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होली आयी रे

ऋचा सिन्हा
नवी मुंबई(महाराष्ट्र)
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फागुन संग-जीवन रंग (होली) स्पर्धा विशेष…

धूम मची चहुँओर देखो होली आयी रे।
गगन में मची बधाई देखो होली आयी रे॥

अबीर गुलाल की थाली लेकर,
सतरंगी फुहारें लेकर
इन्द्रधनुष की धारें लेकर,
खिलखिलाती मस्ती आयी रे।
धूम मची चहुँ ओर देखो होली आयी रे…॥

सखियाँ सब मिल नाचे गावें,
मल-मल सब पर रंग लगावें
बच्चे-बूढ़े सब मिल आवें,
रंग रंगीली ठिठोली आयी रे।
धूम मची चहुँ ओर देखो होली आयी रे…॥

पीत रंग की चुनरी पहन कर,
हाथों को रंगों में भर कर
दिल में प्रेम उमंगें लेकर,
प्रीत में डूबी गोरी आयी रे।
धूम मची चहुँ ओर देखो होली आयी रे…॥

ढोल नगाड़े ख़ूब बजावें,
मिल जुलकर सब नाचे गावें
भीग-भीग कर शोर मचाने,
रंग जमाती टोली आयी रे।
धूम मची चहुँ ओर देखो होली आयी रे,
गगन में मची बधाई देखो होली आयी रे॥

परिचय – ऋचा सिन्हा का जन्म १३ अगस्त को उत्तर प्रदेश के कैसर गंज (जिला बहराइच) में हुआ है। आपका बसेरा वर्तमान में नवी मुम्बई के सानपाड़ा में है। बचपन से ही हिंदी और अंग्रेजी साहित्य में रुचि रखने वाली ऋचा सिन्हा ने स्नातकोत्तर और बी.एड. किया है। घर में बचपन से ही साहित्यिक वातावरण पाने वाली ऋचा सिन्हा को लिखने,पढ़ने सहित गाने,नाचने का भी शौक है। आप सामाजिक जनसंचार माध्यमों पर भी सक्रिय हैं। मुम्बई (महाराष्ट्र)स्थित विद्यालय में अंग्रेज़ी की अध्यापिका होकर भी हिंदी इनके दिल में बसती है,उसी में लिखती हैं। इनकी रचनाएँ विभिन्न पत्रिकाओं में छप चुकीं हैं,तो साझा संग्रह में भी अवसर मिला है।

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