क्षण-क्षण

सरोजिनी चौधरीजबलपुर (मध्यप्रदेश)********************************** क्षण-क्षण समय उड़ रहा है,इतिहास एक नया गढ़ रहा हैपकड़ना चाहती हूँ कुछ पलों को,समय के साथ वह मुझे बदल रहा है। काग़ज़ पर क़ैद किए हुए,ये कुछ पल ही तुम्हारे होंगेवे तो बस तुम्हारी यादों में बस जाएँगे,क्या करना समय को ऐसे पकड़ करवो तो बादल की तरह उड़ जाएँगे। बादल … Read more

देवशिल्पी विश्वकर्मा

प्रो.डॉ. शरद नारायण खरेमंडला(मध्यप्रदेश)******************************************* पहले पौरोणिक वास्तुकार और शिल्पकार देव विश्वकर्मापरमपूज्य हैं, तापमयी हैं, प्रखर हैं स्वमेव विश्वकर्मा। मान्य देव हैं,अति उत्कृष्ट हैं, प्रभुतामय देव विश्वकर्मा,वास्तुशिल्पी हैं, अभियंता प्रखर, सृजन देव विश्वकर्मा। भगवान विश्वकर्मा की महत्ता सदैव जाज्वल्यमान है,जिन पर हिंदू ही नहीं, सभी देवताओं को अभिमान है। मान्यताओं के अनुसार वे सर्वमान्य महान कर्मयोगी … Read more

श्रद्धा से करें श्राद्ध

डॉ. प्रताप मोहन ‘भारतीय’सोलन (हिमाचल प्रदेश)***************************************************** श्राद्ध, श्रद्धा और हम (पितृ पक्ष विशेष)…. श्राद्ध पक्ष में पितृअपने घर आते हैं,और हमारी श्रद्धा देखकरआशीर्वाद दे जाते हैं। श्राद्ध में हम जो भी करेंउसको श्रद्धा के साथ करें,और अपनी ज़िंदगीको खुशियों से भरें। आजकल चारों ओरश्रद्धा का अभाव है,ये पाश्चात्य संस्कृतिका प्रभाव है। पितृ आशा लेकर आते … Read more

पहनी भारत की खादी

विजयलक्ष्मी विभा प्रयागराज (उत्तरप्रदेश)************************************ हम मिटा दासता सदियों की, जब ले आये आजादी,भारत के वीर सपूतों ने, पहनी भारत की खादी। हम समझ गये स्वराज्य क्या है,क्या अपना और त्याज्य क्या हैक्या अमर धरोहर है अपनी,इस धरती पर विभाज्य क्या हैहम उड़ा हवा में देते थे जब समझाती थी दादी। हम काट रहे थे दिन अपने,बस … Read more

श्राद्ध की धूप श्रद्धा की बात

डॉ. रचना पांडेभिलाई(छत्तीसगढ़)*********************************************** श्राद्ध, श्रद्धा और हम (पितृ पक्ष विशेष)…. श्राद्ध की धूप, श्रद्धा की बात,पितरों की याद, दिल की बातश्रद्धा के साथ, तर्पण का जल,पितरों की आत्मा को शांति का फल। पितरों की याद, दिल में बसी,श्रद्धा के साथ, उनकी आत्मा को प्यारश्राद्ध का दिन, पितरों का सम्मान,श्रद्धा के साथ, उनकी याद में जीवन। … Read more

सृजन देव वर दीजिए

राधा गोयलनई दिल्ली****************************************** सृजन देव वर दीजिए, आऊँ किसी के काम,जगह-जगह संग्राम छिड़ा, कैसे लगे लगाम ?एक युद्ध अभी खत्म न होता, दूजा है छिड़ जाता,वह भी खत्म न हो पाता, तीसरी जगह छिड़ जाता। लाखों लोग युद्ध में मर गये, लाखों हो गए घायल,माँगों का सिन्दूर मिट गया, चीख रही है पायलमात-पिता की लाठी … Read more

श्राद्ध हमारी श्रद्धा

सपना सी.पी. साहू ‘स्वप्निल’इंदौर (मध्यप्रदेश )******************************************** श्राद्ध, श्रद्धा और हम (पितृ पक्ष विशेष)… अंधेरे आकाश में अब टिमटिमाते तारों-सी,कुछ कहानियाँ परिजनों के मन में छुपी-सीवह कोई कर्मकांड नहीं, दिल के हैं एहसास,कहें श्राद्ध परन्तु यही रिश्तों में श्रद्धा खास। जब बंद हो ऑंखें, यादों का गाँव बस जाता,स्वर्गवासियों का स्नेहाशीष भाव याद आताउनकी वे बातें, … Read more

अभियन्ता प्रथम

डॉ.राम कुमार झा ‘निकुंज’बेंगलुरु (कर्नाटक) ************************************************* हुआ जन्म संक्रान्ति में, कन्या भाद्र दिनांक।ब्रह्मा विश्वकर्मा पिता, अन्तिम दिन शुभांक॥ वसु प्रभास के आत्मज, योगसिद्ध सन्तान।कथा महाभारत विदित, हरिवंशी आख्यान॥ दुनिया अभियन्ता प्रथम, शिल्पकार संसार।देवलोक यांत्रिक प्रभो, महिमा अपरम्पार॥ नमन देव शिल्पी प्रभो, निर्माता संसार।सकल चराचर भूतगण, जीवन सुख आधार॥ वैज्ञानिक विज्ञान के, सकल यंत्र निर्माण।रची अलौकिक … Read more

चलो समय के साथ चलें

राजू महतो ‘राजूराज झारखण्डी’धनबाद (झारखण्ड) ************************************************************* चलो समय के साथ चलें,चल सको तो दिन-रात चलेंसभी को लेकर साथ चलें,चलो समय के साथ चलें। समय सदा एक-सा ना रहता,परिवर्तनशील संसार है यह कहताइस परिवर्तन को अपनाए चलेंअब चलो समय के साथ चलें। परिवर्तन को जो ना अपना पाया,वह तो समय में पीछे छूटता गयापूर्व को देख वह … Read more

हिन्दी है अस्मिता

अजय जैन ‘विकल्प’इंदौर (मध्यप्रदेश)***************************************** ‘हिन्दी’,मातृभाषा प्यारीभारत की पहचान,देश-विदेशसमरसता। ‘हिन्दी’,जन भावनालोकतंत्र का संदेश,भाषा हिन्दुस्तानआजादी। ‘हिन्दी’,सबको जोड़तीसबका हित करती,राष्ट्र भक्तिअस्मिता। ‘हिन्दी’,वैज्ञानिक भाषासहज व्याकरण परिमार्य,राजभाषा मधुरस्वीकार्य। ‘हिन्दी’,बोली विविधसंस्कृतियों का मेल,भारत एकतागुण। ‘हिन्दी’,अति विशालअनुपमेय साहित्य खदान,गद्य-पद्यखजाना। ‘हिन्दी’,संस्कृत सुताअनूठे तत्सम शब्द,देवनागरी अक्षरउपहार। ‘हिन्दी’,सबका दिलसाठ करोड़ पार,बने राष्ट्रभाषाजनमानस। ‘हिन्दी’,राजकाज भाषाशौर्य वीर स्वर,जन-मनस्वाभिमान। ‘हिन्दी’,तुलसी, सूरदासवाणी सगुण मिठास‌,मीरा बाईहृदय। ‘हिन्दी’,अलंकार नवरसरीति, प्रीति सद्नीति,नृत्य … Read more