संभव

डॉ. मनोरमा चन्द्रा ‘रमा’रायपुर(छत्तीसगढ़)******************************************* सब संभव संसार में,बदले जन हैं वेश।अपने मतलब के लिए,शोषित करते देश॥ संभावित परिणाम से,हुआ हृदय बेचैन।विफल भाव आभास से,आँसू बरसे नैन॥ मन छोटा करना नहीं,है संभव सब काज।नियमित कर अभ्यास तू,मिले सफलता आज॥ नेकी करने जो चला,वही बना अनजान।कलियुग में संभव कहाँ,माने जन अहसान॥ नित्य बड़ो का मान रख,कर संभव … Read more

डॉ. हेमलता दिखित स्मृति प्रथम सम्मान कहानीकार डॉ. सीमा व्यास को

इंदौर (मप्र)। शिक्षाविद् डॉ. हेमलता दिखित की स्मृति में श्रीमती अर्यमा सान्याल के सौजन्य से प्रतिवर्ष एक उदयमान साहित्यकार को सम्मानित किया जाएगा। इस क्रम में इस वर्ष का प्रथम सम्मान कहानीकार डॉ. सीमा व्यास (इन्दौर) को दिए जाने का निर्णय चयन समिति ने लिया है। श्री मध्यभारत हिन्दी साहित्य समिति के प्रधानमंत्री प्रो. सूर्यप्रकाश … Read more

यह उम्र बीत रही

संजय गुप्ता  ‘देवेश’ उदयपुर(राजस्थान) *************************************** यह उम्र बीत रही है,जैसे-तैसे करते-करते।और क्या माँगूं मोहन,थक गया कहते-कहते॥ तुम ही हो एक सहारा,दिखलाओगे किनारा।अब तेरा ही है आसरा,लुट गया सहते-सहते॥थक गया कहते-कहते… इस जग ने यूँ पकड़ा,मोह-माया ने जकड़ा।मैं भवसागर से बच के,आ गया हूँ बहते-बहते॥थक गया कहते-कहते… देखा यह सारा तमाशा,अब तुझसे ही है आशा।अब मन नहीं … Read more

निर्माण नवल मानक पतझड़

डॉ.राम कुमार झा ‘निकुंज’बेंगलुरु (कर्नाटक) **************************************** जर्जरता बस पतझड़ जीवन,अपमानित कभी मत कीजिए।हम भी कभी थे पूजनीय,तरुणाई परवान समझिए। बाल यौवन जरा अवस्था जीवन,आदिकाल चिर रीति समझिये।स्थिति नहीं अविचल रहती जग,समझ पतझड़ से प्रीति कीजिए। नवयौवन उन्माद अनल जल,शौर्य परायण जोश समझिए।अपमान करे जो जरा वयस,खोता दम्भित होश समझिए। नवपादप किसलय बाल रूप,अभिनव कोमल लाड़ … Read more

आए गणेश संकट हरने

हीरा सिंह चाहिल ‘बिल्ले’बिलासपुर (छत्तीसगढ़) ************************************** गणेश चतुर्थी विशेष…. हर भाद्रमास की शुक्ल चतुर्थी का प्यारा दिन जब भी आया,हर्षित होता मन ये बनके गणेश चतुर्थी का दिन आया।हर भाद्रमास की शुक्ल चतुर्थी… वो विघ्नहर्ता संकट हरते,हर काम सफल सबके करते,मोदक प्यारा उनको है बहुत,मूषक की सवारी जो करते।हैं एक दन्त वो दयावंत हर जीवन … Read more

राष्ट्रभाषा की आवश्यकता क्यों ?

राधा गोयलनई दिल्ली****************************************** हमारे देश को आजाद हुए ७४ वर्ष हो चुके लेकिन आज तक हम अपनी मातृभाषा को राजभाषा तक नहीं बना पाए। संविधान में स्पष्ट लिखा था कि हिन्दी राजभाषा के रुप में स्थापित होगी,लेकिन अंग्रेजों के चाटुकारों ने ऐसा होने नहीं दिया। यदि उसी समय इसके प्रति सख्ती बरती जाती तो आज … Read more

कट्टरपंथ का अंधानुकरण न करें

डॉ.वेदप्रताप वैदिकगुड़गांव (दिल्ली) ******************************* राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के मुखिया डॉ.मोहन भागवत ने एक सभा में कहा कि मुसलमान नेताओं को कट्टरपंथियों के खिलाफ दो-टूक रवैया अपनाना चाहिए। यह भी कहा कि यह ऐतिहासिक सत्य है कि भारत में इस्लाम विदेशी हमलावरों की वजह से आया है,लेकिन साथ-साथ यह भी कहा कि सारे भारतीयों का डीएनए एक … Read more

झोली भर दीजिए

अजय जैन ‘विकल्प’इंदौर(मध्यप्रदेश)****************************************** गणेश चतुर्थी विशेष…. हे गौरी नन्दन,करता हूॅ॑ वन्दन,चरणों में मुझे लीजिए।हर ओर प्रताप आपका,ज्ञान मुझको दीजिए। सब देवों के प्रिय हैं आप,रिद्धि-सिद्धि के दाता,प्रथम पूज्य श्रीगणेश करूं विनती यही,दु:ख हर लीजिए। आप ही तो प्रथम पूज्य,आपसे ही सब नव काज,चिन्ताएं-कुंठाएं हजार प्रभु,थोड़ी कृपा तो कीजिए। मूषकराज है सवारी,लड्डू-मोदक प्रिय आपको,एक दंत,ज्ञान वंत,साकार … Read more

सृजन का दीप जले दिन-रात

तारा प्रजापत ‘प्रीत’रातानाड़ा(राजस्थान) ****************************************** कैसे भी हों चाहे हालात,सृजन का दीप जले दिन-रात। जीवन में हज़ार कुंठाएँ होंया फिर चिन्ताओं का तूफ़ान,कभी ना छोड़ो ईश्वर का हाथ…सृजन का दीप जले दिन-रात। कभी जो हो जाओ अकेलेकोई न हो तेरा अपना-पराया,हर क़दम पे तेरे सच है साथ…सृजन का दीप जले दिन-रात। हर पल तुम मुस्कराते रहनाख़ुशियों की … Read more

गजानन आराधना

दुर्गेश कुमार मेघवाल ‘डी.कुमार ‘अजस्र’बूंदी (राजस्थान)************************************************** गणेश चतुर्थी विशेष…. गजानन आओ नी इक बार…।गजानन आओ नी इक बार…।निसदिन तेरी बाट मैं जोहूं,बैठूं पलक बुहार…।गजानन आओ नी इक बार…॥ धूप-दीप और फल-फूलों से ,तुझको भोग लगाऊँ।लगा तेरे अगर और चंदन,मैं श्रृंगार सजाऊँ।तुमसे करूं एक ही बिनती,दर्शन अब दे जाओ।गजानन आओ नी इक बार…।गजानन आओ नी इक … Read more