पहाड़ों पर बसी स्त्रियाँ

डॉ. विद्या ‘सौम्य’प्रयागराज (उत्तर प्रदेश)************************************************ पहाड़ों पर बसी स्त्रियाँ,अपने घरों में…संघर्ष की जलाती हैं,अनूठी मशाल….। रोशनी से दीप्त, पर्वत की श्रृंखलाओं में,बांध देती हैं, मन की सारी भंगिमाएंबिखरा कर अल्कों की तन्हाई को,तृषित नयनों से बैठ…पर्वत की उप्तकाओं में उगे,फूलों के मकरंद को अंजुली में,भर…मुस्कुराती हैं, गाती हैं, प्रियतम के,आवाहन गीत…। पहाड़ों पर बसी स्त्रियाँ,देह … Read more

पारिवारिक उत्सव में उत्कृष्ट रचनाओं से किया मंत्रमुग्ध

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अमरावती (महाराष्ट्र)। सप्तरंगी हिन्दी साहित्य संस्था (अमरावती) द्वारा ‘कोजागिरी’ (शरद पूर्णिमा) का पारिवारिक उत्सव श्री मुंगसाजी माउली सभागृह में नरेन्द्र देवरणकर ‘निर्दोष’ की अध्यक्षता में हुआ। प्रमुख अतिथि सुरेन्द्र पोपली, ओमप्रकाश चर्जन, श्याम उपाध्याय, संस्था की सचिव श्रीमती बरखा शर्मा ‘क्रांति’, मंचासीन रहे। इस मौके पर रचनाकारों ने उत्कृष्ट रचनाओं से सबको मंत्र मुग्ध कर … Read more

गाँव की नारी

बबिता कुमावतसीकर (राजस्थान)***************************************** माटी की गंध,ओस पर भी चलेंउगे सूरज। घूँघट नीचे,सपने हैं गहरेमुस्कान खिली। हाथ मेंहदी,संग हल की धुनधरा मुस्काए। नदी किनारे,घड़ा भी मुस्कुराएसाँझ उतरी। धूप तपती,मन में ठंडी छाँवगाँव की नारी। माटी की गोद,सपनों को सींचतीगाँव की नारी। तन हलका,आँखों में है उत्साहसाहसी मन। रास्ते पर है,पायल की झंकारगीत जोशीले। ओस-से पाँव,भोर की … Read more

मातु अहोई वंदना

डॉ.राम कुमार झा ‘निकुंज’बेंगलुरु (कर्नाटक) ************************************************* पर्व अहोई अष्टमी, कृष्ण कार्तिकी मास।मातु अहोई वन्दना, माँ रखती उपवास॥ दीर्घायु जीवन सुखी, हो निरोग सन्तान।दया क्षमा करुणा चरित, बढ़े वंश यश मान॥ लघु से लघुतर जीव भी, रक्षणीय संसार।पीड़ा हो परवेदना, मददगार उद्धार॥ सप्तवधू सतपुत्र की, पुण्य कथानक पर्व।पुत्र हीनता दुख सहे, परहित अर्पित सर्व॥ शिशु गरुड़ … Read more

गड़बड़झाला… ध्यान दो सरदार

हरिहर सिंह चौहानइन्दौर (मध्यप्रदेश )************************************ अब तो पूरे देश में उत्सव की ज्योति प्रकाशमान होने वाली है। त्योहार व पर्व की मस्ती में नए जमाने के सुकून के पल नहीं, भागम-भाग की दौड़ है। इसलिए रेडिमेड का दौर है, सब चीजें बनी- बनाई चहिए सभी को। बुजुर्ग वर यह तमाशा देख कर मुस्काते हैं और … Read more

क्यों पलकें भिगोना

हीरा सिंह चाहिल ‘बिल्ले’बिलासपुर (छत्तीसगढ़)********************************************* महसूस करे दिल तो क्यों पलकें भिगोना है।जब अश्क पिये दिल तो बेकार का रोना है। मायूस रहे दिल तो नजरें भी रहें गम में,पर अश्क बहा के तो कमजोर ही होना है। हैं अज्म बड़े दिल में दर भी ये खुदाई का,सम्मान रहे जिनसे मोती वो न खोना है। … Read more

लगे सुंदरी नार

डॉ.एन.के. सेठी ‘नवल’बांदीकुई (राजस्थान) ********************************************* कंगन हाथों में सजे, लगे सुन्दरी नार।चमक रही नवयौवना, खुश करती भरतार॥ पायल पहने कामिनी, छन-छन करती चाल।हिय में उठती हूक सी, हाल करे बेहाल॥ बिंदिया सजती भाल पे,भरे माँग सिंदूर।करती सभी सुहागिनें, अलंकरण भरपूर॥ काजल आँखों में लगा, करे नैन कजरार।मृगनयनी बनके करे, आकर्षित हर नार॥ बिंदी पायल कंगना, … Read more

बेटियों के सम्मान को समर्पित रही कल्पकथा काव्य संध्या

सोनीपत (हरियाणा)। प्रभु श्री राधा गोपीनाथ जी महाराज की कृपा से संचालित एवं हिन्दी भाषा-सनातन संस्कृति हेतु कृत संकल्पित कल्पकथा साहित्य संस्था परिवार ने २१८वीं आभासी काव्यगोष्ठी आयोजित की, जो बेटियों के नेह और सम्मान की भावनाओं को समर्पित रही। अध्यक्षता सीवान के साहित्यकार बिनोद कुमार पाण्डेय ने की। मुख्य अतिथि गुरुग्राम से विद्वत सृजनकार … Read more

आयुर्वेद से कविता तक का संगम समेटे पुस्तक विमोचित

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जयपुर (राजस्थान)। संपर्क संस्थान के बैनर तले हाल ही में डॉ. दीपाली वार्ष्णेय अग्रवाल की पुस्तक का विमोचन हुआ। आयुर्वेद की गहन साधिका और संवेदनशील कवयित्री होने के कारण इनकी कविताओं में जीवन के विविध रंग और अनुभवों की गहराई बसी हुई है। इसमें लगभग ८० कविता हैं। इनमें कहीं शीतल औषधीय स्पर्श का अनुभव, … Read more

पुस्तकालय को पुस्तकें भेंट, सम्मान किया

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आगरा (उप्र)। नागरी प्रचारिणी सभा (आगरा) के सभागार में राजभाषा हिन्दी दिवस के अवसर पर सभापति डॉ. खुशीराम शर्मा की अध्यक्षता में समारोह किया गया। इसमें कन्हैयालाल माणिकलाल मुंशी संस्थान के निदेशक प्रो. प्रदीप श्रीधर को ‘प्रो. सुरेश चन्द शर्मा स्मृति सम्मान’ और वरिष्ठ पत्रकार आदर्श नन्दन गुप्त को ‘हिन्दी सेवा सम्मान’ से सम्मानित किया … Read more