साहित्य में जीवन सार
मुकेश कुमार मोदीबीकानेर (राजस्थान)**************************************** साहित्य के साए में, पूरी होगी खुद की तलाश,अपनी अन्तर्चेतना का, होगा खुद को आभास। मार्ग मिलेगा खुद को, नए विचार पर चलने का,पवित्र दृष्टि से…
मुकेश कुमार मोदीबीकानेर (राजस्थान)**************************************** साहित्य के साए में, पूरी होगी खुद की तलाश,अपनी अन्तर्चेतना का, होगा खुद को आभास। मार्ग मिलेगा खुद को, नए विचार पर चलने का,पवित्र दृष्टि से…
अजय जैन ‘विकल्प’इंदौर(मध्यप्रदेश)****************************************** हिंदी और हमारी जिंदगी…. एकता हिंदी,भारत आन हिंदी-सरल हिंदी। भावना हिंदी,असीम स्नेह हिंदी-गौरव हिंदी। जननी हिंदी,शब्द तिजोरी हिंदी-विराट हिंदी। तुलसी हिंदी,साहित्य पूरा हिंदी-जायसी हिंदी। श्रंगार हिंदी,उपहार है…
डॉ. पुनीत कुमार द्विवेदीइंदौर (मध्यप्रदेश)********************************** हिंदी और हमारी जिंदगी…. परिवार पहली है पाठशाला,जहां माता निज भाषा बोलना हीशिशु को सिखाती है,पर आज की ये माँएं उर्फ मम्मी मम्माएँ,सो जाने के…
डॉ. श्राबनी चक्रवर्तीबिलासपुर (छतीसगढ़)************************************************* हिंदी और हमारी जिंदगी.... बचपन में जब कक्षा पांचवी की एक किताब का अंग्रेजी से हिन्दी में अनुवाद किया था, क्योंकि वह किताब हिंदी में उपलब्ध…
हेमराज ठाकुरमंडी (हिमाचल प्रदेश)***************************************** हिंदी और हमारी जिंदगी... राष्ट्र का गौरव शोभित करने को,फिर से हमको क्या लड़ना होगा ?राष्ट्र भाषा के सम्मानित पद पर,शासित हिन्दी को करना होगा। अमृत…
ममता तिवारी ‘ममता’जांजगीर-चाम्पा(छत्तीसगढ़)************************************** हिंदी और हमारी जिंदगी... क्लिष्ट संस्कृत कालांतर में,बन बंगाली कन्नड़ उड़ियापंजाबी सिंधी गुजराती,मलयालम तेलगु असमिया। राजस्थान, मराठी, नेपाली,अवधि, ब्रज, गोंडी, भोजपुरीहरियाणा कश्मीरी कुमांयू,बनारसी गोंडी छत्तीसगढ़ी। संस्कृत से…
डॉ. आशा गुप्ता ‘श्रेया’जमशेदपुर (झारखण्ड)******************************************* हिंदी और हमारी जिंदगी.... जन-जन की है भाषा हिंदी,भारत माँ के भाल की बिंदीकितनी है मीठी शब्द सरल,आत्मीयता सौहार्दता है हिंदी। जन-जन को जोडे़ बोली…
डॉ. कुमारी कुन्दनपटना(बिहार)****************************** हिन्दी और हमारी जिन्दगी.... सिंधु को हिन्दु बोले ईरानी,हिन्दू से बना ,अपना हिन्दुस्तानभाषा से ही तो होती है अपनी,सभ्यता-संस्कृति की पहचान। सबकी अपनी-अपनी भाषा,अपने देश की अलग…
शंकरलाल जांगिड़ ‘शंकर दादाजी’रावतसर(राजस्थान) ****************************************** हिंदी और हमारी जिंदगी.... एक दिवस क्यों, हर दिन आओ हिन्दी का गुणगान करें,हिन्दी रची लहू में अपने, हम इसका उत्थान करें। ले मशाल हाथों में…
प्रो.डॉ. शरद नारायण खरेमंडला(मध्यप्रदेश)******************************************* हिंदी और हमारी जिंदगी... बनी हमारी ज़िन्दगी, हिंदी जिसका नाम।जीवन को सुविचार दे, करती सारे काम॥ हिंदी नियमित संग है, सदा निभाती साथ।कोई भी हो प्रांत…