मैत्री हो भाग्यवान
डॉ.राम कुमार झा ‘निकुंज’बेंगलुरु (कर्नाटक) ************************************************* भाग्यवान मैत्री हो लोका।मित्र वही साथी हर शोका॥नीति-रीति सम्प्रीति दिखावा,बढ़े मदद दु:ख हाथ बढ़ावा॥ खुशियाँ गम समरूप दिखाए।आपस में विश्वास जगाए॥बने सदा विपद संजीवनी।अपनापन रिश्ते हो अपनी॥ मित्र इत्र सुरभित सम लोका।तन मन आनंदित आलोका॥नाजुक कोमल कुसुम समाना।खिले पुष्प मकरंद सुहाना॥ कृष्ण-सुदामा अमर मिताई।स्नेहिल निर्मल धार बहाई॥वासुदेव कृष्णा सखि … Read more