उनकी मेहनत की निशानी
श्रीमती देवंती देवीधनबाद (झारखंड)******************************************* मेरे पिता जी की साईकल स्पर्धा विशेष….. देखो मित्र,यह मेरे पिताजी की साइकिल पुरानी है,पिताजी की साईकल,उनकी मेहनत की निशानी है। साईकल से परिवार का पालन-पोषण करते थे पिता,हर क्षण उनके कंधे पर परिवारों की रहती थी चिन्ता। साईकल से ही पढ़ने जाते,और ज्ञान-विज्ञान मिला,अनेक कष्ट झेलते रहे,नहीं मिटा कष्ट का … Read more