गीत,कथा के कालजयी सृजक हैं डॉ.गोरख मस्ताना-प्रो. खरे

भेंटवार्ता…… मंडला(मप्र)। डॉ. मस्ताना सृजन के महारथी हैं। बेतिया (बिहार) के सुपरिचित कलमकार हिंदी व भोजपुरी के बहुप्रतिभाशाली सृजक डॉ. गोरख प्रसाद मस्ताना गीत,कथा,लघुकथा व अन्यान्य विधाओं की अनेकानेक कृतियां सृजित कर साहित्य जगत में उच्च प्रतिष्ठा हासिल कर चुके हैं। उनकी रचनाओं में गहराई,संवेदना,सामाजिक चेतना सभी कुछ नज़र आता है।इसीलिए उनकी रचनाएं कालजयी हैं।यह … Read more

इंतज़ार

रेणू अग्रवालहैदराबाद(तेलंगाना)************************************ कोई नहीं आने वाला।न दिल बहलाने वाला। चेहरों पर मुखौटे लगे हैं,सच नहीं दिखलाने वाला। रक़ीब है घर में छुपा हुआ,कौन है पहचानने वाला। अपनों की भीड़ में कैसे जानूँ,कौन है बुरा चाहने वाला। घर के बनकर लूट ही लेते,कौन सबूत माँगने वाला। लहू के रिश्ते बेमानी हुए,न कोई समझाने वाला। जवानी सभी … Read more

फिर भी हैं मुस्काते

प्रिया देवांगन ‘प्रियू’ पंडरिया (छत्तीसगढ़) ************************************ छन्न पकैया छन्न पकैया,पैदल चलते जाते।बोझ उठाते सिर पर सारे,फिर भी हैं मुस्काते॥ छन्न पकैया छन्न पकैया,सिर पर रखते झोले।मुश्किल आती राहों पर भी,फिर भी हँस कर बोले॥ छन्न पकैया छन्न पकैया,छोटे-छोटे बच्चे।नहीं शिकायत रहती इनको,होते दिल के सच्चे॥ छन्न पकैया छन्न पकैया,पैरों पड़ते छाले।देख गरीबी हालत इनकी,मुँह पर … Read more

अलविदा

डॉ.मधु आंधीवालअलीगढ़(उत्तर प्रदेश)**************************************** सूनी-सूनी आँखें,जर्जर काया,एक छोटा-सा आश्रम जहां उनको जिन्दगी की आखिरी साँस लेनी है। ये उनकी भाग्य रेखा है। कादम्बिनी को अभी १० दिन पहले ही इस आश्रम की देखभाल के लिए नियुक्त किया है। कादम्बिनी भी एक मजबूर और बेसहारा युवती है। पति उसे छोड़कर एक धनवान का घर जंवाई बन गया।उसने … Read more

रोको दहेज के रोग को

श्रीमती देवंती देवीधनबाद (झारखंड)******************************************* अन्तर्मन घबरा जाता,सुन के दहेज के लोग को,मिल के सब भाई-बहना,रोको दहेज के रोग को। दहेज के चलते सखी,मेरी बेटी भी मारी गई,ना जाना धन लोभी है,बेटी देने ओ द्वारे गई। अपनी प्यारी बिटिया को मैं बड़े प्यार से पाली थी,रो-रो कर कहती है माँ,वह हँसमुख भाव वाली थी। पढ़ा-लिखा महाविद्वान,वर … Read more

पगडण्डी,पहाड़ और झील ही नहीं,सत्यम् ,शिवम् और सुन्दरम् का दर्शन है ‘चरैवेति-चरैवेति’

डाॅ. पूनम अरोराऊधम सिंह नगर(उत्तराखण्ड)************************************* जीवन का सतत प्रवाह काल के तटों से टकराता,उन्हें ढहाता और पुनर्निर्माण करता बहता चला आ रहा है। हर बार की अलग छटा होती है,किन्तु प्रवाह का जल तात्विक रूप से सदा जल ही है। समस्त प्रकृति, परिवेश,गंध,मूल प्रकृति सदा से सर्वत्र एक जैसी ही है। वैदिक ऋषियों ने कण-कण … Read more

…पर कल तो हमारा है

जसवीर सिंह ‘हलधर’देहरादून( उत्तराखंड)********************************* नहीं है आज सिर पे ताज,पर कल तो हमारा है।चलें देखें समंदर का कहां दूजा किनारा है। सजी मंदिर की मूरत बोल सकती है अगर चाहो,लगे उसको किसी ने आज अंदर से पुकारा है। नुकीली धार पानी की जमा पर्वत हिला देती,सभी नदियों ने अपना रास्ता खुद ही निखारा है। जरा-सी … Read more

‘कोरोना’ से लड़ना है तो ऑनलाइन चलना है…

नवेन्दु उन्मेषराँची (झारखंड) *************************************** ‘कोरोना’ ने लोगों को बता दिया है कि कोरोना से लड़ना है तो ऑनलाइन चलना है। बगैर ऑनलाइन चले कोरोना से दो-दो हाथ नहीं किए जा सकते। सामान खरीदना है,तो ऑनलाइन खरीदो। कोरोना के अलावा अन्य बीमारियों से भी लड़ना है तोऑनलाइन चिकित्सकीय सलाह पर निर्भर रहना होगा,क्योंकि सरकारी अस्पताल सहित … Read more

गौरव का परचम,जग में फहराना होगा

राधा गोयलनई दिल्ली****************************************** चहुँओर से सीमा पर आतंकी गतिविधियाँ जारी हैं,शत्रु से लोहा लेने की अपनी पूरी तैयारी है।एक निवेदन है बहनों-माताओं से-कवियों से,थोड़े दिन के लिए दूर हों,श्रृंगारी रतियों से। आज जरूरत आन पड़ी है ‘राष्ट्र’ का नवनिर्माण करो,मानव हो… मानव होने का फर्ज निभा, कुछ काम करो।चीनी माल का बहिष्कार कर देश में … Read more

क्यों लुभाती हो…

संजय जैन मुम्बई(महाराष्ट्र) **************************************** खनकती चूड़ियां तेरी,मुझे क्यों लुभाती हैंखनक तेरी पायल की,हमको क्यों बुलाती हैहँसती हो जब तुम,तो दिल खिल जाता हैमोहब्बत करने को मेरा,मन बहुत ललचाता है। कमर की करधौनी,भी कुछ कहती हैप्यास दिल की वो,भी बहुत बढ़ाती हैहोंठों की लाली हँसकर,हमें लुभाती हैऔर आँखें,आँखों से,मिलने को कहती है। पहनती हो जो,भी तुम परिधानतुम्हारी … Read more