदी,भारत की पहचान हिंदी। आदर्शों की मिसाल हिंदी,सूर और मीरा की तान है हिंदीवक्ताओं की शक्ति … Read more

हिंदी मेरी पहचान,अस्मिता

नमिता घोषबिलासपुर (छत्तीसगढ़)**************************************** भारत की आत्मा ‘हिंदी’ व हमारी दिनचर्या…. हर एक देश की पहचान उस देश की भाषा और संस्कृति से ही होती है। किसी भी देश की एकता और स्थायित्व में उस देश की राष्ट्रभाषा की अहम व महत्वपूर्ण भूमिका होती है।कवि ने कहा है -‘निज भाषा उन्नति अहै,सब उन्नति को मूल,बिन निज … Read more