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दूर भगाएं इस दहेज शैतान को

अमल श्रीवास्तव 
बिलासपुर(छत्तीसगढ़)

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‘श्रेष्ठ दान’ माना जाता था,
‘कन्या दान’ समाज में।
सुता दान दाता का सुर सम,
था सम्मान समाज में॥

पर इसने अभिशाप बनाया,
कन्या रत्न,महान को।
मार-कूट कर दूर भगाएं,
इस दहेज शैतान को॥

देव-दैत्य जैसा अंतर है,
मित्रों! दान-दहेज में।
जैसा अंतर पड़े दिखाई,
भोज और परहेज में॥

‘दान’ शान्ति देता, ‘दहेज’ तो,
पीड़ित करता प्राण को।
मार-कूट कर दूर भगाएं,
इस दहेज शैतान को॥

दान किया जाता स्वेच्छा से,
पर दहेज तो शोषण है।
प्रथा नाम से क्रूर कृत्य का,
किया जा रहा पोषण है॥

इस दानव ने बना दिया है,
‘नरपिशाच’ इंसान को।
मार-कूट कर दूर भगाएं,
इस दहेज शैतान को॥

नर-पिशाच,भक्षण करते हैं,
नोंच-नोंच कर बोटियाँ।
जिंदा जला दिया करते हैं,
मजबूरों की बेटियाँ॥

जीवन नरक बनाने वाले,
दफनाएं हैवान को।
मार-कूट कर दूर भगाएं,
इस दहेज शैतान को॥

परिचय-प्रख्यात कवि,वक्ता,गायत्री साधक,ज्योतिषी और समाजसेवी `एस्ट्रो अमल` का वास्तविक नाम डॉ. शिव शरण श्रीवास्तव हैL `अमल` इनका उप नाम है,जो साहित्यकार मित्रों ने दिया हैL जन्म म.प्र. के कटनी जिले के ग्राम करेला में हुआ हैL गणित विषय से बी.एस-सी.करने के बाद ३ विषयों (हिंदी,संस्कृत,राजनीति शास्त्र)में एम.ए. किया हैL आपने रामायण विशारद की भी उपाधि गीता प्रेस से प्राप्त की है,तथा दिल्ली से पत्रकारिता एवं आलेख संरचना का प्रशिक्षण भी लिया हैL भारतीय संगीत में भी आपकी रूचि है,तथा प्रयाग संगीत समिति से संगीत में डिप्लोमा प्राप्त किया हैL इंडियन इंस्टीट्यूट ऑफ बैंकर्स मुंबई द्वारा आयोजित परीक्षा `सीएआईआईबी` भी उत्तीर्ण की है। ज्योतिष में पी-एच.डी (स्वर्ण पदक)प्राप्त की हैL शतरंज के अच्छे खिलाड़ी `अमल` विभिन्न कवि सम्मलेनों,गोष्ठियों आदि में भाग लेते रहते हैंL मंच संचालन में महारथी अमल की लेखन विधा-गद्य एवं पद्य हैL देश की नामी पत्र-पत्रिकाओं में आपकी रचनाएँ प्रकाशित होती रही हैंL रचनाओं का प्रसारण आकाशवाणी केन्द्रों से भी हो चुका हैL आप विभिन्न धार्मिक,सामाजिक,साहित्यिक एवं सांस्कृतिक संस्थाओं से जुड़े हैंL आप अखिल विश्व गायत्री परिवार के सक्रिय कार्यकर्ता हैं। बचपन से प्रतियोगिताओं में भाग लेकर पुरस्कृत होते रहे हैं,परन्तु महत्वपूर्ण उपलब्धि प्रथम काव्य संकलन ‘अंगारों की चुनौती’ का म.प्र. हिंदी साहित्य सम्मलेन द्वारा प्रकाशन एवं प्रदेश के तत्कालीन मुख्यमंत्री सुन्दरलाल पटवा द्वारा उसका विमोचन एवं छत्तीसगढ़ के प्रथम राज्यपाल दिनेश नंदन सहाय द्वारा सम्मानित किया जाना है। देश की विभिन्न सामाजिक और साहित्यक संस्थाओं द्वारा प्रदत्त आपको सम्मानों की संख्या शतक से भी ज्यादा है। आप बैंक विभिन्न पदों पर काम कर चुके हैं। बहुमुखी प्रतिभा के धनी डॉ. अमल वर्तमान में बिलासपुर (छग) में रहकर ज्योतिष,साहित्य एवं अन्य माध्यमों से समाजसेवा कर रहे हैं। लेखन आपका शौक है।

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