वेदना या प्यार हो!

कल्पना शर्मा 'काव्या'जयपुर (राजस्थान)********************* काव्य संग्रह हम और तुम से... तुम विरह की वेदना हो या मिलन का प्यार हो,सजल नयन घन-घटा हो या प्रथम अभिसार हो। तुम चुभन हो…

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प्रेम

कृष्ण कुमार यादवलखनऊ(उत्तरप्रदेश)**************************** काव्य संग्रह हम और तुम से..... प्रेम एक भावना है,समर्पण है,त्याग हैप्रेम एक संयोग है,तो वियोग भी है।किसने जाना प्रेम का मर्म,दूषित कर दिया लोगों नेप्रेम की…

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प्यार में था मैं

कुँवर बेचैन सदाबहारप्रतापगढ़ (राजस्थान)************************************** काव्य संग्रह हम और तुम से.... प्यार में था मैं,तो मैंने बेच कर नींदकुछ रातें कमानी चाही।सोचा…खर्च करूँगातुम्हारे साथ,उन रातों को।पर तुम्हें डर था,उन लोगों का।जो…

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प्यार नहीं प्रेम

डॉ. कविश्री जायसवालमेरठ(उत्तरप्रदेश)********************************** काव्य संग्रह हम और तुम से.... प्यार नहीं प्रेम करती हूँ तुम्हें,पाना नहीं जीना चाहती हूँ तुम्हें क्योंकिपकड़ना नहीं थामना चाहती हूँ तुम्हेंबाँधना नहीं समेटना चाहती हूँ…

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हम बन जाएँ

ज्योति जैन 'ज्योति'कोलाघाट(पश्चिम बंगाल)****************************** काव्य संग्रह हम और तुम से.... चलो,मैं और तुमहम बन जाएँ,बारिश की तरहबूँद-बूँद मैं औरबूँद-बूँद तुममिलकर,बरसात बन जाएँ।बादलों में अठखेलियाँ करएक-दूसरे में खो जाएँ,तुम मेरे कृष्णमैं…

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मेरी स्वप्ननिशा तनु

जीवनदान चारण ‘अबोध’  पोकरण(राजस्थान) ******************************** काव्य संग्रह हम और तुम से.... मेरी जीत-मेरी हार है तू,और मेरी जिंदगी का उपकार है तू!मेरे दिल के सागर का किनारा है तू,अनजाने ख्वाबों की हकीकत है…

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हम तुम एक-दूजे के

हीरा सिंह चाहिल ‘बिल्ले’बिलासपुर (छत्तीसगढ़) *********************************************** काव्य संग्रह हम और तुम से..... हम-तुम इक-दूजे के साथी बनकर आते रहे हैं,आते रहेंगे,'रब' ने हमको मिलाया,जन्मों से हम मिलते रहे हैं,सदा ही…

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वृक्ष लगाओ

ममता तिवारीजांजगीर-चाम्पा(छत्तीसगढ़)************************************************* कानन मंगल आनन भावन,अतिशय अन्याय कर न मानवकाट जला कर सारे जंगल,बूझ-अबुझ तू मत बन दानवl जीव-जंतु की शरणस्थली,पलते उड़ते तैरते चलतेजाए कहाँ,जब घर उजड़ेगा,वो दिल से रोते-बिलखतेl…

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आत्महत्या:निर्बलता को बनाएं शक्ति

अल्पा मेहता ‘एक एहसास’राजकोट (गुजरात)*************************************** 'सुख में न विवेक खो,दु:ख में न सहनशीलता।सुख में हम अगर विवेक खो देते हैं, और दु:ख में सहनशीलता,तो हम कभी मानसिकता से स्थिर नहीं…

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मैं जो सबकी माँ हूँ…

गोपाल चन्द्र मुखर्जीबिलासपुर (छत्तीसगढ़)********************************************* माँ सारदा देवी जी को प्रणाम एवं श्रद्धाञ्जली अर्पण।मैं माँ जो हूँ! माँ अगर सन्तान की देखभाल नहीं करेगी तो कौन करेगी! कोई अगर माँ कहकर…

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