हाथों में है ईश समाया

आशा आजाद`कृतिकोरबा (छत्तीसगढ़)**************************** चिकित्सकों को नमन करूँ मैं। कर्म लगन पर ध्यान धरूँ मैं।कलयुग के अवतार यही है। फर्ज ध्येय से मुड़े नही है॥ 'कोरोना' की विषम घड़ी में। जुड़े…

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मानवता निभाना

प्रो.डॉ. शरद नारायण खरेमंडला(मध्यप्रदेश)******************************************* मानवता का धर्म निभाना। ख़ुद को चोखा रोज़ बनाना॥बुरे सोच को दूर भगाना। प्रेमभाव को तुम अपनाना॥ दयाभाव के फूल खिलाना। पर-उपकारी तुम बन जाना॥झूठ कभी…

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गुरुवर वाणी

आशा आजाद`कृति`कोरबा (छत्तीसगढ़) ******************************************* यदि आप नहीं होते, तो…(शिक्षक दिवस विशेष).... चरण कमल पर पाँव धरू मैं। शत-शत वंदन नमन करूँ मैं।शिक्षक मानव जीवन गढ़ता। नित पथ पर बालक है…

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अरण्य बचाओ

आशा आजाद`कृति`कोरबा (छत्तीसगढ़) ******************************************* है अरण्य हसदेव हमारा।राज्य धरा पर लगता न्यारा॥कभी न उजड़े वैभव काया।जीवन सेहत इससे पाया॥ लोभ मोह को सारें भूलें।माथ लगाकर इसको छू लें॥शुद्ध हवा का…

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गर्मी आई

डॉ.एन.के. सेठीबांदीकुई (राजस्थान) ********************************************* पतझड़ बीता गर्मी आई।सूरज ने भी धूम मचाई॥ताल-तलैया सूखे सारे।प्राणी सब गर्मी के मारे॥ ग्रीष्म सदा सबको तड़पाती।तन-मन में यह आग लगाती॥सूरज भू को खूब तपाता।सिर…

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ग्रीष्म ऋतु आई

डॉ.धारा बल्लभ पाण्डेय’आलोक’अल्मोड़ा(उत्तराखंड) *************************************** रचना शिल्प:१६ -१६ मात्रा... गया बसंत, ग्रीष्म ऋतु आई।तपती धूप संग में लाई॥सूखी धरती घास फूस अब।जल के स्रोत कुँए धारे सब॥ प्यासी चिड़िया, कौए, चातक।जाते…

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प्यार के रंग

आशा आजाद`कृति`कोरबा (छत्तीसगढ़) ******************************************* जीवन सुंदर सुखमय होता।अंनर्तमन से स्वप्न पिरोता॥जिसका मन निर्मल पावन हो।रंग प्यार का मन भावन हो॥ मात पिता का प्रेम सुनहरा।स्नेह भाव का रहता पहरा॥माथ पिता…

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कहते अमृत आजादी को

हीरा सिंह चाहिल ‘बिल्ले’बिलासपुर (छत्तीसगढ़) ************************************** ७५ बरस की आजादी का अमृत और हम सपर्धा विशेष…. पचहत्तर वर्षों से वादी।में है भारत की आजादी॥अमृत का मंथन कर लाये।प्राण लुटा कर…

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मातृ शक्ति हिंदी

प्रिया देवांगन ‘प्रियू’ पंडरिया (छत्तीसगढ़) ********************************** हिंदी दिवस विशेष.... बोलेंगे हम मिलकर हिंदी।माथे इसके लगती बिंदी॥हिन्द देश के हम हैं वासी।बनों नहीं अंग्रेजी दासी॥ अंग्रेजी को मार भगाओ।हिंदी सीखो और…

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बरसे पानी

प्रिया देवांगन ‘प्रियू’ पंडरिया (छत्तीसगढ़) ********************************** रिमझिम-रिमझिम बरसे पानी।चहक उठी है चिड़िया रानी॥हरियाली पेड़ों पर छायी।डाल-डाल पर वह लहरायी॥ गलियाँ सारी सूनी रहती।रिमझिम पानी उसमें बहती॥मिट्टी की खुशबू है आती।सबके…

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