वर्तमान में विश्व राजनीतिक गुरु कृष्ण के उद्देश्यों की प्रासंगिकता

राधा गोयलनई दिल्ली****************************************** आज के युग में कृष्ण के उद्देश्यों की सबसे अधिक आवश्यकता व प्रासंगिकता है।जरासंघ ने कितने ही राजाओं को बंदी बनाया हुआ था। श्री कृष्ण ने उन सबको जरासंघ की कैद से मुक्त किया। सभी को ससम्मान उनका राज्याभिषेक करके उनका राज्य लौटाया, जबकि वे चाहते तो उन सभी राज्यों को अपने … Read more

ब्रिटेन:ऋषि सुनक के लिए चुनौतियाँ

ललित गर्गदिल्ली************************************** भारतीय मूल के ऋषि सुनक नया इतिहास रचते हुए ब्रिटेन के नए प्रधानमंत्री की शपथ ले चुके हैं। यह पहली बार हुआ है, जब कोई भारतीय मूल का व्यक्ति ब्रिटेन का प्रधानमंत्री बना है। हालांकि, इससे ब्रिटेन पर छाए राजनीतिक और आर्थिक संकट के बादल कितने कम होंगे, यह भविष्य के गर्भ में … Read more

सुखद जीवन का आशीर्वाद दिव्यता की चादर

मुकेश कुमार मोदीबीकानेर (राजस्थान)**************************************** जन्म के पश्चात् हम अपने अभिभावकों से, घर के बड़े-बुजुर्गाें से, बाल्यकाल के मित्रों से, अड़ोस-पड़ोस के लोगों से उनके अनुसरण में गुण व अवगुण ग्रहण करते हुए बड़े होते हैं। माता-पिता व बड़े-बुजुर्गों द्वारा हमें अच्छी और आदरपूर्ण व्यावहारिकता सिखाने का प्रयास भी किया जाता है, साथ ही हर बच्चा … Read more

दक्षिण में हिंदी विरोधी ये सपोले उत्तर से

डॉ. एम.एल. गुप्ता ‘आदित्य’मुम्बई(महाराष्ट्र)********************************************** नेता जो कुछ भी कहते हैं, वह राजनीतिक जमा, घटा या गुणा करके ही कहते या करते हैं। आए-दिन कांग्रेस सहित विपक्षी नेता घुमा-फिरा कर हिंदू धर्म पर ही हमले करते दिखते हैं। इनके द्वारा बाकी किसी धर्म पर ऐसे हमले शायद ही कभी हुए हों। पी. चिदंबरम ने फिर एक … Read more

मातृभाषा को महत्व देकर ऐतिहासिक निर्णय लिया

डॉ. एम.एल. गुप्ता ‘आदित्य’मुम्बई(महाराष्ट्र)********************************************** मध्यप्रदेश में देश में पहली बार हिंदी में चिकित्सा शिक्षा के पाठ्यक्रम का शुभारंभ किया गया है। प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने नई शिक्षा नीति में प्राथमिक, तकनीकी और चिकित्सा शिक्षा में मातृभाषा को महत्व देकर बहुत बड़ा ऐतिहासिक निर्णय लिया है।प्रधानमंत्री ने सभी क्षेत्रीय भाषाओं में चिकित्सा और अभियान्त्रिकि की शिक्षा … Read more

भ्रष्टाचार के खात्मे से ही विकसित राष्ट्र बनेगा भारत

अमल श्रीवास्तव बिलासपुर(छत्तीसगढ़) *********************************** भ्रष्टाचार के कारण हमारे देश के विकास की जो गति होनी चाहिए, वह नहीं हो पा रही है। देश का कोई भी ऐसा क्षेत्र नहीं है जहां भ्रष्टाचार नहीं है। राजनीतिक दल भ्रष्टाचार रोकने के वादे के साथ चुनाव में उतरते हैं, परंतु सरकार बनते ही वे भी भ्रष्टाचार को शिष्टाचार मानने … Read more

भयमुक्त होकर अभिलाषा जगाएं

मुकेश कुमार मोदीबीकानेर (राजस्थान)**************************************** एक बहुचर्चित चलचित्र का प्रचलित संवाद है ‘‘जो डर गया, समझो मर गया।‘‘ यानी डरने वाला व्यक्ति कोई भी उपलब्धि हासिल नहीं कर सकता, क्योंकि वह तो मरने से पहले ही मरे समान है।भोजन, पानी और श्वांस जीवन के ३ मूलभूत आधार हैं। इन्हें पूर्ण करने की हद तक हर प्राणी … Read more

म.प्र. ने जलाई हिंदी की मशाल

डॉ.वेदप्रताप वैदिकगुड़गांव (दिल्ली) ******************************************* केरल, तेलंगाना और तमिलनाडु के क्रमशः मुख्यमंत्री, मंत्री और नेताओं ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से मांग की है कि उनके प्रदेशों पर हिंदी न थोपी जाए। ऐसा उन्होंने इसलिए किया है कि, संसद की राजभाषा समिति ने केंद्र सरकार की भर्ती-परीक्षाओं में हिंदी अनिवार्य करने और आईआईटी तथा आईआईएम शिक्षा संस्थाओं में … Read more

सुप्त देवत्व का पुर्नजागरण अन्तर्चेतना से ही

मुकेश कुमार मोदीबीकानेर (राजस्थान)**************************************** मनुष्य के वर्तमान चरित्र का गहनतापूर्वक अध्ययन करने से यही निष्कर्ष निकलता है कि, सृष्टिचक्र के आदिकाल में उसके चरित्र में देवत्व विद्यमान था, जो जन्म-जन्मान्तर पांच विकारों के चंगुल में फंसते-फंसते चारित्रिक गिरावट के कारण आज सुप्त अवस्था में जाकर मूर्छित सा हो गया है।बर्हिमुखता का संस्कार नैसर्गिक होने के … Read more

डाक का महत्व आज भी कायम

डॉ.अरविन्द जैनभोपाल(मध्यप्रदेश)*****************************************************  विश्व डाक दिवस (९ अक्तूबर) विशेष…. भारतीय डाक का इतिहास करीब डेढ़ सौ साल पुराना है। शुरुआत ब्रिटिश हुकूमत के दौर में हुई थी। ये डाक सेवा अंग्रेजों ने भारत में शुरू की थी। साल १७६६ में लार्ड क्लाइव ने पहली बार भारत में डाक व्यवस्था को शुरु किया था, जबकि विभाग के … Read more