रोको दहेज के रोग को

श्रीमती देवंती देवीधनबाद (झारखंड)******************************************* अन्तर्मन घबरा जाता,सुन के दहेज के लोग को,मिल के सब भाई-बहना,रोको दहेज के रोग को। दहेज के चलते सखी,मेरी बेटी भी मारी गई,ना जाना धन लोभी है,बेटी देने ओ द्वारे गई। अपनी प्यारी बिटिया को मैं बड़े प्यार से पाली थी,रो-रो कर कहती है माँ,वह हँसमुख भाव वाली थी। पढ़ा-लिखा महाविद्वान,वर … Read more

पगडण्डी,पहाड़ और झील ही नहीं,सत्यम् ,शिवम् और सुन्दरम् का दर्शन है ‘चरैवेति-चरैवेति’

डाॅ. पूनम अरोराऊधम सिंह नगर(उत्तराखण्ड)************************************* जीवन का सतत प्रवाह काल के तटों से टकराता,उन्हें ढहाता और पुनर्निर्माण करता बहता चला आ रहा है। हर बार की अलग छटा होती है,किन्तु प्रवाह का जल तात्विक रूप से सदा जल ही है। समस्त प्रकृति, परिवेश,गंध,मूल प्रकृति सदा से सर्वत्र एक जैसी ही है। वैदिक ऋषियों ने कण-कण … Read more

…पर कल तो हमारा है

जसवीर सिंह ‘हलधर’देहरादून( उत्तराखंड)********************************* नहीं है आज सिर पे ताज,पर कल तो हमारा है।चलें देखें समंदर का कहां दूजा किनारा है। सजी मंदिर की मूरत बोल सकती है अगर चाहो,लगे उसको किसी ने आज अंदर से पुकारा है। नुकीली धार पानी की जमा पर्वत हिला देती,सभी नदियों ने अपना रास्ता खुद ही निखारा है। जरा-सी … Read more

‘कोरोना’ से लड़ना है तो ऑनलाइन चलना है…

नवेन्दु उन्मेषराँची (झारखंड) *************************************** ‘कोरोना’ ने लोगों को बता दिया है कि कोरोना से लड़ना है तो ऑनलाइन चलना है। बगैर ऑनलाइन चले कोरोना से दो-दो हाथ नहीं किए जा सकते। सामान खरीदना है,तो ऑनलाइन खरीदो। कोरोना के अलावा अन्य बीमारियों से भी लड़ना है तोऑनलाइन चिकित्सकीय सलाह पर निर्भर रहना होगा,क्योंकि सरकारी अस्पताल सहित … Read more

गौरव का परचम,जग में फहराना होगा

राधा गोयलनई दिल्ली****************************************** चहुँओर से सीमा पर आतंकी गतिविधियाँ जारी हैं,शत्रु से लोहा लेने की अपनी पूरी तैयारी है।एक निवेदन है बहनों-माताओं से-कवियों से,थोड़े दिन के लिए दूर हों,श्रृंगारी रतियों से। आज जरूरत आन पड़ी है ‘राष्ट्र’ का नवनिर्माण करो,मानव हो… मानव होने का फर्ज निभा, कुछ काम करो।चीनी माल का बहिष्कार कर देश में … Read more

क्यों लुभाती हो…

संजय जैन मुम्बई(महाराष्ट्र) **************************************** खनकती चूड़ियां तेरी,मुझे क्यों लुभाती हैंखनक तेरी पायल की,हमको क्यों बुलाती हैहँसती हो जब तुम,तो दिल खिल जाता हैमोहब्बत करने को मेरा,मन बहुत ललचाता है। कमर की करधौनी,भी कुछ कहती हैप्यास दिल की वो,भी बहुत बढ़ाती हैहोंठों की लाली हँसकर,हमें लुभाती हैऔर आँखें,आँखों से,मिलने को कहती है। पहनती हो जो,भी तुम परिधानतुम्हारी … Read more

‘घर-परिवार’ का महत्व बताकर मयंक वर्मा ‘निमिशाम्’ व डॉ. वंदना मिश्र ‘मोहिनी बने प्रथम विजेता

डॉ.शिव शरण श्रीवास्तव ‘अमल’ तथा गोवर्धन दास बिन्नाणी ‘राजा बाबू’ ने पाया स्पर्धा में दूजा स्थान इंदौर(मप्र)। हिंदी लेखन को बढ़ावा,कोपलों को प्रोत्साहन और मातृभाषा हिंदी के सम्मान की दिशा में हिंदीभाषा डॉट कॉम परिवार के प्रयास सतत जारी हैं। इसी निमित्त ‘घर-परिवार’ (अंतरराष्ट्रीय परिवार दिवस) विषय पर स्पर्धा आयोजित की गई। इसमें क्रमशः मयंक … Read more

भारतीय विशिष्ट पहचान प्राधिकरण द्वारा जनता से भाषाई भेदभाव करने पर लोक शिकायत

रायसेन(मध्य प्रदेश)। भारतीय विशिष्ट पहचान प्राधिकरण द्वारा जनता से भाषाई आधार पर भेदभाव करने पर लोक शिकायत की गई है। महोदय,भारतीय विशिष्ट पहचान प्राधिकरण द्वारा भारत की जनता से भाषाई आधार पर भेदभाव किया जा रहा है,सभी सुविधाएँ अंग्रेजी जानने वाले ५ प्रतिशत नागरिकों को ध्यान में रखकर दी जा रही हैं,देश की ९५ प्रतिशत … Read more

मन के कागज पर

डॉ. प्रताप मोहन ‘भारतीय’सोलन(हिमाचल प्रदेश)************************************** मन के कोरे कागज पर,तुम्हारा नाम लिखूंगाअब जिंदगी भर तुम्हारे,नाम की माला जपूंगा। मन के कागज पर,लाल स्याही से लिखूंगातुम्हारे लिए सारे,ज़माने से लड़ूंगा। मन के कागज पर,कुछ दिल की बात लिखूंगाकसम तुम्हारी जिंदगी भर,तुम्हारे साथ रहूँगा। मन के कागज को मैं,कोरा रखना चाहता हूँतू नहीं चाहती मुझे,मैं तुम्हें ही … Read more

तपती धरती

दिनेश कुमार प्रजापत ‘तूफानी’दौसा(राजस्थान)***************************************** धरती तपती देखी तो मानव घबरा गया,शिकायतों का पुलिंदा लेकर कैलाश पर्वत आ गया।कैलाश पर पार्वती संग बैठे थे भोले,मानव भोले से ऐसे बोले।बचा लो प्रभु अब नहीं सहन हो पाएगा,गर्मी इतनी बढ़ गई कि ‘ऐ.सी.’ भी फेल हो जाएगा।इतनी सुन भोले ने सूर्य देव को बुलवाया,सूर्यदेव कैलाश पर्वत आया और … Read more