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कोरोना:गरीबों,मजदूरों व किसानों का योगदान अनमोल

इंदु भूषण बाली ‘परवाज़ मनावरी’
ज्यौड़ियां(जम्मू कश्मीर)

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`करेला और ऊपर से नींम चढ़ा` वाली कहावत “कोरोना` की जंग में गरीब मजदूरों का योगदान क्या है ?”,पर पूरी तरह चरितार्थ हो रही है। उक्त प्रश्न में ‘गरीब’ और ‘मजदूर’ शब्द का प्रयोग एकसाथ किया गया है,जबकि यह आवश्यक नहीं है कि प्रत्येक गरीब,मजदूर हो और प्रत्येक मजदूर गरीब ही हो।
सर्वविदित है कि अन्नदाता कहलाने वाले किसान भारत में सबसे अधिक गरीब हैं,जिन्हें अपने छमाही कड़े परिश्रम के बदले सरकार द्वारा निर्धारित मजदूरी भी नहीं मिलती। फिर भी इन विकट परिस्थितियों में आप अन्नदाता को मजदूर नहीं कह सकते,क्योंकि किसान ने `कोरोना` जैसी महामारी में भी देशवासियों के लिए अन्न उत्पादन कर महा योगदान दिया है,ताकि महामारी से बचने के उपरांत कोई देशवासी भूख से ना मरे। इस पर पूर्व प्रधानमंत्री स्व. लाल बहादुर शास्त्री का नारा ‘जय जवान जय किसान’ भी सटीक बैठता है। रही बात मजदूरों की,तो उन्होंने `संगरोध` में सिद्ध कर दिया है कि,भले ही ७० वर्षीय भारतीय स्वतंत्र सरकार ४० दिन में ही आर्थिक बेबसी का रोना रो रही है,परंतु वह संगरोधी योद्धा सरकार की भांति `निर्धनता का जीवन` नहीं जी रहे हैं।
अतः,कोरोना युद्ध में गरीबों,मजदूरों और किसानों का योगदान अकल्पनीय,अवर्णनीय, अनमोल,सर्वोच्च एवं अद्वितीय है।

परिचय–इंदु भूषण बाली का साहित्यिक उपनाम `परवाज़ मनावरी`हैl इनकी जन्म तारीख २० सितम्बर १९६२ एवं जन्म स्थान-मनावर(वर्तमान पाकिस्तान में)हैl वर्तमान और स्थाई निवास तहसील ज्यौड़ियां,जिला-जम्मू(जम्मू कश्मीर)हैl राज्य जम्मू-कश्मीर के श्री बाली की शिक्षा-पी.यू.सी. और शिरोमणि हैl कार्यक्षेत्र में विभिन्न चुनौतियों से लड़ना व आलोचना है,हालाँकि एसएसबी विभाग से सेवानिवृत्त हैंl सामाजिक गतिविधि के अंतर्गत आप पत्रकार,समाजसेवक, लेखक एवं भारत के राष्ट्रपति पद के पूर्व प्रत्याशी रहे हैंl आपकी लेखन विधा-लघुकथा,ग़ज़ल,लेख,व्यंग्य और आलोचना इत्यादि हैl प्रकाशन में आपके खाते में ७ पुस्तकें(व्हेयर इज कांस्टिट्यूशन ? लॉ एन्ड जस्टिस ?(अंग्रेजी),कड़वे सच,मुझे न्याय दो(हिंदी) तथा डोगरी में फिट्’टे मुँह तुंदा आदि)हैंl कई अख़बारों में आपकी रचनाएं प्रकाशित हैंl लेखन के लिए कुछ सम्मान भी प्राप्त कर चुके हैंl अपने जीवन में विशेष उपलब्धि-अनंत मानने वाले परवाज़ मनावरी की लेखनी का उद्देश्य-भ्रष्टाचार से मुक्ति हैl प्रेरणा पुंज-राष्ट्रभक्ति है तो विशेषज्ञता-संविधानिक संघर्ष एवं राष्ट्रप्रेम में जीवन समर्पित है।

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