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कोरोना’ काल में रची ३ पुस्तकें

हिसार (हरियाणा)।

डॉ. सत्यवान सौरभ व प्रियंका सौरभ किसी परिचय के मोहताज नहीं हैं। ‘कोरोना’ काल की कैद ने उन्हें लेखन के लिए प्रेरित किया, जिसमें पत्नी प्रियंका तथा परिजनाें का बहुमुखी योगदान रहा। दोहा संग्रह ‘तितली है खामोश’,व्यंग्य ‘आंध्या की माख़ी राम उड़ावै’ और निबंध ‘नए पंख’ डॉ. सौरभ एवं प्रियंका सौरभ की कोरोना काल में रची नई कृतियाँ हैं। डॉ.सौरभ के अनुसार-भले ही वे कविताएं आदि लिखते रहे हैैं,किंतु साहित्य में दोहा ही उनकी प्रिय विधा है।

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