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‘सच्चे नायक’ ललित कुमार के सम्मान में २८ फरवरी से महोत्सव,साहित्य पर विमर्श भी

इंदौर(मप्र)।

भारतीय भाषाओं के साहित्य के सबसे बड़े ऑनलाइन पुस्तकालय-कविता कोष और गद्य कोष की स्थापना करने वाले ‘सच्चे नायक’ ललित कुमार ४ दिन के लिए इंदौर प्रवास पर रहेंगे। शहर की अनेक संस्थाओं द्वारा इन दिनों में दिव्यांग संचेतना, दिव्यांग साहित्य विमर्श एवं भारतीय संस्कृति के नायक ललित कुमार के सम्मान के अनेक कार्यक्रम किए जाएंगे,जो सभी साहित्य प्रेमियों के लिए खुले हैं।
पद्मजा प्रकाशन के आलोक बाजपेयी ने बताया कि श्री कुमार भारतीय साहित्य के बड़े ऑनलाइन कोष के रूप में साहित्य, संस्कृति और भाषा की अनुपम सेवा कर रहे हैं। उनके सम्मान के साथ साहित्य में विमर्श हेतु समारोह का पहला कार्यक्रम प्रेस्टीज कॉलेज में शुक्रवार २८ फरवरी २०२० को दोपहर २ बजे से होगा,जिसमें श्री कुमार एवं कविताकोश परियोजना की सुश्री शारदा सुमन प्राध्यापकों-विद्यार्थियों को नई तक़नीक के रचनात्मक उपयोग पर व्याख्यान के साथ उनसे संवाद भी करेंगे। दूसरे दिन दिव्यांगजनों के लिए एक विशेष अनूठा सत्र संघवी इनोवेटिव एकेडमी के सहभाग से प्रीतमलाल दुआ सभागृह में दोपहर १२ बजे होगा।
आपने बताया कि,तीसरे दिन पहले सत्र में ललित कुमार एवं देश भर से पधारे नामचीन साहित्यकार साहित्य में दिव्यांग विमर्श पर चर्चा करेंगे। दूसरे सत्र में अनेक साहित्यिक एवं सामाजिक संस्थाओं द्वारा श्री कुमार का सम्मान किया जाएगा। १ मार्च को शाम ५ बजे इंदौर प्रेस क्लब सभागार में प्रतीक स्वरूप प्रतिनिधि के रूप में दिव्यांग साहित्यकार आदि का सम्मान भी किया जाएगा। चौथे और अंतिम दिन सोमवार २ मार्च को देवी अहिल्या विश्वविद्यालय के आईईटी एवं तुलनात्मक भाषा अध्ययनशाला के साथ संयुक्त आयोजन में ललित कुमार कविता कोष सफलता,अपनी पुरस्कृत आत्मकथा ‘विटामिन ज़िंदगी’ एवं दिव्यांग संचेतना के विभिन्न पहलुओं पर व्याख्यान देंगे।
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