तेरी रज़ा के चराग़

सुश्री अंजुमन मंसूरी ‘आरज़ू’छिंदवाड़ा (मध्य प्रदेश)******************************************* उमीद के रखें हम दिल में यूँ सजा के चराग़,हवा में जैसे रखे जाते हैं जला के चराग़। सभी के हक़ में दुआ आइए…

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जहर से बचा

विनोद सोनगीर ‘कवि विनोद’इन्दौर(मध्यप्रदेश)************************************* मेरे मालिक इस कहर से बचा,इस आबो-हवा जहर से बचा। मौतों का जो तांडव फैला है,सारी कौम को लहर से बचा। घोंसले घर से बिछड़ने लगे…

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नारी वो भी वृद्धा

डॉ.अर्चना मिश्रा शुक्लाकानपुर (उत्तरप्रदेश)*************************************** जब अन्तिम चरण पहुंचती है,वृद्धा, काया वह शक्तिहीन,मन की फिर बात न होती है,न सुदृढ़ सहारा उसका हो,जहाँ प्रेम समर्पण वार दिएसौंपा ना था सब छीन…

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‘कें चु आ’ वास्तव में बिना रीढ़-दांत का शेर !

डॉ.अरविन्द जैनभोपाल(मध्यप्रदेश)****************************************** मद्रास उच्च न्यायालय द्वारा केन्द्रीय चुनाव आयोग यानी 'के.चु.आ.' को फटकार के साथ कहा गया कि,चुनाव के कारण होने वाली मौतों के लिए चुनाव आयोग जिम्मेदार है। इस…

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ना कर उपहास

श्रीमती देवंती देवीधनबाद (झारखंड)************************************ देख कर गरीबी तुम किसी का नहीं उपहास करना,हम सब भारत माँ के पुत्र हैं,धरती पर ही है रहना। सबका मालिक एक है,एक सबका पालनहारा है,जगत…

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जीवन है अनमोल

रोहित मिश्रप्रयागराज(उत्तरप्रदेश)*********************************** हमारा जन्म इस जगत में एक विशेष प्रयोजन के तहत हुआ है। इस जगत में हम अपने निर्धारित कार्य को संपादित करने के लिए आते हैं। ये दुनिया…

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भूचालों की बुनियादों पर

आशा आजाद`कृति`कोरबा (छत्तीसगढ़) ******************************************* भूचालों की बुनियादों पर,बना रखा है घर।स्वप्न सलोने बुनती हूँ मैं,आशा है सुंदर॥ अनजानों से रिश्तें कहते,सभी पराये हैं,पर अपने निज रिश्ते मानें,काम न आए हैं।पग-पग…

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कदम बढ़ाना ही होगा

अनिता मंदिलवार  ‘सपना’ अंबिकापुर(छत्तीसगढ़) ************************************************** चाहती हूँ,बहुत दूरचली जाऊँ,आवाज देनेपर भी,लौट न पाऊँ।अब इत्मीनान है,अकेला कोई नहींसब हैं साथ,अब आराम कीदरकार है।चिरनिद्रा,बुलाती है हमेंकदम,बढ़ाना ही होगावादे निभाये कम,टूटते ज्यादा हैं।जीवन,बना…

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उधार

मयंक वर्मा ‘निमिशाम्’ गाजियाबाद(उत्तर प्रदेश) *************************************** "ठक ठक""हाँ कौन ?" ऑफिस के दरवाज़े पर दस्तक सुनकर गुंजन बोली।"हैलो मैम,मैं गौरव, कॉलेज का ही विद्यार्थी हूँ।""तो ? आपको पता नहीं क्या माहौल…

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बचपन

डॉ. जानकी झाकटक(ओडिशा)************************ बचपन की नादानियां,दोस्तों संग बदमाशियांछिप-छिप कर भाई-बहनों संग,घर पर होती शैतानियां।न किसी बात की फिक्र,न किसी बात का गमपलक झपकते सब मिल जाता,दादा-दादी के प्यार से मन…

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