जलधर
डॉ. कुमारी कुन्दनपटना(बिहार)****************************** जलधर को घिरते देखा तो,फिर चला ना दिल पर जोरप्यार की गगरी छलक उठी,वो हमें दिखने लगे चहुंओर। कैसे कहुँ दिल की बतिया,अब जिया मेरा भरमाएजी चाहे…
डॉ. कुमारी कुन्दनपटना(बिहार)****************************** जलधर को घिरते देखा तो,फिर चला ना दिल पर जोरप्यार की गगरी छलक उठी,वो हमें दिखने लगे चहुंओर। कैसे कहुँ दिल की बतिया,अब जिया मेरा भरमाएजी चाहे…
ललित गर्गदिल्ली************************************** अन्तर्राष्ट्रीय शांति एवं अहिंसा दिवस-२१ सितम्बर विशेष... 'विश्व शांति दिवस' अथवा 'अंतरराष्ट्रीय शांति दिवस' प्रत्येक वर्ष २१ सितम्बर को मनाया जाता है। यह दिवस सभी देशों और लोगों…
हेमराज ठाकुरमंडी (हिमाचल प्रदेश)***************************************** ओ पदवी के सब चाहवानों! अब तो पदवी का मोह छोड़ो,अपनी गलती का ठीकरा प्यारों, दूसरों के सर पर न फोड़ो। देश हमारा, हम सब हैं…
प्रो.डॉ. शरद नारायण खरेमंडला(मध्यप्रदेश)******************************************* कैसा कलियुग आ गया, बदल गया इंसान।दौलत के पीछे लगा, तजकर सब सम्मान॥ बदल गया इंसान अब, भूल गया ईमानपाकर दौलत बन गया, मानो ख़ुद भगवान॥…
डॉ.राम कुमार झा ‘निकुंज’बेंगलुरु (कर्नाटक) *********************************************** नभ भोर अरुण चहुँ ओर शोर,पशु विहग प्रकृति चितचोर मोर,हलधर किसान उठ लखि विहान,नव आश किरण मुस्काती है। चहुँ प्रगति भाव नव उषा काल,रवि…
मुकेश कुमार मोदीबीकानेर (राजस्थान)**************************************** जो अपने हैं उनको ही, कुछ लोग इतना छलते,गिरगिट भी शरमा जाए, इतने जल्दी रंग बदलते। मतलब निकलने तक, ये कहते रहते मीठे बोल,ख्वाहिश पूरी ना…
अब्दुल हमीद इदरीसी ‘हमीद कानपुरी’कानपुर(उत्तर प्रदेश)********************************************* नहीं करता कभी भी बदज़बानी।वो जो इंसान होता खानदानी। धरातल पर उतारें योजनायें,नहीं बातें करें बस आसमानी। उठायें सोचकर ही हर क़दम अब,मुसीबत में…
इंदौर (मप्र)। नार्वे में भारत की भाषा हिंदी और यहाँ की संस्कृति को सम्मान दिया जाता है। दोनों देशों की संस्कृतियों को जोड़ने में हिंदी की महत्वपूर्ण भूमिका है।यह कथन…
मण्डला (मप्र)। शासकीय कन्या महाविद्यालय में 'हिन्दी दिवस' पर प्राचार्य प्रो.(डॉ.) शरद नारायण खरे के मार्गदर्शन व डॉ.एस.पी. धूमकेती के संयोजन-संचालन में एक आयोजन परिसंवाद के रूप में हुआ। वक्ता…
शंकरलाल जांगिड़ ‘शंकर दादाजी’रावतसर(राजस्थान) ****************************************** हिन्दी राष्ट्रभाषा मधुर मातृभाषा,न समझेंगे तब तक बढ़ेगी पिपासा। मिला न राष्ट्रभाषा का हिन्दी को मान,मधुर मातृभाषा कैसे पाए सम्मानऐ भारत के बेटों अब सोचो जरा-सा,न…