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चंद्रयान:जय जय हिंदुस्तान

डॉ.एन.के. सेठी
बांदीकुई (राजस्थान)

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आज किया है चंद्र जय, जय हो भारत मात।
‘इसरो’ के सिर ताज है, लगे रहे दिन- रात॥

आज चाँद को छू लिया, करें देश पर नाज।
विस्मित पूरा विश्व है, अद्भुत है यह काज॥

मिलकर खुशी मनाइए, चाँद नहीं अब दूर।
चंद्रयान पहुँचा दिया, हम भारत के शूर॥

उत्तम मास अगस्त का, दो हजार तेवीस।
आज रचा इतिहास है, उच्च हुआ है सीस॥

‘इसरो’ जन सब धन्य हैं, किया सफल अभियान।
हमको इन पर गर्व है, ये भारत की शान॥

दिखा दिया है विश्व को, भारत का विज्ञान।
मात भारती लाल है, मनस्वी अनूचान॥

शास्त्र पुरातन ज्ञान का, हम करते उपयोग।
धर्म और विज्ञान का, है उत्तम संयोग॥

दृढ़ हो इच्छा शक्ति तो, होती मंजिल पास।
पीछे जो हटते नहीं, बढ़ता है विश्वास॥

राखी ले विक्रम गया, बाँधी मामा हाथ।
भ्रमण चाँद पर कर रहा, लिए कैमरा साथ॥

ध्वज अपना फहरा दिया, विक्रम वीर महान।
सभी बधाई दे रहे, जय जय हिंदुस्तान॥

परिचय-पेशे से अर्द्ध सरकारी महाविद्यालय में प्राचार्य (बांदीकुई,दौसा) डॉ.एन.के. सेठी का बांदीकुई में ही स्थाई निवास है। १९७३ में १५ जुलाई को बड़ियाल कलां,जिला दौसा (राजस्थान) में जन्मे नवल सेठी की शैक्षिक योग्यता एम.ए.(संस्कृत,हिंदी),एम.फिल.,पीएच-डी.,साहित्याचार्य, शिक्षा शास्त्री और बीजेएमसी है। शोध निदेशक डॉ.सेठी लगभग ५० राष्ट्रीय-अंतर्राष्ट्रीय संगोष्ठियों में विभिन्न विषयों पर शोध-पत्र वाचन कर चुके हैं,तो कई शोध पत्रों का अंतर्राष्ट्रीय पत्रिकाओं में प्रकाशन हुआ है। पाठ्यक्रमों पर आधारित लगभग १५ से अधिक पुस्तक प्रकाशित हैं। आपकी कविताएं विभिन्न पत्रिकाओं में प्रकाशित हुई हैं। हिंदी और संस्कृत भाषा का ज्ञान रखने वाले राजस्थानवासी डॉ. सेठी सामाजिक गतिविधि के अंतर्गत कई सामाजिक संगठनों से जुड़ाव रखे हुए हैं। इनकी लेखन विधा-कविता,गीत तथा आलेख है। आपकी विशेष उपलब्धि-राष्ट्रीय अंतर्राष्ट्रीय संगोष्ठियों में शोध-पत्र का वाचन है। लेखनी का उद्देश्य-स्वान्तः सुखाय है। मुंशी प्रेमचंद इनके पसंदीदा हिन्दी लेखक हैं तो प्रेरणा पुंज-स्वामी विवेकानंद जी हैं। देश और हिंदी भाषा के प्रति आपके विचार-
‘गर्व हमें है अपने ऊपर,
हम हिन्द के वासी हैं।
जाति धर्म चाहे कोई हो,
हम सब हिंदी भाषी हैं॥’