मेरी पहचान हिंदी

तारा प्रजापत ‘प्रीत’रातानाड़ा(राजस्थान) ****************************************** हिंदी दिवस विशेष….. हिन्द देश केहम हैं वासी,हिंदी हमारीभाषा है।नाम हो इसकाविश्व पटल पर,ये हमारीअभिलाषा है॥क़ीमत समझोस्वदेशी की,विदेशी कातिरस्कार करो।बोल-चाल मेंकेवल हिंदी,हिंदी परउपकार करोसिर्फ क़ानूनकी क़िताब में नहीं,व्यवहार मेंइसे लाना है।क़दर करोहिंदी की,जो मातृ-भाषाइसे माना है॥हिंदी में ही होहमारे सब,सरकारी काम।न हो हम अबकिसी और,भाषा के ग़ुलाम॥विडम्बना देखोहम हिंदी भी,अंग्रेज़ी में लिखते … Read more

हिंदी मेरी कहानी

उमेशचन्द यादवबलिया (उत्तरप्रदेश) *************************************************** हिंदी दिवस विशेष…… हिंदी है मेरा जीवन,हिंदी मेरी कहानीहिंदी है मेरा जीवन,हिंदी मेरी कहानी।मेरे दिल में हिंदी रहना…हाए…मेरे दिल में हिंदी रहना बन प्यार की निशानी।हिंदी है मेरा जीवन हिंदी मेरी कहानी,हिंदी है मेरा जीवन हिंदी मेरी कहानी॥ हिंदी की कविता ऐसे,मिसरी घुली हो जैसेहिंदी की कविता ऐसे,मिसरी घुली हो जैसे।ना इसमें … Read more

पैसों की बेबसी

डॉ.राम कुमार झा ‘निकुंज’बेंगलुरु (कर्नाटक) ********************************************** पैसों का नित जंग है,पैसा ही नवरंग।रिश्ते-नाते मान यश,बिन पैसे बदरंग॥ पैसे ही ऊँचाइयाँ,पैसा ही सम्मान।पैसों के महफ़िल सजे,पैसा ही भगवान॥ पैसों पर शिक्षा टिकी,पैसों पर रोज़गार।हो समाज में हैसियत,रिश्तों का आधार॥ नीचे से संसद तलक,बस पैसों का खेल।आजीवन हर काम में,पैसों का गठमेल॥ रोज-रोज का झूठ छल,राग-द्वेष अपमान।बस … Read more

मेरी निद्रा

संदीप धीमान चमोली (उत्तराखंड)********************************** सामना नहीं हुआ,कभी देखा नहीं,नींद से साक्षात्कार कभी सोचा नहीं। कैसे गिरा,कैसे खोया,आगोश में,कभी नींद में मैंने,नींद से पूछा नहीं। अन्तर्मन में,उस चेतन जन में,कोष-कोष भीतर मन मेंडूबा नहीं। आती-जाती,बिन बताए आ ही जाती,गिरा ख्वाब,कैसे ? मैंने खोजा ही नहीं। कौन-सी आँखों से मैं देखूं उसको,दृष्टांत का दृष्टा से कभी पूछा ही … Read more

‘हिंदी दिवस’ की औपचारिकता

डॉ.वेदप्रताप वैदिकगुड़गांव (दिल्ली) ******************************* हिंदी दिवस विशेष…… ‘हिंदी दिवस’ हम हर साल १४ सितंबर को मनाते हैं, क्योंकि इसी दिन १९४९ को संविधान सभा ने हिंदी को राजभाषा बनाया था,लेकिन क्या आपने कभी सोचा कि हिंदी वास्तव में भारत की राजभाषा है भी या नहीं ? यदि हिंदी राजभाषा होती तो कम से कम भारत का … Read more

बना वक्त पहला शिक्षक

हीरा सिंह चाहिल ‘बिल्ले’बिलासपुर (छत्तीसगढ़) ************************************** शिक्षक:मेरी ज़िंदगी के रंग’ स्पर्धा विशेष….. बना वक्त पहला शिक्षक,ये है साथ जन्म से ही।करूँ कद्र मैं सभी की,मुझे सीख पहली ये दी।बना वक्त पहला शिक्षक…॥ रखूं मैं सुकूं हमेशा,मुझे सब्र भी सिखाया,करे दिल अदब सभी का,ये हालत ने बताया।जले प्रेम ज्योति मन में रहे बिखरी रौशनी भी,बना वक्त … Read more

श्रेष्ठ व्यक्ति होता है़ ज्ञान दाता

गोवर्धन दास बिन्नाणी ‘राजा बाबू’बीकानेर(राजस्थान)*********************************************** शिक्षक:मेरी ज़िंदगी के रंग’ स्पर्धा विशेष….. यह सर्वविदित तथ्य है कि शिक्षा से ज्ञान प्राप्ति होती है। यही ज्ञान वर्द्धन व्यक्ति के व्यक्तित्व को निखार देता है यानि ज्ञान से ही सर्वांगीण विकास सम्भव है। यहाँ सर्वांगीण विकास से मतलब विनय, पात्रता,धन,धर्म व सुख सभी कुछ,और यही सारे तथ्य बहुत पहले … Read more

शिक्षक: रंग मेरी जिंदगी के

दुर्गेश कुमार मेघवाल ‘डी.कुमार ‘अजस्र’बूंदी (राजस्थान)************************************************** शिक्षक:मेरी ज़िंदगी के रंग’ स्पर्धा विशेष….. आज भी याद है,वो हमारा छोटा-सा छुटपन…वो माँ (प्रथम गुरु )का हमारे प्रति प्रेम अर्पण। आज भी याद है,वो प्यार भरी जादू की झप्पी…वो कितनी ही बार खुश होकर पप्पी। आज भी याद है,वो सभी सम्मानीयजन को नमस्कार…और देना इससे भी अच्छे-अच्छे संस्कार। … Read more

शिक्षक की महिमा अपरम्पार

उमेशचन्द यादवबलिया (उत्तरप्रदेश) *************************************************** शिक्षक:मेरी ज़िंदगी के रंग’ स्पर्धा विशेष….. मानव से मनुष्य बनाते हैं,हरदम सर्वस्व लुटाते हैंशिक्षक अपने सुकर्मों से,शिष्यों को खूब चमकाते हैं,बने भविष्य छात्रों का अपनेगला फाड़ चिल्लाते हैं,कहे ‘उमेश’ शिक्षक की महिमा,शिक्षक ही बतलाते हैं। पावे ज्ञान जो आवे द्वार,ज्ञान की है जहाँ भरमारअपना जीवन वारे शिष्यों पर,प्रश्नोत्तर की करें बौछारनैतिकता की … Read more

शिक्षक सॅ॑वारते ज़िन्दगी

श्रीमती देवंती देवीधनबाद (झारखंड)******************************************* शिक्षक:मेरी ज़िंदगी के रंग’ स्पर्धा विशेष….. शिक्षक(श्रेष्ठ गुरु)की शिक्षा ही जीवन को सँवारती है़। जब तक इंसान शिक्षक की शरण में नहीं जाता है,तब तक वो ज्ञानहीन ही रहता है। शिक्षक की शरण में जाने से,उनकी आज्ञा पालन करने से, मनुष्य के जीवन का रंग ही बदल जाता है,और इंसान हर … Read more