मुस्कुराना किसको आता है

अब्दुल हमीद इदरीसी ‘हमीद कानपुरी’कानपुर(उत्तर प्रदेश)********************************************* सलीक़े से सनम-सा मुस्कुराना किसको आता है।मुहब्बत का तराना गुनगुनाना किसको आता है। यतीमों नातवानों को बसाना किसको आता है।ग़रीबों को हुकूक़ उनके दिलाना किसको आता है। भलाई आम जनता की हमेशा तय करे है ये,सलीक़े से हुक़ूमत को चलाना किसको आता है। करें तन्कीद लाखों लोग बस अपने … Read more

ये कैसा जहां

डाॅ. अरविंद श्रीवास्तव ‘असीम’दतिया (मध्यप्रदेश)********************************************************** जिधर देखता हूँ, धुआं ही धुआं है।छिपी है सच्चाई, ये कैसा जहां है। न खुशबू,न भंवरे, न इठलाती कलियाँ,न दिखती है तितली, दुखी बागवाँ है। चला हूँ अकेला, चला जा रहा हूँ,न अपना है कोई, नहीं कारवां है। रहा महफिलों में, मिले कई चेहरे,जिसे ढूंढता हूँ, वो जाने कहां है। … Read more

सब देखते रहे

अब्दुल हमीद इदरीसी ‘हमीद कानपुरी’कानपुर(उत्तर प्रदेश)********************************************* कुछ भी न थी ख़ता, सब देखते रहे।हमको मिली सज़ा, सब देखते रहे। तिनका तलक जला, सब देखते रहे।कुछ भी नहीं बचा, सब देखते रहे। रोके नहीं रुका, सब देखते रहे।आया जो ज़लज़ला, सब देखते रहे। कु़दरत के खेल सब, क़ुदरत ही जानती,ख़ाली हुआ भरा, सब देखते रहे। बातिल … Read more

सब देते हैं

अब्दुल हमीद इदरीसी ‘हमीद कानपुरी’कानपुर(उत्तर प्रदेश)********************************************* वक्त ज़रूरत सब देते हैं।माँगो लाख़ अरब देते हैं। सबसे पूछें नाम पता पर,अपना परिचय कब देते हैं। बनें रुकावट काम करें तो,ताने लेकिन सब देते हैं। काम ज़ियादा करवा लेते,मेहनताना तब देते हैं। हक़ ही हरदम कहना सीखा,ख़ूब गवाही लब देते हैं॥ परिचय : अब्दुल हमीद इदरीसी का साहित्यिक … Read more

छोड़ दो छटपटाहट

अब्दुल हमीद इदरीसी ‘हमीद कानपुरी’कानपुर(उत्तर प्रदेश)********************************************* बन्द कर दो आज़माहट।तब न होगी कसमसाहट। हाल कितना भी बुरा हो,हो लबों पर मुस्कुराहट। काम कर लो कुछ भले भी,छोड़ कर ये चौधराहट। चाहते हो गर सुकूं तो,छोड़ दो ये छटपटाहट। खुल हँसो तुम साथ सबके,चाहते गर सुख की आहट॥ परिचय : अब्दुल हमीद इदरीसी का साहित्यिक उपनाम-हमीद कानपुरी … Read more

सयाना कर दे

अब्दुल हमीद इदरीसी ‘हमीद कानपुरी’कानपुर(उत्तर प्रदेश)********************************************* थोड़ा और सियाना कर दे।माज़ी से अन्जाना कर दे। हरदम पीना भाता उनमें,आँखों को पैमाना कर दे। उल्फ़त के जो दुश्मन जग में,उन पर अब जुर्माना कर दे। और नहीं प्रतिद्वन्दी कोई,दाम अभी मनमाना कर दे। कहते इश्क़ उसे ही सच्चा,जो जग से बेगाना कर दे॥ परिचय : अब्दुल हमीद … Read more

शोर-शराबा मज़े में है

सुश्री अंजुमन मंसूरी ‘आरज़ू’छिंदवाड़ा (मध्य प्रदेश)****************************************** फ़न है उदास और तमाशा मज़े में है।मूसीक़ी गुम है शोर-शराबा मज़े में है। है सच की राह चलके परेशान कोई और,लफ़्फ़ाज़ी करके झूठ का पुतला मज़े में है। हर फ़िक्र सिर्फ़ जागने वाले का है नसीब,जो सो रहा है, बस वही बंदा मज़े में है। रोज़ी के लाले, … Read more

अनवरत हिफ़ाज़त

अब्दुल हमीद इदरीसी ‘हमीद कानपुरी’कानपुर(उत्तर प्रदेश)********************************************* अनवरत कीजै हिफ़ाज़त।मुल्क रखना गर सलामत। हर समय रहता है ख़तरा,गर बहुत उँची इमारत। मार सकता कौन उसको,रब करे जिसकी हिफ़ाज़त। फूलना-फलना तभी तक,जब तलक रब की इनायत। चीखती जनता बहुत है,पर नहीं होती समाअत॥ परिचय : अब्दुल हमीद इदरीसी का साहित्यिक उपनाम-हमीद कानपुरी है। आपकी जन्मतिथि-१० मई १९५७ और जन्म स्थान-कानपुर … Read more

ज़िन्दगी का पयाम

अब्दुल हमीद इदरीसी ‘हमीद कानपुरी’कानपुर(उत्तर प्रदेश)********************************************* ज़िन्दगी नेक नाम होती है।एक से तब तमाम होती है। बात करता नहीं कोई उससे,जो ज़बां बद कलाम होती है। हो कमाई का गर ग़लत ज़रिया,वो कमाई हराम होती है। पीर की बात सिर्फ बात नहीं,ज़िन्दगी का पयाम होती है। दिल को मिलता सुकून-चैन बहुत,जब सनम से सलाम होती … Read more

प्यार का सिलसिला

डॉ. गायत्री शर्मा’प्रीत’कोरबा(छत्तीसगढ़)******************************************* प्यार का सिलसिला चला बैठे,खास उनको हमीं बना बैठे। दर्द बढ़ता रहा जुदाई का,होश दिल का कहीं गंवा बैठे। बेबसी इस कदर बढ़ी जाना,बाग गुलशन हमीं सजा बैठे। वो मिले बात मुद्दतों यूँ ही,रूठते हो, तुम्हें मना बैठे। जो मिले बेरुखी हमें तेरी,फिर खुशी का जहाँ लुटा बैठे। याद में रोज यूँ … Read more