बाल श्रम रोकें

आशा आजाद`कृति`कोरबा (छत्तीसगढ़) ******************************************* रोकें मिलकर बाल श्रम,समझे मनुज सुजान।बच्चों के इस कार्य से,बाधित है उत्थान॥बाधित है उत्थान,बालपन कोमल होता।शिक्षा से रह दूर,नित्य ही सब-कुछ खोता॥धर लें उत्तम मार्ग,बढ़ें वे नित पढ़-लिखकर।होवे पूर्ण निषेध,इसे सब रोकें मिलकर॥ उत्तम जीवन हम गढ़ें,यही हमारा फर्ज।शिक्षा के शुभ मार्ग में,नाम कराये दर्ज॥नाम कराये दर्ज,बाल ही यही अधारा।जाएँ वे … Read more

भयावह है कोरोना की युगांतकारी जीवनशैली

ललित गर्गदिल्ली ************************************** ‘कोरोना’ महामारी की दूसरी लहर ने भारी तबाही मचाई,अधिकांश परिवारों को संक्रमित किया,लम्बे समय तक जीवन ठहरा रहा,अनेक बंदिशों के बीच लोग घरों में कैद रहे,अब देश के अनेक भागों में जनजीवन फिर से चलने लगा है। कोरोना विषाणु के कारण आत्मकेन्द्रित सत्ताओं एवं जीवनशैली के उदय होने की स्थितियों को आकार … Read more

माँ का आशीर्वाद

रोहित मिश्रप्रयागराज(उत्तरप्रदेश)*********************************** माँ का प्यार,माँ का दुलार,है सबसे अनमोल,कष्ट मिटाते हैं सभी,माँ के सारे बोल। नैन भरे हैं नेह से,कर रही दुलार,दूर से बुलाएँ माँ,लुटा रही है प्यार। माँ की ममता मुझे मिली,माँ तेरी मुस्कान,माँ मंगल माहेश्वरी,मेरी माँ महान। करूँ समर्पण मैं सदा,माँ मिलना हर बार,मंदिर-मस्जिद हो तुम्हीं,तू ही मेरा संसार। नौ माह संभाला कोख … Read more

वीर महाराणा प्रताप पर हुआ शानदार कवि सम्मेलन

अंतरराष्ट्रीय संगोष्ठी… नागदा (मप्र)। संस्था राष्ट्रीय शिक्षक संचेतना द्वारा अंतरराष्ट्रीय ई-संगोष्ठी एवं कवि सम्मेलन उद्घोष का आयोजन किया गया। संगोष्ठी ‘स्वातंत्र्य वीर महाराणा प्रताप और उनका योगदान’ पर थी। मुख्य अतिथि वरिष्ठ प्रवासी साहित्यकार सुरेश चंद्र शुक्ल शरद आलोक(ओस्लो,नॉर्वे) थे। इस मौके पर अनेक कवियों ने वीर राणा पर एक से बढ़कर एक काव्य प्रस्तुति … Read more

हर रात के बाद सवेरा होता है

मोनिका शर्मामुंबई(महाराष्ट्र)********************************* ‘अंधियार’ का रूप निधारूण,प्लावित हुआ हो जिसमें अरुणखोज प्रभा की करने साकार,तुम्हें बनना होगा ज्योति का आगार। जो हौंसलों से उड़ान भरते हैं,वे गिर कर उठा करते हैंतम के धूमिल में अपना नभ खोजते,वे सफलता की कविता पिरोया करते हैं। असमंजस का प्रतिबंध न रोक सके उस दरिया को,जो साहिलों की बाधा लांघ … Read more

अधिवक्ताओं की माँग-सभी आयोगों की वेबसाइटों पर भारतीय भाषाओं में हो जानकारी

नई दिल्ली। वकीलों के एक समूह ने मंगलवार को राष्ट्रीय मानवाधिकार आयोग, राष्ट्रीय महिला आयोग और कुछ अन्य संगठनों से भाषाई भेदभाव को समाप्त करने के लिए अपनी वेबसाइट पर सभी २२ अनुसूचित भाषाओं में जानकारी उपलब्ध कराने का आग्रह किया है।अखिल भारतीय अधिवक्ता परिषद,संघ की अधिवक्ताओं की शाखा ने राष्ट्रीय अनुसूचित जनजाति आयोग,राष्ट्रीय अनुसूचित … Read more

पिता

अमल श्रीवास्तव बिलासपुर(छत्तीसगढ़) *********************************** कहकर पिता-पिता मैं,किसको बुला सकूंगा।‘पापा’ बताओ कैसे ?,तुमको भुला सकूंगा…॥ बचपन में जो सिखाया,वह ज्ञान साथ तो है।जो भी कहा,सुनाया,वह तान साथ तो है॥उस ज्ञान का सहारा,मुझको प्रकाश देगा।संदेश भी तुम्हारा,उत्साह,आस देगा॥ पर किस तरह दिलासा,दिल को दिला सकूंगा।‘बाबू’ बताओ कैसे ?तुमको भुला सकूंगा…॥ पाता जिसे पिता से,वह प्यार अब कहां है … Read more

घर-आँगन

डॉ.राम कुमार झा ‘निकुंज’बेंगलुरु (कर्नाटक) *************************************** घर-आँगन सुन्दर सजे,मिल-जुल नित सहयोग।त्याग शील पौरुष सुभग,नीति प्रीति बिन रोग॥ खिले कुसुम घर प्रगति के,आँगन भारत देश।सुखद शान्ति सद्भावना,मानवीय परिवेश॥ आँगन तुलसी पूजिता,उपयोगी शुभकाम।तन धन मन सुख सम्पदा,अन्त काल अविराम॥ श्री शोभा तनया सुता,पिता मान पर गेह।करुणा ममता शुचि खुशी,यशो निधि बस नेह॥ घर शोभे नित अंगना,मातु वधू … Read more

बुद्धम् शरणम् गच्छामि

प्रो.डॉ. शरद नारायण खरेमंडला(मध्यप्रदेश) ****************************************** मानवता की सीख से,जगा दिया संसार।हे गौतम! तुमने दिया,हमको जीवन-सार॥ सामाजिक नवचेतना,का बाँटा उजियार।प्रेम-नेह के दीप से,दूर किया अँधियार॥ कपिलवस्तु के थे कुँवर,किया सभी पर त्याग।ज्ञान-खोज में लग गए,गाया सत् का राग॥ संन्यासी बन तेज का,दिया दिव्य उपहार।बुद्ध ज्ञान के पुंज थे,परम मोक्ष का सार॥ धम्मं शरणम् ले गए,सारे जग … Read more

जन्नत बनाएँ यह पर्यावरण

सरफ़राज़ हुसैन ‘फ़राज़’मुरादाबाद (उत्तरप्रदेश) ***************************************** रश्के ‘जन्नत बनाएँ यह पर्यावरण।आओ हम सब ‘सजाएँ यह पर्यावरण। इस ‘धरा को सजाएँ ‘चलो हर तरफ़।पेड़-पौधे लगाएँ ‘चलो हर तरफ़।पानी हरगिज़ बहाए न बेजा कोई,यह मिशन हम ‘चलाएँ चलो हर तरफ़। रश्के जन्नत बनाएँ यह ‘पर्यावरण।आओ हम सब’ सजाएँ यह पर्यावरण। ज़िन्दगी ‘है ज़रुरी परिन्दों की ‘भी।लाज़मी है ‘ह़िफ़ाज़त ‘दरिन्दों … Read more