मेरी साँझ
डॉ. वंदना मिश्र ‘मोहिनी’इन्दौर(मध्यप्रदेश)************************************ सांझ,तन्हाई और मैं,यह नीला आसमानरोशनदान पर बैठी गौरैया,आँगन से धीरे-धीरेघाम का खिसकना।उसके जाने के बाद,कुम्हलाई-सी कनेर,कुमुदिनीपीपल के पीछे,छुपता हुआ सूरजहाथ में एक कप चाय।घरौंदे में बजता मद्धम संगीत,ऐसे में जानी-पहचानीतुम्हारी यादें बेशुमार,अक्सर ऐसी ही,होती है मेरी सांझ॥ परिचय-डॉ. वंदना मिश्र का वर्तमान और स्थाई निवास मध्यप्रदेश के साहित्यिक जिले इन्दौर में … Read more