शिव ही सत्य

डॉ.राम कुमार झा ‘निकुंज’बेंगलुरु (कर्नाटक) ************************************************* दुनिया शिव ही सत्य है, महिमा अपरंपार।अन्तर्मन विश्वास से, हों प्रसन्न ओंकार॥ सदा अजन्मा चिरन्तन, बाघम्बर वागीश।भक्ति प्रेममय शिव चरण, अर्पित रावण शीश॥ महादेव शिव सत्य है, परमब्रह्म परमेश।नंदीश्वर शंकर प्रभो, डमरूधर कैलाश॥ हर-हर भोलेनाथ शिव, करुणामय संसार।त्रिपुरारी गिरिजारमण, शेषनाग गलहार॥ शिव शंकर बम बम हरे, शूलपाणि विकराल।महाकाल गौरीरमण, … Read more

महर्षि जमदग्नि

डॉ.राम कुमार झा ‘निकुंज’बेंगलुरु (कर्नाटक) ************************************************* ऋचिक पुत्र जमदग्नि थे, भृगुवंशी सन्तान।श्रेष्ठ सदा सप्तर्षि में, चतुर्वेद विज्ञान॥ पंच पुत्र में श्रेष्ठतम, सिद्धियोग निष्णात।ऋषि पत्नी थी रोहिणी, जीवन सुख सौगात॥ आज्ञा ले जल भरण को, गई रेणुका भोर।देर गमनागमन हुआ, संशय ऋषि मन घोर॥ हेतु जान तप ध्यान बल, पत्नी का अपराध।आज्ञा पत्नी हनन दी, परशुराम … Read more

गुरु महिमा अतिगहन

डॉ.राम कुमार झा ‘निकुंज’बेंगलुरु (कर्नाटक) ************************************************* नमन आज गुरु पूर्णिमा, ज्ञान बुद्धि आलोक।सुख वैभव पा कीर्ति जग, मिटे सकल मन शोक॥ मातु-पिता भाई समा, मीत प्रीत गुरु होय।सदाचार परहित विनत, समरसता गुरु सोय॥ ज्ञान बिना गुरु कहँ मनुज, कहँ दर्शन भगवान।भवसागर से मुक्ति कहँ, कहँ पायें यश मान॥ लोभ मोह मद झूठ को, अन्तर्मन तज … Read more

सावन वर्षा मुदित शिव

डॉ.राम कुमार झा ‘निकुंज’बेंगलुरु (कर्नाटक) ************************************************* पावन सावन मास में, अम्बर है अभिराम।गर्जन तर्जन बिजुलिया, छाया है घनश्याम॥ देख मेघ प्रियतम सखा, वर्षा मुख मुस्कान।बनी नर्तिका वर्षिणी, बरसी रिमझिम गान॥ सावन की बूंदी प्रथम, सरस सलिल मधुपान।मदमाता कोकिल नशा, पंचम स्वर मधुगान॥ मुसलाधर बारिश से, भरे नदी तालाब।बंधे परिणय युगल मन, आलिंगन सैलाब॥ बरस रही … Read more

हरीतिमा

प्रो.डॉ. शरद नारायण खरेमंडला(मध्यप्रदेश)******************************************* जीवन भर गाते सभी, धरा मातु के गीत।हरियाली को रोपकर, बन जाएँ सद् मीत॥ हरी-भरी धरती रहे, धरती करे पुकार।तभी हवा की जीत है, कभी न होगी हार॥ हरियाली से सब सुखद, हो जीवन अभिराम।पेड़ों से साँसें मिलें, धरा बने अभिराम॥ धरा सदा ही पालती, संतति हमको जान।रखो धरा के हित … Read more

आए दिन बरसात के

डॉ.राम कुमार झा ‘निकुंज’बेंगलुरु (कर्नाटक) ************************************************* आए दिन बरसात के, फैला चहुँ आनंद।रिमझिम रिमझिम बारिशें, खिले पुष्प मकरंद॥ आए दिन बरसात के, हरितिम हुआ निकुंज।राहत आहत तपिश से, फैला चहुँ खग गुंज॥ महकी खुशियाँ चहुँ दिशा, भीगे तन बरसात।हरियाली सुष्मित धरा, बरसे घन दिन रात॥ बरसे सावन की घटा, जगी मिलन मन आश।सजन विरह ढांढस … Read more

पावन व्रत श्री विष्णु का

डॉ.राम कुमार झा ‘निकुंज’बेंगलुरु (कर्नाटक) ************************************************* शुक्ल पक्ष एकादशी, तिथि आषाढ़ी मास।पावन व्रत श्री विष्णु का, देवशयन सुख वास॥ चतुर्मास तक हरि शयन, क्षीर सागरी योग।विष्णु पुराणक यह कथा, मंगलमय संयोग॥ बंद सुमंगल कर्म सब, श्रीहरि निद्रा योग।भक्त सनातन धर्म के, नहीं चढ़ाते भोग॥ देवशयन एकादशी, शुभ दिन भारतवर्ष।पूजन, अर्चन, वन्दना, करें आरती हर्ष॥ देवशयन … Read more

आ भी जाओ श्याम

डॉ.राम कुमार झा ‘निकुंज’बेंगलुरु (कर्नाटक) ************************************************* तुम बिन रहा न जाय अब, आ भी जाओ श्याम।तरस रही मुरली श्रवण, मैं राधे प्रिय वाम॥ तुम साजन माधव मदन, मैं राधे रति श्याम।केशव की कुसुमित कला, बनी नाद सुखधाम॥ नंदलाल लाली हृदय, राधा हूँ संसार।नटवर जीवन की नटी, सरसिज मुख श्रंगार॥ रमणीया राधा रमण, मधुर हास परिहास।मनमोहन … Read more

शब्द-शब्द है प्राण

आशा आजाद`कृतिकोरबा (छत्तीसगढ़)**************************** अशुभ कभी बोलें नहीं, हो जाता आह्वान।अंतर हृदय पवित्र हो, यह ही सच्चा ज्ञान॥ स्वयं आप में झाँकिए, कैसा है व्यवहार।धर्म कर्म की राह पर, किया कभी उद्धार॥ स्वयं प्रशंसा आप कर, रखते झूठी शान।अंत हार से सामना, समझें मनुज सुजान॥ झूठ बोलतें है उसे, सदा दिखाएँ राह।मृदुवाणी ही बोलिए, कभी न … Read more

काटो जड़ आतंक की

डॉ.राम कुमार झा ‘निकुंज’बेंगलुरु (कर्नाटक) ************************************************* आतंकवाद रोग तम, फैला है संसार।उठा पार्थ ब्रह्मास्त्र फिर, करो पाक संहार॥ सूखा कभी न घाव तज,जख्म कठिन नासूर।काटो जड़ आतंक का, वरना भष्मासुर॥ आतंकी की त्रासदी, भोग रहा संसार।पाक दहशती गेह है, कैसे शान्ति बहार॥ रक्षण चहुँ सीमा वतन, रखो स्वयं विश्वास।हो विनाश आतंक का, रखो शौर्य आभास॥ … Read more