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विकसित देश कैसे बनेगा!

डॉ.आशा आजाद ‘कृति’
कोरबा (छत्तीसगढ़)
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विकसित कैसे देश बनेगा।
भारत कैसे आज बढ़ेगा॥
जब सच्चे पथ होगें नेता।
कहलाएँगे वही प्रणेता॥

लोकतंत्र का मान घटाते।
मंत्री पद का मान गिराते॥
जन-जनता से वोट मांगते।
दु:ख-पीड़ा पर नहीं झांकते॥

लागू जीएसटी सुशिक्षा।
मुफ्त नहीं अब अपनी दीक्षा॥
लूट रहे हैं जनता-जन को।
आँको इनके काले मन को॥

डीजल अरु पेट्रोल बढ़ाते।
जन-जनता को दीन बनाते॥
आज मंहगाई की खाई।
आमजनों को बहुत रूलाई॥

स्विट्जरलैंड विदेश कहाता।
पहले क्रम में यह है आता॥
शिक्षा से विकसित है जानें।
सर्वोपरि शिक्षा पहचानें॥

बेरोजगार है नित्य भटकते।
शिक्षित होकर माथ पटकते॥
रोजगार तो आज नहीं है।
इतनी पीड़ा नहीं कहीं है॥

नेता-सांसद सत्ता पाकर।
पूँजी अपनी खूब बनाकर॥
जन-जनता की पीर न हरते।
अपनी झोली निसदिन भरते॥

नेता गर होंगे जो सच्चे।
विकसित तब जन-जन अरु बच्चे॥
जन उत्थान के पथ पर चल कर।
भारत होगा विकसित सुंदर॥

नहीं सुरक्षित बेटी नारी।
कहलाती है जो अवतारी॥
अस्मत उसकी निसदिन लुटती।
हर क्षण नारी रहती घुटती॥

है भारत में लज्जित बाला।
पापी का क्यों मुँह नहीं काला॥
कैसे विकसित देश गढ़ेगा।
जब मंत्री दोषी शय देगा॥

नारी का अपमान यहाँ पर।
मान बचाए कहाँ-कहाँ पर॥
बलात्कारियों को शय देते।
मंत्री सच को झुठला लेते॥

मंत्री का परिवार कहाता।
नव पद पर नियुक्ति पाता॥
उसके बेटे-बेटी आये।
पद पर विजयी वे ही पाये॥

क्यों किसान है प्रतिदिन मरते।
पेट सभी का है जो भरते॥
विकट स्थिति पर आज किसानी।
यह सरकार करे मनमानी॥

भ्रष्टाचार की गहरी खाई।
आम मनुज को बहुत रुलाई॥
भारत की ऐ जनता बोलो।
सोई जनता आँखें खोलो॥

विकसित गर हो देश बनाना।
लोकतंत्र का मान बढ़ाना॥
सत्य पथिक जब होंगे नेता।
भारत के वह श्रेष्ठ प्रणेता॥

परिचय-डॉ. आशा आजाद का जन्म बाल्को (कोरबा, छत्तीसगढ़) में २० अगस्त १९७८ को हुआ है। कोरबा के मानिकपुर में ही निवासरत डॉ. आजाद को हिंदी, अंग्रेजी व छत्तीसगढ़ी भाषा का ज्ञान है। एम.टेक. (व्यवहारिक भूविज्ञान) में एवं कार्यक्षेत्र-शा.इ.वि.स्ना. महाविद्यालय (कोरबा) है। सामाजिक गतिविधि के अन्तर्गत आपकी सक्रियता लेखन में है। लेखन विधा-छंदबद्ध कविता (हिंदी , छत्तीसगढ़ी भाषा) गीत, आलेख व मुक्तक है। आपकी पुस्तक-छत्तीसगढ़ संपूर्ण दर्शन (विशाल छंदमयी साझा संकलन), आशा की अभिव्यंजना (गीत संग्रह) प्रकाशित है। बहुत-सी रचनाएँ वेब, ब्लॉग और पत्र-पत्रिकाओं में प्रकाशित हुई हैं। आपको छंदबद्ध कविता, आलेख, शोध-पत्र हेतु कई सम्मान-पुरस्कार मिले हैं। ‘छत्तीसगढ़ संपूर्ण दर्शन’ (१०१९ पृष्ठ का ग्रंथ) का सम्पादकीय कार्य भी डॉ. आजाद ने किया है। इस विशाल संकलन हेतु इन्हें राष्ट्रीय मानद अलंकरण, राष्ट्रीय श्रेष्ठ लेखक सम्मान, राष्ट्रीय एपीजे अब्दुल कलाम सम्मान मिला है, साथ ही ‘गोल्डन बुक आफ वर्ल्ड रिकार्ड’, राष्ट्रीय बेस्ट आइकन अवार्ड व साहित्य में राष्ट्रीय बेस्ट एक्सीलेंस सम्मान भी प्राप्त हो चुके हैं। डॉ. आजाद ने विशेष उपलब्धि में -दूरदर्शन, आकाशवाणी व शोध-पत्र हेतु सम्मान प्राप्त किया है। आपकी लेखनी का उद्देश्य-जनहित संदेशप्रद गद्य पद्य पर सृजन करना है।इनका ध्येय है कि, सृजन आधार से प्रेरित होकर हृदय भाव में परिवर्तन हो और मनुष्य नेकी की राह पर चलें। पसंदीदा हिन्दी लेखक-रामधारी सिंह ‘दिनकर’, जनकवि कोदूराम दलित जी, तुलसी दास, कबीर दास आदि को मानने वाली डॉ.आशा आजाद के लिए प्रेरणापुंज-अरुण कुमार निगम (दलित जी के पुत्र) हैं। आपका जीवन इस सार को धारण करता है कि साहित्य सृजन से यदि एक व्यक्ति भी पढ़कर लाभान्वित होता है तो, सृजन करना सार्थक है। देश और हिंदी भाषा के प्रति विचार-“हिंदी भाषा से श्रेष्ठ कोई भाषा नहीं है, यह बहुत ही सरलता से मनुष्य के हृदय में अपना स्थान बना लेती है। हिंदी भाषा की मृदुवाणी हृदय में अमृत घोल देती है। एक व्यक्ति से दूसरे व्यक्ति की ओर प्रेम, स्नेह, अपनत्व का भाव स्वतः बना लेती है।”