हिन्दी हम हिन्द ए वतन

डॉ.राम कुमार झा ‘निकुंज’बेंगलुरु (कर्नाटक) ************************************************* हिन्दी हम हिन्द ए वतन, भारत हिन्दुस्तान।राष्ट्र एकता सरसता, प्रेम शान्ति दे मान॥ समरसता सद्भावना, हिन्दी है आधार।जनमानस को जोड़ती, बोधगम्य संसार॥ बेटी प्राकृत मागधी, ब्रज अवधी परिपूत।हिन्दी संस्कृत गुम्फ़िता, काव्यशास्त्र अवधूत॥ देशिल बोली शोभिता, उर्दू से गठजोड़।आंग्ल निमज्जित शब्द से, हिन्दी है बेजोड़॥ सहज सुबोधा मधुरिमा, व्याकरण उपनीत।हिन्दी … Read more

सत्य-शान्ति से धर्म-नीति

डॉ.राम कुमार झा ‘निकुंज’बेंगलुरु (कर्नाटक) ************************************************* सद्विचार समरस सुखी, मानवता में प्रीति।सत्य शान्ति के दीप से, चले धर्म और नीति॥ हो जीवन सुखसार जग, उन्नति हो जन आम।शिक्षा हो सब जन सुलभ, परहित भाव मुकाम॥ खिले चमन संसार का, महकें सौरभ फूल।हरित-भरित सुष्मित प्रकृति, हो मौसम अनुकूल॥ सोच सदा अनुकूल हो, चिन्तन नव सत्काम।समरसता मुस्कान … Read more

शिल्पकार तुम-सा नहीं

डॉ.राम कुमार झा ‘निकुंज’बेंगलुरु (कर्नाटक) ************************************************* भगवान् विश्वकर्मा जयन्ती विशेष… शुक्ल कन्या तृतीया, ब्रह्मा सप्तक पूत।जन्म दिवस शुभकामना, आराधन विधि सूत॥ अभियन्ता जग में प्रथम, प्रथम सृष्टि निर्माण।रचे देव-देवी महल, किया लोक का त्राण॥ चक्र सुदर्शन विष्णु का, शिव त्रिशूल निर्माण।निर्माता वज्रेन्द्र का,विश्वकर्म जग प्राण॥ नमन विश्वकर्मा चरण, वैदिक विधिना पूज।यंत्रदेव वंदन विनत, प्रभो बनो … Read more

स्वामी विवेकानंद

प्रो.डॉ. शरद नारायण खरेमंडला(मध्यप्रदेश)******************************************* प्रखर रूप मन भा रहा, दिव्य और अभिराम।स्वामी जी तुम थे सदा, लिए विविध आयाम॥ स्वामी जी तुम चेतना, थे विवेक-अवतार।अंधकार का तुम सदा, करते थे संहार॥ जीवन का तुम सार थे, दिनकर का थे रूप।बिखराई नव रोशनी, दी मानव को धूप॥ सत्य, न्याय, सद्कर्म थे, गुरुवर थे तुम ताप।काम, क्रोध, … Read more

क्षमा मनुज भूषण

डॉ.राम कुमार झा ‘निकुंज’बेंगलुरु (कर्नाटक) ************************************************* क्षमा मनुज भूषण जगत, है प्रतीक आचार।त्याग शील गुण कर्म पथ, धवल कीर्ति आधार॥ क्षमाशील पौरुष सबल, जीवन में नित जीत।शरणागतवत्सल वही, क्षमावीर जगमीत॥ प्रीति रीति करुणा दया, नैतिकता आधार।क्षमा सत्य सुन्दर शिवम, मानवता उपहार॥ क्षमा खड्ग नित रण बने, सत्य बने नित ढाल।प्रीत बने रथ सारथी, विजय तिलक … Read more

करो हिंदी का सम्मान

प्रो.डॉ. शरद नारायण खरेमंडला(मध्यप्रदेश)******************************************* हिंदी संग हम… हिंदी में तो शान है, हिंदी में है आन।हिंदी का गायन करो, हिंदी का सम्मान॥ हिंदी की फैले चमक, यही आज हो ताव,हिंदी पाकर श्रेष्ठता, रखे उच्चतर भाव॥ हिंदी में है नम्रता, देती व्यापक छांव।नवल ताज़गी संग ले, पाये हर दिल ठांव॥ दूजी भाषा है नहीं, हिंदी-सी अनमोल।है … Read more

हठ स्वभाव बाधा

डॉ.राम कुमार झा ‘निकुंज’बेंगलुरु (कर्नाटक) ************************************************* हठ करते हर काम में, कामचोर उद्दण्ड।भूले सब आचार को, जिद्दी प्रकृति प्रचण्ड॥ हठ स्वभाव बाधा बने, जीवन पथ पुरुषार्थ।बिन कारण दुश्मन बने, क्या माने धर्मार्थ॥ बोध शक्ति हठयोग से, खोती बुद्धि विवेक।साहस धीरज सोच को, चाहत बस अभिषेक॥ कभी कभी हठ योग भी, साधक बनता सिद्धि।अटल ध्येय संकल्प … Read more

शिक्षक महिमा अतिगहन

डॉ.राम कुमार झा ‘निकुंज’बेंगलुरु (कर्नाटक) ************************************************* मातु-पिता भाई समा, मीत प्रीत गुरु होय।सदाचार परहित विनत, समरसता गुरु सोय॥ ज्ञान कहाँ जन गुरु बिना, कहँ दर्शन भगवान।भवसागर से मुक्ति कहँ, कहँ पायें यश मान॥ लोभ मोह मद झूठ को, अन्तर्मन तज धीर।त्याग शील गुण कर्म से, स्नेह दया गुरु क्षीर॥ गुरु मानस हो पूत सम, शिष्य … Read more

भज रे मन श्रीकृष्ण को

डॉ.राम कुमार झा ‘निकुंज’बेंगलुरु (कर्नाटक) ************************************************* श्रीकृष्ण जन्माष्टमी विशेष… नारायण कारा जनम, किया कंस संहार।असुर कर्म आतंक से, मुक्त किया संसार॥ लिये धरा खल दल हरण, विष्णु कृष्ण अवतार।कंस महाधम नाश को, जन्मे काराकार॥ नारायण अनुराग मन, पूत देवकी गेह।भाद्र मास तिथि अष्टमी, वासुदेव नर देह॥ कृष्ण अमावश कालिमा, जात कृष्ण अभिराम।कालिन्दी दे सुगम पथ, … Read more

गुरु बिन ज्ञान नहीं

डॉ. गायत्री शर्मा’प्रीत’इन्दौर (मध्यप्रदेश )******************************************* शिक्षक दिवस दिवस… गुरु बिन ज्ञान मिले नहीं, बतलाते हैं सार।डगमग होती नाव को, गुरु ले जाते पार॥ दिखलाते हैं रास्ता, देते शुद्ध विचार।गुरु के चलते हम सदा, पाते हैं आधार॥ नाम राम का बाद में, पहले गुरु को जान।दुनिया में गुरु को सदा, अपना स्वामी मान॥ मिल जाये गुरु … Read more