प्रकृति-संस्कृति है बिसु पर्व

तारकेश्वर महतो ‘गरीब’ बोकारो(झारखंड) ************************************************************************* बिसु पर्व(परब) को अनेक क्षेत्रीय नाम से भी जाना जाता है जैसे-भोगता परब,मण्डा परब,चड़क पूजा,गाँजन परब आदि। बिसु परब मधुमास के तीसरे पहर के आखरी…

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श्री राम

डॉ.एन.के. सेठी बांदीकुई (राजस्थान) ************************************************************************* प्यारे है श्रीराम जी,रघुकुल के अभिमान। सत्य के पर्याय हैं,उनकी यह पहचान॥ उनकी यह पहचान,प्रजा के पालनकर्ता। नहीं अहम का भाव,जगत के कर्ता-धर्ता॥ कहता कवि…

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हारा

बाबूलाल शर्मा सिकंदरा(राजस्थान) ************************************************* हारा- हारा जो हिम्मत नहीं,जीता उसने युद्ध। त्याग तपस्या साथ ही,बने धैर्य से बुद्ध। बने धैर्य से बुद्ध,तथागत जन दुखहारी। किया प्राप्त बुद्धत्व,जीत कर भाव विकारी।…

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बेटी को खूब पढ़ाएँ

सुरेश चन्द्र ‘सर्वहारा’ कोटा(राजस्थान) *********************************************************************************** देन हमें ईश्वर की न्यारी बेटी होती कितनी प्यारी, यह तो हर घर के आँगन को- महका देती बन फुलवारी। बेटी ध्यान सभी का रखती…

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मृगतृष्णा

बोधन राम निषाद ‘राज’  कबीरधाम (छत्तीसगढ़) ******************************************************************** मानव मन लालच भरे,मृगतृष्णा बन आय। रुके नहीं यह साथियों,दिन-दिन बढ़ता जाय॥ मृगतृष्णा इक भूख है,होय अनैतिक काम। होता इससे है जहां,मानव फिर…

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इन्क़लाब क्या है…

ओमप्रकाश मेरोठा बारां(राजस्थान) ********************************************************************* नसों में गर्म खून हर जवान,इन्क़लाब है, जो खींच ले जमीं को आसमान,इन्क़लाब है। दमन की ठोंकरों से उठ के आधियाँ जो बन गयी, वो दर्द…

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कोरोनाःभारत की विश्व छवि बेहतर ही हुई

डॉ.वेदप्रताप वैदिक गुड़गांव (दिल्ली)  ********************************************************************** कई लोगों ने पूछा है कि 'कोरोना' संकट का भारत की विदेश नीति पर क्या असर पड़ा है,बताइए। असलियत तो यह है कि कोरोना का…

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हे प्रभु,अब आप ही पालनहार

मनोरमा जोशी ‘मनु’  इंदौर(मध्यप्रदेश)  **************************************************** यह कैसी असहनीय पीड़ा, अब तू जा रे कोरोना। कैसा तेरा प्रहार, प्रकृति भी मौन रही निहार। सबका मन अशांत, कब होगा कहर शान्त। घर…

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संघर्ष और जिजीविषा का दर्शन है ‘उस औरत के बारे में’

पुस्तक समीक्षा............... छंदमुक्त काव्य प्राँगण में डॉ. आशा सिंह सिकरवार (गुजरात)की लेखनी स्त्री की समुचित वेदना को स्वर देती जान पड़ रही है। स्त्री उसका संघर्ष,उसकी घुटन उसकी तड़प और…

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हार न मानो तुम

अनिल कसेर ‘उजाला’  राजनांदगांव(छत्तीसगढ़) ************************************************************************* यार कठिन डगर है, चलना तुझे निडर है। हार न मानो तुम, जीत हमसफ़र है। झूठ की नगरी में, सच्चाई ही बेहतर है। हमें काहे…

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