आई है लालिमा
हरिहर सिंह चौहानइन्दौर (मध्यप्रदेश )************************************ भोर की बेला,ओस की बूँदेंहरी-भरी वसुंधरा,सूरज की लालिमा। नई सुबह नयापन,सकारात्मकता का उजालासभी इसमें समाहित,चारों और सूरज की लालिमा। नई सुबह नए विचार,आगाज हो गया संकल्पों काछोड़ पुरानी बातों को,फैली है सूरज की लालिमा। बीत गया वहाँ कल था,आज फिर नई सुबह हैनए शब्दों का श्री गणेश हो,इसी लिए आई … Read more