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शक्ति, भक्ति और दिखावा

डॉ.आशा आजाद ‘कृति’
कोरबा (छत्तीसगढ़)
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शक्ति, भक्ति और दिखावा…

जगह-जगह है आज दिखावा।भक्ति भाव का करते दावा॥
मन में कितना द्वैष समाया।सच्चा मन कैसे कहलाया॥

मन धीरज हिय कैसे आए।निंदा में जब वक्त बिताए॥
अन्य मनुज में दोष बनाते।सच्चे मन का ढोंग रचाते॥

धन का अति जब लोभ समाये।
तुलना करके समय गँवाये॥
ज्ञान ध्येय को है बिसराते।व्यर्थ बात के पथ है जाते॥

वृद्ध पिता अरु भूखी माता।भूखा रखकर क्या जगराता॥
सेवा पथ को है बिसराते।
नित परिजन को अति रूलाते॥

गहने जेवर वस्त्र दिखाते।आडंबर का पथ अपनाते॥
वृद्ध घरों में चीथड़े पहने।महिला धारे कितने गहने॥

भेदभाव जो मन में धारे।
नहीं ईश को लगते प्यारे॥
मानवता से जिसका नाता।मनुज श्रेष्ठ वह ही कहलाता॥

करें बालिका नित्य सुरक्षा।शाला में होवे शुभ कक्षा॥
नारी की रक्षा की दीक्षा।
प्राप्त करे बालक नव शिक्षा॥

जहाँ नारी की अस्मत लुटती।हर क्षण बेटी रहती घुटती॥
भक्ति भाव का ढोंग रचाते।देख मान को नहीं बचाते॥

अपराधों का नित-नित बढ़ना।नारी लज्जित सूली चढ़ना॥
नन्हीं बाला निसदिन रोती।
दुष्ट मनुज के कारण रोती॥

मात-पिता की करते पूजा।मानव जीवन मिले न दूजा॥
दीन-दुखी की सच्ची सेवा। पुण्य-भक्ति से मिलता मेवा॥

ईश कहे शुभ जग नारी है।
लुटे मान ये क्या लाचारी है॥
अनाचार मिलकर नित रोकें।बुरी सोंच को हक से टोकें॥

सतगुण मन में धारें मानव।अनाचार कर बनें न दानव॥
शुभ सच्ची भक्ति मन धारें।सदाचरण से काज सँवारें॥

व्यर्थ दिखावा त्याग करें हम।मानवता सत कर्म धरें हम॥
जिसका मन होता है सच्चा।ज्ञान सीख अपनाता बच्चा॥

मानव जीवन श्रेष्ठ बनाएँ।आडंबर को दूर भगाएँ॥
पुण्य कर्म को हिय पर धारें।नेक धर्म को जनहित वारें॥

परिचय-डॉ. आशा आजाद का जन्म बाल्को (कोरबा, छत्तीसगढ़) में २० अगस्त १९७८ को हुआ है। कोरबा के मानिकपुर में ही निवासरत डॉ. आजाद को हिंदी, अंग्रेजी व छत्तीसगढ़ी भाषा का ज्ञान है। एम.टेक. (व्यवहारिक भूविज्ञान) में एवं कार्यक्षेत्र-शा.इ.वि.स्ना. महाविद्यालय (कोरबा) है। सामाजिक गतिविधि के अन्तर्गत आपकी सक्रियता लेखन में है। लेखन विधा-छंदबद्ध कविता (हिंदी , छत्तीसगढ़ी भाषा) गीत, आलेख व मुक्तक है। आपकी पुस्तक-छत्तीसगढ़ संपूर्ण दर्शन (विशाल छंदमयी साझा संकलन), आशा की अभिव्यंजना (गीत संग्रह) प्रकाशित है। बहुत-सी रचनाएँ वेब, ब्लॉग और पत्र-पत्रिकाओं में प्रकाशित हुई हैं। आपको छंदबद्ध कविता, आलेख, शोध-पत्र हेतु कई सम्मान-पुरस्कार मिले हैं। ‘छत्तीसगढ़ संपूर्ण दर्शन’ (१०१९ पृष्ठ का ग्रंथ) का सम्पादकीय कार्य भी डॉ. आजाद ने किया है। इस विशाल संकलन हेतु इन्हें राष्ट्रीय मानद अलंकरण, राष्ट्रीय श्रेष्ठ लेखक सम्मान, राष्ट्रीय एपीजे अब्दुल कलाम सम्मान मिला है, साथ ही ‘गोल्डन बुक आफ वर्ल्ड रिकार्ड’, राष्ट्रीय बेस्ट आइकन अवार्ड व साहित्य में राष्ट्रीय बेस्ट एक्सीलेंस सम्मान भी प्राप्त हो चुके हैं। डॉ. आजाद ने विशेष उपलब्धि में -दूरदर्शन, आकाशवाणी व शोध-पत्र हेतु सम्मान प्राप्त किया है। आपकी लेखनी का उद्देश्य-जनहित संदेशप्रद गद्य पद्य पर सृजन करना है।इनका ध्येय है कि, सृजन आधार से प्रेरित होकर हृदय भाव में परिवर्तन हो और मनुष्य नेकी की राह पर चलें। पसंदीदा हिन्दी लेखक-रामधारी सिंह ‘दिनकर’, जनकवि कोदूराम दलित जी, तुलसी दास, कबीर दास आदि को मानने वाली डॉ.आशा आजाद के लिए प्रेरणापुंज-अरुण कुमार निगम (दलित जी के पुत्र) हैं। आपका जीवन इस सार को धारण करता है कि साहित्य सृजन से यदि एक व्यक्ति भी पढ़कर लाभान्वित होता है तो, सृजन करना सार्थक है। देश और हिंदी भाषा के प्रति विचार-“हिंदी भाषा से श्रेष्ठ कोई भाषा नहीं है, यह बहुत ही सरलता से मनुष्य के हृदय में अपना स्थान बना लेती है। हिंदी भाषा की मृदुवाणी हृदय में अमृत घोल देती है। एक व्यक्ति से दूसरे व्यक्ति की ओर प्रेम, स्नेह, अपनत्व का भाव स्वतः बना लेती है।”