कर्मपथ की साथी साईकिल

डॉ.अर्चना मिश्रा शुक्लाकानपुर (उत्तरप्रदेश)*************************************** मेरे पिता जी की साईकल स्पर्धा विशेष….. लोमश ऋषि की पदधूल में रचा-बसा गाँव लोमर जिला बाँदा उत्तर प्रदेश मेरी जन्मस्थली है, लेकिन मेरी बचपन की यादों की शुरुआत फतेहपुर जिला के बिन्दकी तहसील के महाजनी गली मोहल्ले के प्रसिद्ध मन्दिर के सामने बसा मेरा घर,चबूतरा और अच्छा-खासा मैदान जहां बाबू … Read more

मौसम हूँ

आदर्श पाण्डेयमुम्बई (महाराष्ट्र)******************************** बदला-बदला सा मौसम हूँ मैं,कहीं धूप तो कहीं छाँव हूँ मैं। बारिशों का मैं पानी हूँ,कहीं नदी तो कहीं तालाबों में हूँ। किसी के खेतों की हरियाली हूँ,तो किसी के खेतों की तबाही हूँ। मैं बदला-बदला सा मौसम हूँ,कहीं हवा तो कहीं तूफ़ान हूँ मैं।

सावधानी हटी,तो दुर्घटना घटी

एस.के.कपूर ‘श्री हंस’बरेली(उत्तरप्रदेश)********************************* आम हो या खास हो बस करो दूर से बात,सौ बातों से निकली है यही एक सौगात।निकलो मत तुम यूँ जान हथेली पर लेकर-बहुत ही महंगी पड़ेगी ये बेकार की खुराफात॥ सावधानी हटी-दुर्घटना घटी का सिद्धांत मानना है,कोरोना के प्रति अभी भी जगना और जागना है।लॉकडाउन की छूट का लाभ अनुचित लेना … Read more

सपनों की उड़ान

प्रो.डॉ. शरद नारायण खरेमंडला(मध्यप्रदेश) ******************************************************* उच्च रहे हरदम यहाँ,सपनों भरी उड़ान।पर कर्मठता संग हो,तो सपनों में जान॥ उड़ना ऊँचा श्रेष्ठ है,पर रखना विश्वास।बिना आत्मबल के यहाँ,सदा टूटती आस॥ सपनों को हिमगिरि बना,दे ऊँचा आकाश।चूमेेगी पग जय सदा,हों बाधाएँ नाश॥ सपने जब तक नहिं बनें,सत्य भरा अहसास।तब तक थोथी ज़िंदगी,व्यर्थ दिवस अरु मास॥ श्रम के संग … Read more

गर्मी

डॉ.एन.के. सेठीबांदीकुई (राजस्थान) ********************************************* दोपहरी की धूप से,बढ़ा ताप चहुँ ओर।तप्त तवे सी है धरा,पवन मचाए शोर॥पवन मचाए शोर,नहीं यह मौसम भाता।गर्मी का ये रूप,सभी को ये झुलसाता॥कहता कवि करजोरि,लगे अब रात सुनहरी।तन पर बहता स्वेद,रहे अब गरम दुपहरी॥ गरमी के इस ताप से,सूखे ताल तड़ाग।सूरज भी झुलसा रहा,बरसाता है आग॥बरसाता है आग,विकल हैं प्राणी … Read more

मुट्ठी को रहना होगा साथ-साथ…

आरती जैनडूंगरपुर (राजस्थान)********************************************* क्या अनूप मंडल को इल्जाम दें,हम आपस में ही अनेक हैं…‘जैन हूँ’ कहते ही पूछते हैं कौन से ?बताओ कहाँ से हम एक हैं।मुट्ठीभर हैं हम पर इस,मुट्ठी को रहना होगा साथ-साथ…तब रोक पाएंगे हम पर,उठती उँगली और हाथ।अहिंसक होना हमारी,कमजोरी नहीं ताकत है…अहिंसा की शक्ति महावीर और,गांधी के रूप में आज … Read more

अभिमान है हिंदी

अनूप कुमार श्रीवास्तवइंदौर (मध्यप्रदेश)****************************************** देश की जुबान है हिंदी,हिंदुस्तान की शान है हिंदी। कह दो कि सबकी पहचान है हिंदी,इस दिल से निकली ईमान है हिंदी। हिमाला मुकुट बना भारतीं के भाल पर,माँ के माथे है सजी स्वाभिमान की बिंदी। आज़ादी के ख्वाब में हिंदी भी लड़ी थीं,पग-पग में संग-संग थीं बलिदान है हिंदी। हिंदी … Read more

आपदा में नहीं,मानवता में अवसर तलाशें

रोहित मिश्रप्रयागराज(उत्तरप्रदेश)*********************************** आज पूरा विश्व ‘कोरोना’ महामारी से त्रस्त है।महामारी में जहाँ लोग एक-दूसरे की मदद करते हुए दिखाई दे रहे हैं,वही कुछ लोग इसमें भी अवसर तलाश रहे हैं। कहने का आशय यह है कि महामारी में कुछ लोगों में मानवता मर-सी गर्ई है। इस महामारी के समय कालाबाजारी,जमाखोरी व मुनाफाखोरी चरम पर है। … Read more

नित दीप्त रहो

ममता तिवारीजांजगीर-चाम्पा(छत्तीसगढ़)************************************** नित दीप्त रहो तम क्या रहना,सुन रात नहीं दिन का कहना। पथ कंटक दूर करो कर फूल,सुनो कुछ और नहीं चुनना। सदराह चलो पग और न मार्ग,समझो तुमको न कभी चलना। सुनना माधुर्य कान सदा,तुम दूर सदा चुगली रहना। नयना तुम सुंदरता जग की,निरखो कुछ और नहीं तकना। मति अहार विहार भला रखना,शुभ … Read more

न डर,गुजर जाएगी

संजय यादव ‘बाबा’इंदौर (मध्यप्रदेश)******************************** ये तो एक आपदा है न डर,गुजर जाएगी,न तू गुजरेगा-न में गुजरूँगा,आपदा है गुजर जाएगी। हिंदुस्तानी है हौंसला बुलन्द रख,न तू डर-न में डरुँ,किस-किस को निगल लेगी ये,ये न तुझे पता-न मुझे पता,हौंसला तो रख॥न तुझे पता था न मुझे पता था,वो (मौत) किधर से आएगी,चन्द दिनों,घण्टों-पलों में जाने किस-किसको निगल … Read more