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कालचक्र हूँ,इतिहास बनाता हूँ

सुश्री नमिता दुबे
इंदौर(मध्यप्रदेश)
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मैं कालचक्र हूँ,इतिहास बनाता हूँ
मैं देख रहा था
दिग्भ्रमित युवाओं ने,
परिवार की परिभाषा भूल
`लिव इन रिलेशनशिप` के
नव आचार को अपनायाl
संस्कारों की होली जलाई,
बुजुर्गों को अपने प्यार से दूर कियाl
और फिर,
बीज बो दिए बबूल के
आम की आस करते गए
आँगन में `कैक्टस` पाला,
पावन तुलसी को भूलते गएl
मैं गवाह तुम्हारे हर पल का,
मैं कालचक्र हूँ,इतिहास बनाता हूँ…ll

मैंने देखा,
कैसे संस्कार विलुप्त हो रहे थे
कैसे संस्कृति दम तोड़ रही थी,
किस तरह संयुक्त परिवारों के विघटन से
उच्छृंखलता,उद्दंडता प्रदर्शित हो रही थीl

तभी एक महामारी की,
पदचाप सुनाई दी
उसकी आहट ने सबको रोक दियाl
हुई `तालाबंदी`,
आदमी घर में थम गयाl
परिवार हुआ एक,
महामारी ने फिर से
परिवार को जोड़ दियाl

पास बैठ जाना युवा ने,
बरगद की शीतल छाया
कितनी सुहानी होती हैl
बैठ दादा-दादी के संग,
`रामायण` और `महाभारत` की,
प्रेरक कथा का रसपान हुआ
हर मन खिल उठाl
भारत की संस्कृति का,
मधुर शंखनाद हुआl

`सामाजिक दूरी` का
सबक सीखा,
अभाव में जीना सीखाl
प्रेम,रिश्तों और परिवार का,
मूल मंत्र जाना…
और फिर,
कुछ चल दिए
उस मिट्टी को याद कर,
जहाँ संस्कारों का जन्म हुआl
मीलों का सफर,
कड़ी धूप में तय किया!
हाँ,मैं गवाह तुम्हारे हर पल का,
मैं कालचक्र,मैं इतिहास बनाता हूँ…l
कैसे जुड़ोगे तुम,
यह तुमसे ज्यादा जानता हूँll

परिचय : सुश्री नमिता दुबे का जन्म ग्वालियर में ९ जून १९६६ को हुआ। आप एम.फिल.(भूगोल) तथा बी.एड. करने के बाद १९९० से वर्तमान तक शिक्षण कार्य में संलग्न हैं। आपका सपना सिविल सेवा में जाना था,इसलिए बेमन से शिक्षक पद ग्रहण किया,किन्तु इस क्षेत्र में आने पर साधनहीन विद्यार्थियों को सही शिक्षा और उचित मार्गदर्शन देकर जो ख़ुशी तथा मानसिक संतुष्टि मिली,उसने जीवन के मायने ही बदल दिए। सुश्री दुबे का निवास इंदौर में केसरबाग मार्ग पर है। आप कई वर्ष से निशक्त और बालिका शिक्षा पर कार्य कर रही हैं। वर्तमान में भी आप बस्ती की गरीब महिलाओं को शिक्षित करने एवं स्वच्छ और ससम्मान जीवन जीने के लिए प्रोत्साहित कर रही हैं। २०१६ में आपको ज्ञान प्रेम एजुकेशन एन्ड सोशल डेवलपमेंट सोसायटी द्वारा `नई शिक्षा नीति-एक पहल-कुशल एवं कौशल भारत की ओर` विषय पर दिए गए श्रेष्ठ सुझावों हेतु मध्यप्रदेश के उच्च शिक्षा और कौशल मंत्री दीपक जोशी द्वारा सम्मानित किया गया है। इसके अलावा श्रेष्ठ शिक्षण हेतु रोटरी क्लब,नगर निगम एवं शासकीय अधिकारी-कर्मचारी संगठन द्वारा भी पुरस्कृत किया गया है।  लेखन की बात की जाए तो शौकिया लेखन तो काफी समय से कर रही थीं,पर कुछ समय से अखबारों-पत्रिकाओं में भी लेख-कविताएं निरंतर प्रकाशित हो रही है। आपको सितम्बर २०१७ में श्रेष्ठ लेखन हेतु दैनिक अखबार द्वारा राज्य स्तरीय सम्मान से नवाजा गया है। आपकी नजर में लेखन का उदेश्य मन के भावों को सब तक पहुंचाकर सामाजिक चेतना लाना और हिंदी भाषा को फैलाना है।

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