कोई तो मिले…
संजय एम. वासनिकमुम्बई (महाराष्ट्र)************************************* सोचता हूँ कई बार,सावन के मौसम मेंएक सुहानी शाम को,बरसात को चाय पर बुलाऊँकहूँ उसे साथ अपने,थोड़ा-सा धूप का टुकड़ा भीलेकर आए…। वैसे तो उनके साथ मैं,हल्के-हल्के बहती सावन कीबारिश में लिपटी ठंडी हवाओं के,झोंकों को भी चाय पर बुलाऊँसाथ उनके सारी रात गप-शप करूँ…। वे आएँगे या नहीं! मन मेरा,शंकित-सा … Read more