सुख रहे घर-परिवार से

आशा आजाद`कृति`कोरबा (छत्तीसगढ़) ******************************************* घर-परिवार स्पर्धा विशेष…… साथ घर-परिवार के रह सर्वदा।पीर होती,काम आते हैं सदा। सत्य ही तो एक बस आधार है।प्रेम बसता है जहाँ परिवार है॥ आस है…

Comments Off on सुख रहे घर-परिवार से

भूल गए उस परम्परा को

गोपाल चन्द्र मुखर्जीबिलासपुर (छत्तीसगढ़)********************************* घर-परिवार स्पर्धा विशेष…… सदस्य तो हम सब हैं,एक ही परिवार केआसमान तो एक छत है,जन्म दिए हैं माँ धरती।सब-कुछ दिए हैं प्रकृति,जो जीने के लिए जरूरीइंसान…

Comments Off on भूल गए उस परम्परा को

वसुधा को परिवार बनाएं

अमल श्रीवास्तव बिलासपुर(छत्तीसगढ़) *********************************** घर-परिवार स्पर्धा विशेष…… ममता,समता,शुचिता से युत,नव-नूतन संसार बसाएं।सामाजिक चेतना जगाकर,वसुधा को परिवार बनाएं॥ खूब बढ़ा विज्ञान किंतु क्यों,भ्रातृ-भावना मुकर गई है ?कलुष,कालिमा चढ़ जाने से,शक्ति हमारी बिखर…

Comments Off on वसुधा को परिवार बनाएं

वक़्त दिखायेगा आईना

रेणू अग्रवालहैदराबाद(तेलंगाना)************************************ जीवन में मिलता मक्कार क्यों है।होते दोगले उसके व्यवहार क्यों है। बेचारी मासूम मछली काँटे में फंस गई,जिंदा होती मछली शिकार क्यों है। लूटने के लिये ज़ालिम ढूँढते…

Comments Off on वक़्त दिखायेगा आईना

चलो लगाएँ वृक्ष हम

डॉ.राम कुमार झा ‘निकुंज’बेंगलुरु (कर्नाटक) *********************************** खुद जीवन का रिपु मनुज,खड़े मौत आगाज।बिन मौसम छायी घटा,वायु प्रदूषित आज॥ भागमभागी जिंदगी,बढ़ते चाहत बोझ।सड़क सिसकती जिंदगी,वाहन बढ़ते रोज॥ चकाचौंध उद्यौगिकी,नभ में फैला…

Comments Off on चलो लगाएँ वृक्ष हम

गुड़िया रानी

प्रिया देवांगन ‘प्रियू’ पंडरिया (छत्तीसगढ़) ************************************ छन्न पकैया छन्न पकैया,छोटी गुड़िया रानी।सुनो-सुनो सब भैया-दीदी,इसकी एक कहानी॥ छन्न पकैया छन्न पकैया,चलती सड़क किनारे।एक हाथ गुलदस्ता पकड़े,दूजे में गुब्बारे॥ छन्न पकैया छन्न…

Comments Off on गुड़िया रानी

फिर एक खुशनुमा सुबह होगी

डॉ.हेमलता तिवारीभोपाल(मध्य प्रदेश)*********************************** अभी दिन नहीं निकला,चिड़िया चहचहा उठी। उनके शोरगुल से आँगन,में बिस्तर से दौड़कर मैंबाहर आ गई। बहती हुई ठंडी हवा,तीन-चार गिलहरियांदौड़कर पेड़ पर चढ़ गई। दोनों पालतू…

Comments Off on फिर एक खुशनुमा सुबह होगी

कोई पूछे तो बतलाएँ

सरफ़राज़ हुसैन ‘फ़राज़’मुरादाबाद (उत्तरप्रदेश)**************************** मुहब्बत किसको कहते हैं कोई पूछे तो बतलाएँ।के चाहत किसको 'कहते हैं कोई पूछे तो बतलाएँ। नज़र' जब से मिली उस 'से अजब-सा हाल है दिल…

Comments Off on कोई पूछे तो बतलाएँ

तभी सुखी,जब मिल के रहते हैं

श्रीमती देवंती देवीधनबाद (झारखंड)************************************ घर-परिवार स्पर्धा विशेष…… सुना रही हूँ आज मैं कहानी घर परिवार की,सुन्दर रीत है सभी जगह,हर घर संसार की। घर परिवार में भाई-भाई मिलजुल कर सभी…

Comments Off on तभी सुखी,जब मिल के रहते हैं

बिना घर-परिवार के अधूरी है हर रीति

आरती जैनडूंगरपुर (राजस्थान)********************************************* घर-परिवार स्पर्धा विशेष…… बीस दिन से एक कमरे में बंद हैं,उन्हें पूछो क्या है घर-परिवारनहीं किसी का आज,मेरे हाथों में हाथ हैदर्द में नहीं किसी,का संग मेरे…

Comments Off on बिना घर-परिवार के अधूरी है हर रीति