माता हमारी जीवनदायिनी

एस.के.कपूर ‘श्री हंस’बरेली(उत्तरप्रदेश)********************************* माता हमारी,चाँद-सूरज जैसी-है वह न्यारी। माता का प्यार,अदृश्य वात्सल्य का-फूलों का हार। माता का क्रोध,हमारे भले लिए-कराता बोध। घर की शान,माता रखती ध्यान-करो सम्मान। माँ का दुलार,भुला दे हर दुःख-चोट ओ हार। माता का ज्ञान,माँ प्रथम शिक्षक-बच्चों की जान। घर की नींव,मकान घर बने-लाए करीब। त्याग मूरत,हर दुःख सहती-हो जो सूरत। प्रभु … Read more

कुछ ख्वाब अधूरे से…

डॉ.मधु आंधीवालअलीगढ़(उत्तर प्रदेश)**************************************** मेरा वजूद कोई छोटी कहानी नहीं था, बस पन्ने जल्दी भर गए…जिन्दगी में ख्वाब देखने का सबको अधिकार है,पर जरूरी नहीं वह पूरे हो जाएं। मेरी भी जिन्दगी इसी तरह की है। आज ये वाक्य देख कर ५० साल पहले की सारी बातें चल चित्र की तरह घूमने लगी। एक तितली की … Read more

गम छँट जाएँगे

बोधन राम निषाद ‘राज’ कबीरधाम (छत्तीसगढ़)************************************ सुनों साथियों रखो हौंसला,बादल गम छँट जाएँगे।इक दिन तेरे ही आँगन में,सुख सूरज चमकाएँगे॥ धीरज मन में धारण करके,कार्य हमें सब करना है।मौत कभी क्या कर पायेगी,हमें नहीं अब डरना है॥संकट कुछ दिन के साथी हैं,आये हैं वे जाएँगे।सुनों साथियों रखो हौंसला… विकट समस्या आन पड़ी है,सबको इसको सहना है।चिंताओं … Read more

देश के जवान

शंकरलाल जांगिड़ ‘शंकर दादाजी’रावतसर(राजस्थान) ****************************************** भारत के वीर जवानों ने अपना हर फ़र्ज़ निभाया है।भारत माता की रक्षा के हित अपना लहू बहाया है॥ सर्दी गर्मी बरसात सही पर कर्म नहीं छोड़ा अपना,मेरा भारत आज़ाद रहे आँखों में रहता ये सपना।वर्षों केसर की क्यारी में बंदूकें बोते थे दुश्मन,कुर्बानी देकर वीरों ने उसको आज़ाद कराया है।भारत … Read more

डर रहा है आदमी

डॉ. गायत्री शर्मा’प्रीत’कोरबा(छत्तीसगढ़)******************************************* आज आई है विपत्ति डर रहा है आदमी,आज आलम ये हुआ कि मर रहा है आदमी। आदमी की ज़ान की क़ीमत कुछ बची नहीं,देखते ही देखते मर रहा है आदमी। कोई बतलाये मुझे है ये कैसा समय,अपनों का जीना दूभर कर रहा है आदमी। आज चारों ओर बंदिशों ने घेरा है,मन को … Read more

सर्वोच्च न्यायालय का एक और निर्णय:साक्षी का बयान अब उसकी भाषा में लिखना होगा

मुम्बई (महाराष्ट्र)। भारतीय भाषा अभियान की एक और मांग को स्वीकार करते हुए सर्वोच्च न्यायालय के तीन मा. न्यायमूर्तियों ने एक महत्वपूर्ण फैसला लिया है।६ माह के अंदर सभी उच्च न्यायालय को फौजदारी के मुकदमों में कई फेरबदल करने होंगे। जिनमें से सबसे महत्वपूर्ण फेरबदल है कि,साक्षी के बयान अब उसकी भाषा में लिखने होंगे। … Read more

‘कोरोना’ को मात देगा भारत

डॉ.वेदप्रताप वैदिकगुड़गांव (दिल्ली) ******************************* ‘कोरोना’ के विरुद्ध भारत में अब एक परिपूर्ण युद्ध शुरु हो गया है। केंद्र और राज्य की सरकारें,वे चाहे किसी भी दल की हों,अपनी कमर कस के कोरोना को हराने में जुट गई हैं। इन सरकारों से भी ज्यादा आम जनता में से कई ऐसे देवदूत प्रकट हो गए हैं, जिन पर … Read more

हृदय को जागृत करती है पुस्तक

शशि दीपक कपूरमुंबई (महाराष्ट्र) ************************************* विश्व पुस्तक दिवस स्पर्धा विशेष…… सामाजिक प्राणी में नैसर्गिक गुण विद्यमान रहता है- दूसरों के संपर्क में रहना चाहे सजीव हो या निर्जीव। गुणग्राही व्यक्ति सदैव गुणवान व्यक्तियों से संबंध बनाने की इच्छा से गृहित होते हैं और दुर्जन दुर्गुणों से। वास्तव में,मनुष्य की बुद्धि अति कोमल व लचीली होती … Read more

सामाजिक दर्पण मैं पुस्तक हूँ

डॉ.राम कुमार झा ‘निकुंज’बेंगलुरु (कर्नाटक) ************************************** विश्व पुस्तक दिवस स्पर्धा विशेष…… ज्ञान का वैभव समेटे अन्तस्थल में,सृष्टि के आरब्ध से वर्तमान तकअबाध अनवरत यायावर,बन अतीत का आईना शाश्वत,चिरन्तनपारदर्शी निर्मल जीवन सलिल,कथिनक,ग्रन्थ या पोथी अभिलेखकुछ भी कहो,मैं जीवन पुस्तक हूँ।कर चतुर्वेदों को समाहित अन्तर्मन,ब्राह्मण,आरण्यक,उपनिषदों या वेदांगोंगणित,विज्ञान या खगोल या आयुर्वेद,अर्थशास्त्र या राजनीति की महाभारतसब शान्त मन … Read more

पुस्तकें जीवन का अर्थ

विजयलक्ष्मी विभा इलाहाबाद(उत्तरप्रदेश)************************************ विश्व पुस्तक दिवस स्पर्धा विशेष…… जी हाँ,पृथ्वी पर आने के बाद सर्वप्रथम मेरा परिचय माँ की गोद से हुआ। माँ की गोद में कुछ शारीरिक क्रियाएँ सीखीं। माँ ने उँगली पकड़ कर चलना सिखाया। संकेतों द्वारा एक मूक भाषा सिखाई। जब मैं तीन वर्ष की हुई तो विद्यालय में दाखिला दिला दिया। विद्यालय … Read more