युवाओं का अभियान ‘बदलाव’

राधा गोयलनई दिल्ली****************************************** सामाजिक समस्या…. “दादी! एक बात समझ नहीं आती। हम इतनी मेहनत से दिन-रात एक करके पढ़ते हैं। नौकरी के लिए ना ? अच्छी नौकरी मिलती नहीं। मिलती है तो अपने देश से बाहर। मैं तो अपने देश में रहकर ही कुछ करना चाहता हूँ।”“यह तो बहुत अच्छी सोच है बेटा। यही सोच … Read more

दृष्टिकोण

डॉ. वंदना मिश्र ‘मोहिनी’इन्दौर(मध्यप्रदेश)************************************ विवाह की रस्में चल रहीं थी। दूल्हे की भाभी बड़ी खुश होकर सारी रस्म-रिवाजों का निर्वाहन कर रही थी, इस दौरान कई बार उनकी आवाज तेज हो जाती। तभी किसी ने भाभी से कहा-“भाभी जी, बधाई हो, आपको जेठानी बनने की।”“जेठानी नहीं… बड़ी बहन कहो। मैं तो अपनी छोटी बहन को … Read more

कवेलू

सुरेन्द्र सिंह राजपूत हमसफ़रदेवास (मध्यप्रदेश)****************************************** ओ मेघा रे… गन्नू-माँ आज तू बहुत उदास है, क्या बात है ?माँ-तुझे क्या बताऊँ बेटा ? तू अभी बहुत छोटा है, तू इन बातों को नहीं समझेगा, तू तो अच्छी पढ़ाई किया कर। भगवान तेरी अच्छी नौकरी लगा देगा तो इस घर की ग़रीबी दूर हो जाएगी।गन्नू-माँ मैं ख़ूब मन … Read more

धर्मपरायणता

प्रो.डॉ. शरद नारायण खरेमंडला(मध्यप्रदेश) ******************************************* “क्या,डॉक्टर साब ! ५ तारीख के पहले एबॉर्शन संभव नहीं ?”“नहीं ! मेरी कोई डेट खाली नहीं, पर आपको ५ तारीख में क्या प्रॉब्लम है ?”“दरअसल ५ तारीख से नवरात्रि पर्व शुरु हो रहा है, और मैं पूरे ९ दिन उपवास रखती हूँ, तो उस दौरान यह काम कराना ग़लत … Read more

कुत्ता पालने का शौक

डॉ. सोमनाथ मुखर्जीबिलासपुर (छत्तीसगढ़)******************************************* ऑफिस से घर पहुंचा ही था तो देखता हूँ कि मेरे दोनों बच्चे अपने हाथों में एक-एक देसी कुत्ते का बच्चा पकड़े हुए गोदी में रखे हुए हैं और बेसब्री से मेरा इन्तजार कर रहे थे। मुझे देखते ही दोनों चहकने लगे और ज़िद करने लगे कि पिताजी हमें कुत्ता पालना … Read more

योद्धा

डॉ. श्राबनी चक्रवर्तीबिलासपुर (छतीसगढ़)************************************************* दूसरी सर्जरी के बाद निरुपमा काफी कमजोर हो गई थी। वह मुश्किल से एक कमरे से दूसरे कमरे में जा सकती थी, वो भी किसी सहायता या वॉकर की मदद से। उस दिन गर्मी की दोपहर में कुछ आराम करना चाहती थी, लेकिन उसके मोबाइल पर रिंग टोन बज उठी- “कौन … Read more

रामदीन

ताराचन्द वर्मा ‘डाबला’अलवर(राजस्थान)*********************************************** ‘अजी सुनते हो, घर में आटा खत्म हो गया है। शाम को लौटते समय बाजार से आटा लेते आना। खाना तभी बनेगा, जब आटा आ जाएगा।’ रजनी ने काम पर जाते हुए रामदीन से कहा।‘ठीक है आज मालिक से पगार भी लेनी है। तुम अपना ख्याल रखना। मैं शाम को सारा सामान … Read more

प्रेरणा

ताराचन्द वर्मा ‘डाबला’अलवर(राजस्थान)*********************************************** बड़ी बहू को रोते देख, दादी सास से रहा नहीं गया। खटिया से खड़ी हो कर लाठी के सहारे टुक-टुक करती हुई प्रेरणा के पास पहुंच गई। सिर पर हाथ फेरते हुए बोली, “क्या बात है बहू, क्यों रो रही हो”। प्रेरणा दादी सास से लिपट कर फफक- फफक कर रोने लगी। … Read more

मेहनत का फल

ताराचन्द वर्मा ‘डाबला’अलवर(राजस्थान)*********************************************** ‘अजी सुनते हो, राहुल को स्कूल छोड़ने नहीं जाना है क्या। हमेशा गुमसुम बैठे रहते हो। कब तक कोसते रहोगे अपनी किस्मत को। अब नौकरी नहीं लगी तो कोई बात नहीं। कोई अच्छा सा काम धन्धा ढूंढ लो, ताकि बच्चों का गुजारा हो सके।’ कल्पना ने बड़ा दुःख जताते हुए कहा।विवेक अनमना-सा … Read more

गलतफहमी

ताराचन्द वर्मा ‘डाबला’अलवर(राजस्थान)*********************************************** आज सरला को पूरे ७ साल हो गए अपने पति से दूर रहते हुए। वो बिल्कुल बदल चुकी थी अपने जीवन में। बहुत ही चंचल स्वभाव की प्यारी-सी लड़की,जो हमेशा दूसरों को हँसाती रहती थी,वो आज खुद गुमसुम-सी उदास, बुत बनी बैठी हुई थी। सोच रही थी कि क्यों शेखर ने मेरा, … Read more