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किसान,शिक्षक और जवान

राजू महतो ‘राजूराज झारखण्डी’
धनबाद (झारखण्ड) 
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संसार में है भाई तीनों महान,
`किसान,शिक्षक और जवान`
सदैव करो इनका तुम सम्मान,
इनके कारण ही है हमारी शान।

किसान लड़ता है प्रकृति से,
अन्न छीन लेता इस धरती से
छीनकर लाते हैं ये खुशहाली,
स्वकर्म से भरते सबकी थाली।

शिक्षक जी हैं हमारे सीधे सादे,
सबमें भरते शिक्षा सह नेक इरादे
इनसे लेते हैं जो समुचित ज्ञान,
संसार में बस वही बनते महान।

दुश्मनों से लड़ना है जिनका काम,
जंगल पर्वत दहशत है उनका धाम
ऐसे जवानों को है हमारा सलाम,
सुरक्षित रहते इनसे लोग तमाम।

संसार में है भाई तीनों महान,
किसान,शिक्षक और जवान
देते ये स्वास्थ्य,सुरक्षा और ज्ञान,
यही हैं भाई आज के भगवानll

परिचय–साहित्यिक नाम `राजूराज झारखण्डी` से पहचाने जाने वाले राजू महतो का निवास झारखण्ड राज्य के जिला धनबाद स्थित गाँव- लोहापिटटी में हैl जन्मतारीख १० मई १९७६ और जन्म स्थान धनबाद हैl भाषा ज्ञान-हिन्दी का रखने वाले श्री महतो ने स्नातक सहित एलीमेंट्री एजुकेशन(डिप्लोमा)की शिक्षा प्राप्त की हैl साहित्य अलंकार की उपाधि भी हासिल हैl आपका कार्यक्षेत्र-नौकरी(विद्यालय में शिक्षक) हैl सामाजिक गतिविधि में आप सामान्य जनकल्याण के कार्य करते हैंl लेखन विधा-कविता एवं लेख हैl इनकी लेखनी का उद्देश्य-सामाजिक बुराइयों को दूर करने के साथ-साथ देशभक्ति भावना को विकसित करना हैl पसंदीदा हिन्दी लेखक-प्रेमचन्द जी हैंl विशेषज्ञता-पढ़ाना एवं कविता लिखना है। देश और हिंदी भाषा के प्रति आपके विचार-“हिंदी हमारे देश का एक अभिन्न अंग है। यह राष्ट्रभाषा के साथ-साथ हमारे देश में सबसे अधिक बोली जाने वाली भाषा है। इसका विकास हमारे देश की एकता और अखंडता के लिए अति आवश्यक है।

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