वृक्षों की वेदना और विनती

डाॅ. पूनम अरोराऊधम सिंह नगर(उत्तराखण्ड)************************************* पर्यावरण दिवस विशेष…. सड़कें चौड़ीकरण हेतुजीवित पेड़ों को काटा गया,इक-इक अंग कटकर इनका…कई घंटों तक कराहता रहा। कराह गहरी सुन वृक्षों कीह्रदय जनमानस व्यथित हुआ,चोट कुल्हाड़ी की पड़ते देख…दिल इंसानों का दहल गया। कुछ पल पहले हँसता खेलतापादप चिरनिंद्रा में लीन हुआ,कितने ही पेड़ों की छाती से…निकले लहू से लथपथ … Read more

तुलसी पौधा लगाओ

रीता अरोड़ा ‘जय हिन्द हाथरसी’दिल्ली(भारत)****************************************************** पर्यावरण दिवस विशेष….. तुलसी का पौधा घर लगाओ,अपने इष्टदेव को मनाओघर-आँगन में रहे खुशहाली,तुलसी सेवा करो बन माली। तुलसी माँ सब रोगों की रक्षक,चाय पिएँ तुलसी संग अदरकखाँसी-जुकाम,दमा का ईलाज,दूर करती खुजली और खाज। तुलसी देवताओं को भायी,पूजन करते हम तुलसी माईतुमसा कौन जगत में मैया,पार लगाओ माँ मेरी नैया। … Read more

पर्यावरण सुधार ही में है मानव कल्याण

गोवर्धन दास बिन्नाणी ‘राजा बाबू’बीकानेर(राजस्थान)*********************************************** पर्यावरण दिवस विशेष…. यह तो हम सभी जानते हैं कि जल,वायु,पृथ्वी, अग्नि और आकाश इन पाँचों तत्वों से ही ब्रह्मांड की उत्पत्ति हुई है,यानि इन पाँचों तत्वों का समावेश न केवल हमारे स्थूल शरीर में है,बल्कि प्रकृति भी इन सभी पाँचों तत्वों से ही बनी है। सीधा अर्थ है।कि,जंतु,पेड़-पौधे और हम … Read more

अभी जागे नहीं तो…

जसवीर सिंह ‘हलधर’देहरादून( उत्तराखंड)********************************* पर्यावरण दिवस विशेष…. धरा पर पेड़ पौधों का सजा जो आवरण है।मिला नदियों से हमको स्वर्ग का वातावरण है। न डालो मैल नदियों में न काटो पेड़ मानो,विषैले रोग को सीधा बुलावा यह वरण है। अभी जागे नहीं तो नस्ल का नुकसान होगा,सभी बीमारियों का मूल ही पर्यावरण है। सभी ये … Read more

साइकिल लेकर छोड़ने चल दिए…

रोहित मिश्रप्रयागराज(उत्तरप्रदेश)*********************************** मेरे पिता जी की साईकल स्पर्धा विशेष….. बचपन में सभी लोग अपने पिता जी की साइकिल पर अवश्य बैठे होंगे,उसी प्रकार मैं भी साइकिल पर बैठता था। आज के जमाने में बच्चे अपने पापा की मोटरसाइकिल और कार में ही बैठ कर पार्क जातेहैं। उस समय पापा मुझे अपनी पतली टायर वाली साइकिल … Read more

खूब मजे करते थे हम

बोधन राम निषाद ‘राज’ कबीरधाम (छत्तीसगढ़)************************************ मेरे पिता जी की साईकल स्पर्धा विशेष….. एक पुरानी साईकिल थी,खूब मजे करते थे हम।लिये पिता जी जब छोटे थे,चलने से डरते थे हम॥ आज इसे हम रखें सहेजें,अपने घर के आँगन में।कभी बेचने की नहिं सोची,पल भर भी अपने मन में॥भाई-भाई कभी झगड़ते,चाहत में मरते थे हम।एक पुरानी साईकिल … Read more

नवल छंद ‘विज्ञात सवैया’ और ‘कोविद सवैया’ को दी मान्यता

सरगुजा (छग)। कलम की सुगंध छंदशाला मंच पर संस्थापक गुरूदेव संजय कौशिक विज्ञात द्वारा विज्ञात सवैया और छंदशाला परिवार से परमजीत सिंह कोविद द्वारा कोविद सवैया नवल छंद निर्माण किया गया है। यह उनके स्व नाम से जाना जाएगा,जिसे छंदों में सम्मिलित करने की अनुमति दी गई है।इस कार्यक्रम के अध्यक्ष अर्णव कलश एसोसिएशन की … Read more

जिंदगी की रेलगाड़ी..

विद्या होवालनवी मुंबई(महाराष्ट्र )****************************** जिंदगी की रेलगाड़ी,उम्मीदों की पटरी पर चल पड़ीआशाओं के ईंधन से भरी,सपनों के शहर चल पड़ी। जिंदगी की रेलगाड़ी,रिश्तों के डिब्बों को जोड़करप्यार का टिकट संजो कर,विश्वास के हमसफ़र संग दौड़ चली। जिंदगी की रेलगाड़ी,मुश्किलों की डगर से गुजरबिना डरे हर्षोल्लास की खोज में,तेज रफ्तार से आगे निकल पड़ी। जिंदगी की … Read more

कुछ तो है बाकी

डॉ. वंदना मिश्र ‘मोहिनी’इन्दौर(मध्यप्रदेश)************************************ ‘अभी कुछ तो है बाकी’,जब देखा,बुजुर्ग दंपत्ति को‘भविष्य-निधि’ बचाते हुए,बंध गई,गई एक आस जीवन में!कि-अभी कुछ तो उम्मीद है बाकी।‘वेणी’ को बालों में लगाती हुई स्त्री,को देख कर लगा,जैसे अभी भी पूरी तरहपश्चिमी सभ्यता में हम नही रंगे,अभी भी थोड़ी,सभ्यता है बाकी।पोते के विदेश जाने,पर दादाजी के चरणों में झुकना!लगा,अभी ‘मूल्य’ … Read more

पर्यावरण शुद्ध हो

निशा गुप्ता देहरादून (उत्तराखंड) ********************************** पर्यावरण दिवस विशेष….. प्रकृति विक्षोभ करे,संताप ये धरा भरेवर्षा न चाहिए जब,मेघ घिर आते हैं। फसलें ख़राब हुई,ओला वृष्टि जब हुईबिन मौसम बरखा,कृषक रो जाते हैं। वृक्ष सारे काट दिए,प्राण वायु नष्ट किएओज़ोन परत टूट,विष को बढ़ाते हैं। पर्यावरण शुद्ध हो,प्रयत्न भी विशुद्ध हो।प्रदुषण मुक्त देश,मिल के बनाते हैं॥ परिचय–निशा गुप्ता … Read more