सरकारी जासूसी पर हंगामा

डॉ.वेदप्रताप वैदिकगुड़गांव (दिल्ली) ******************************* हमारी संसद के दोनों सदन पहले दिन ही स्थगित हो गए। विपक्षी सदस्यों ने सरकारी जासूसी का मामला जोरों से उठा दिया है। उन्होंने सरकार पर आरोप लगाया कि वह देश के लगभग ३०० नेताओं,पत्रकारों और जज आदि पर जासूसी कर रही है। इन लोगों में २ केंद्रीय मंत्री,३ विरोधी नेता, ४० … Read more

लघुकथा को अपनी प्रकृति व शिल्प से बाहर नहीं निकलना चाहिए-प्रो. खरे

मंडला(मप्र)। लघुकथा की विशेषता यही होती है कि वह लघु होते हुए भी तीक्ष्ण व प्रभावशाली होती है। लघुकथा जितनी सधी व कसी हुई होगी,उतनी ही अधिक सफल होगी। लघुकथा को भी इतना विस्तार नहीं देना चाहिए कि वह अपनी प्रकृति व शिल्प के ही बाहर निकल जाए।यह बात भारतीय युवा साहित्यकार परिषद के तत्वावधान … Read more

कसक प्यार की

रेणू अग्रवालहैदराबाद(तेलंगाना)************************************ महफ़िल-महफ़िल ज़िक्र तेरा चलता रहा,दिल मेरा तुमसे मिलने को मचलता रहा।ज़िन्दगी में छा गये हो बादलों की तरह,इंतज़ार में ग़मे वक़्त भी तो ढलता रहा॥ कुछ न थी ज़िन्दगी मेरी,फ़क़त सन्नाटों का शोर था।प्यासा प्यासा दिल था मेरा,रेगिस्तान ही चहुँ ओर था॥ मिलकर तुमसे बहारें मिली है,सूखे दिल में कलियाँ खिली है।बने रहो … Read more

मजे में हूँ…

क्रिश बिस्वालनवी मुंबई(महाराष्ट्र)******************************** घुटने बोलते हैंलड़खड़ाता हूँ,छत पररेलिंग पकड़कर जाता हूँ,दाँत कुछ ढीले हो चलेरोटी डुबा कर खाता हूँ,वो आते नहींबस फोन पर पूछते हैं-कि कैसा हूँ ?बड़ी सादगी से कहता हूँ-मजे में हूँ,मजे में हूँ। दिखता है सबपर वैसा नहीं दिखता,लिखता हूँ सबपर वैसा नहीं लिखता,आसमान और आँखों के बीच अबकुछ बादल सा है … Read more

विज्ञान ने बिखराए नव रंग

प्रो.डॉ. शरद नारायण खरेमंडला(मध्यप्रदेश) *********************************************** ख़ूब रचा विज्ञान ने,सुविधा का संसार।जीवन में सुख भर गया,दिखता जीवन-सार॥ आना-जाना,परिवहन,लेन-देन,संचार।नए सभी कुछ हो गए,शिक्षा अरु व्यापार॥ दूर बैठ संवाद हो,चित्र,वीडियो संग।सचमुच में विज्ञान ने,बिखराये नव रंग॥ जीवन हरसाने लगा,विज्ञानी सौगात।पर यंत्रों से हो गए,मानव के जज़्बात॥ लाइव टेलीकास्ट है,एसी,फ्रिज,जलयान।वायुयान,बिजली सुखद,मोबाइल की शान॥ पर इंसां आराममय,श्रम से है वह … Read more

मेरा गाँव

डॉ. वंदना मिश्र ‘मोहिनी’इन्दौर(मध्यप्रदेश)************************************ वो सकरी पगडंडी,कच्ची-सी मेड़,छोटे-छोटे खट्टे-मीठे बेरी के पेड़पुराना बूढ़ा बरगद,पीपल का पेड़,पलाश पर दहकते लाल-लाल फूल।ऐसा था मेरा गाँव… वो बल खाती कच्ची,ऊबड़-खाबड़,पगडंडियों से गुजरा,मेरा बचपनवो खेत की मड़िया,पुरानी सी खाट,पिता के हाथों में,कलेवे का डब्बावो डूबता धूल भरा,गुनगुनाता दिन,सावन की भीगती साँझवो खेत,खलिहान,ऐसी थी मेरी बचपन की शानघरों से उठता … Read more

सावन में खुशियाँ मिलें

रोहित मिश्रप्रयागराज(उत्तरप्रदेश)*********************************** सावन के पावन अवसर पर,खुशियाँ मिले अपार।दिलों की दूरियाँ मिटे,और बढ़े सम्मान।अच्छा बीते हर दिन,हर पल,अच्छे रहें विचार।भोले की कृपा रहे हम सब पर,निर्मल रहे संस्कार।सफलताएं नित नर्ई मिलें,बधाई मिले हर बार।मंगलमय हो काज आपके,सुखी रहे परिवार।सावन के इस मौसम में,मेघा बरसे हर बार।

सीखने का नाम ही विद्यार्थी जीवन

अमृता धनंजय यादवमुम्बई (महाराष्ट्र)*************************************** मेरा विद्यार्थी जीवन स्पर्धा विशेष ……. जीवन का सबसे उत्साह और उमंगमय भरा समय विद्यार्थी जीवन होता है,क्योंकि इन दिनों हम दिमाग के एक कोने मे शरारतें तो दूसरे में सपने बुनते हैं। डर भी बहुत लगता है,पर ‘जो डर गया सो मर गया’, ऐसा कह कर हर चीज करने के … Read more

शीश झुकाओ परमेश्वर को

डॉ. अनिल कुमार बाजपेयीजबलपुर (मध्यप्रदेश)************************************* कौन बनाता चाँद-सूरज,कौन बनाता आज-कलकौन बनाता पुष्प बाग़ के,कौन बनाता नदी कल-कल। कौन बनाता टिमटिम तारे,कौन बनाता दिन और रातकौन बनाता मदहोश बसंत,कौन बनाता गर्मी-बरसात। कौन बनाता भाव हृदय के,कौन बनाता मन के विचारकौन बनाता हँसी अधरों की,कौन बनाता आँसू की धार। कौन बनाता इन साँसों को,कौन बनाता सुंदर जीवन … Read more

चाँद-सी चमक रही हो

संदीप धीमान चमोली (उत्तराखंड)********************************** तुम सुनाओ,हम बेजुबान हो जाते हैं,हसीं फिजाओं में कद्रदान हो जाते हैं। महक रही हो तुम इन फूलों की तरह,बगीचा तुम,हम गुलफाम हो जाते हैं। चाँद-सी चमक रही हो धूप में भी तुम,चाँद तुम,हम आफताब हो जाते हैं। तुम नयनों से शबद मोहब्बत कहना,हम रुह-ऐ इश्क अल्फाज़ समझ लेंगे। हम पढ़ देंगे … Read more