झूठे हुए मुखर
डॉ. प्रताप मोहन ‘भारतीय’सोलन(हिमाचल प्रदेश)************************************* भ्रष्टाचार के इस युग में,हम अब कैसे जिएंक्योंकि यहां झूठे हुए मुखर,और सच्चे गूंगे हो गए। कितना भी प्रयत्न करो,सच्चाई नहीं छुपती हैझूठ की दाल…
डॉ. प्रताप मोहन ‘भारतीय’सोलन(हिमाचल प्रदेश)************************************* भ्रष्टाचार के इस युग में,हम अब कैसे जिएंक्योंकि यहां झूठे हुए मुखर,और सच्चे गूंगे हो गए। कितना भी प्रयत्न करो,सच्चाई नहीं छुपती हैझूठ की दाल…
विनय कुमार सिंह ‘विनम्र’ चन्दौली(उत्तरप्रदेश)***************************** जिनके पल्लव कोमल सुन्दर,वे नाच-नाच कर गान करेंजिनको काँटे बस बिछे हुए,वे रुककर कहीं विहान करें। जिनके अधरों पर अमृत रस,वे विचरण सहज जहांन करेंजिनके वचनों…
अलका जैनइंदौर(मध्यप्रदेश) ************************************ आशियाने से मंजिल तलक कोई रास्ता नहीं होता यार,कोई मील का पत्थर नजर नहीं आता बहुत खोजाकोई रास्ता बताने वाला गाइड नहीं होता,कोई नक्शा नहीं पहुंचा सकता…
प्रीति शर्मा `असीम`नालागढ़(हिमाचल प्रदेश)******************************************** सिमटी-सिमटी जिंदगी में बसर,अब और नहीं…अब और नहीं। ठहरी-ठहरी राहों का सफ़र,अब और नहीं…अब और नहीं। बांध ले अपनी हिम्मत को,तिल-तिल मरना,अब और नहीं…अब और नहीं।…
वकील कुशवाहा आकाश महेशपुरीकुशीनगर(उत्तर प्रदेश) ******************************************** 'कोरोना' से भी अधिक, घातक थी वह भूख।जिसके कारण राह में,प्राण रहे थे सूख॥ सभी घरों में बंद थे,थी दुनिया बेहाल।कोई भूलेगा नहीं,मौतों का यह…
डॉ.राम कुमार झा ‘निकुंज’बेंगलुरु (कर्नाटक) *************************************** शील त्याग गुण कर्म का,मानक था जो लोक।सत्य अहिंसा सारथी,गाँधी थे आलोक॥ सहज सरल नित सादगी,मृदुभाषी सद्नीति।शान्ति दूत अतुलित प्रखर,संकल्पित सद्प्रीति॥ निर्मल मन निर्भय…
डॉ. हंसा दीपटोरंटो (कैनेडा)************************** बेबी सीटर हेज़ल जब से आने लगी है,घर का माहौल ही बदल गया है। बेबी भी बहुत ख़ुश है। जितने प्यार से हेज़ल लोरी सुनाती है,…
सुदामा दुबे सीहोर(मध्यप्रदेश) ******************************************* यादों के कोहरे में रास्ता भटक गया,बिसरी हुई बातों में आज फिर अटक गया! बीत गई थी सदियाँ जिनको भूले हुए,उनके ही आँगन में काँरवा पटक गया!…
ममता तिवारीजांजगीर-चाम्पा(छत्तीसगढ़)************************************** हिंदी समृद्ध भाषा है,हिंदी उन्नत भाषा है,भाषा के गुण हैहैं सभी,करते क्यों रार है। सभी भाषा है सुंदर,बोली प्रेम समुंदर,सबमें रस मिठास,नहीं तकरार है। संस्कृत की पुत्री हिंदी,सभी…
विद्या होवालनवी मुंबई(महाराष्ट्र )****************************** मेरी नन्हीं परी,अब बड़ी हो चली है…l मेरी प्रतिभा की छवि,पापा की सादगी केअटूट संगम के साथ,आगे बढ़ चली हैIमेरी नन्हीं परी,अब बड़ी हो चली है……