गुरू महिमा

डोमन निषादबेमेतरा(छत्तीसगढ़) ********************************* सच है,गुरु ज्ञान का दर्पण है।सच है,गुरु,शिष्य के लिए समर्पण है।सच है,गुरु मन का स्मरण है।सच है,गुरु प्रेम-भाव का वर्णन हैं।सच है,गुरु सत्य का निर्माण है।सच है,गुरु…

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आ चलें प्रेम के पनघट पे

डॉ. सुरिन्दर कौर नीलम(झारखंड) ************************** काव्य संग्रह हम और तुम से शहर की भीड़ में सूनापन,भावों का सूखा वृंदावन,आ चलें प्रेम के पनघट पे। मोबाइल को छोड़ो तब हो मिलने…

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प्रेमगीत

प्रो.डॉ. शरद नारायण खरेमंडला(मध्यप्रदेश) *************************************** काव्य संग्रह हम और तुम से जीवन में वरदान प्रेम है,है उजली इक आशा।अंतर्मन में नेह समाया,नहीं देह की भाषा॥ लिये समर्पण,त्याग औ' निष्ठा,भाव सुहाने…

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ख़्वाब

राजेश मेहरोत्रा 'राज़'लखनऊ(उत्तरप्रदेश)*************************** काव्य संग्रह हम और तुम से ए काश ! तेरी जुल्फ़ें महकी हो हल्की-हल्की।मध्यम-सी रोशनी में हो चाल बहकी-बहकी। सागर से गहरी आँखें उसपे घटा का काजल,झीना-सा…

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रात भर

रेखा बोरालखनऊ (उत्तर प्रदेश)********************************* काव्य संग्रह हम और तुम से रात भर,सरगोशी करती हैतुम्हारी आवाज़कानों में मेरे,अधूरी नींद से चौंक करउठकर बैठ जाती हूँ मैं,यूँ लगा अभी-अभीतुम्हारा सायाझुका था मुझ…

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ख्वाहिश

रेणु झा ‘रेणुका’राँची(झारखंड)************************************** काव्य संग्रह हम और तुम से एक ख्वाहिश है साजनतेरे दिल में रहना है,तेरे नयनों के दर्पण मेंबनना संवरना है,तुम देखना हो कर बेकरार…जैसे कल ही हुआ…

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चलो नज़रें दो-चार करते हैं

रेणू अग्रवालहैदराबाद(तेलंगाना)************************************ काव्य संग्रह हम और तुम से चलो नज़रें दो-चार करते हैं।एक-दूसरे से प्यार करते हैं। बहुत जी चुके तक़रार प्यार में,अब सरेआम इज़हार करते हैं। जिस्त से हटाओ…

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दिल के किसी कोने में

रौशनी अरोड़ा ‘रश्मि’ दिल्ली ********************************************* काव्य संग्रह हम और तुम से कहीं लग जाए न नज़र,तुझे किसी की दिलबरइसलिए छुपा रखा है तुझे,मैंने दुनिया की नज़रों से,दिल के किसी कोने…

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नजर कभी चाँद पर…

रेणू अग्रवालहैदराबाद(तेलंगाना)************************************ ये चाँद किसने टांक दिया है आसमान पर।के रश्क़ आ रहा है मेरे सायबान पर। नज़र कभी चाँद पर कभी सनम पर जाती है,के प्यार आ रहा है…

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मौसमी मार

विनय कुमार सिंह 'विनम्र' चन्दौली(उत्तरप्रदेश)***************************** जनवरी में जाड़े का अहसास देखो,अंगीठी है किसके जरा पास देखोशरीरों पे कपड़ों का मेला सजा है,खूंटी पे देखो बस हैंगर टंगा है। गरीबों को देखो…

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