निदा खान
मुंबई (महाराष्ट्र)
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अंतरराष्ट्रीय मातृभाषा दिवस स्पर्धा विशेष….

भाषाओं का है ये अद्भुत भंडार,
भारत में चलता हाँ विविध बोलियों का संसार।
लेकिन हिंदी तो है हर भारतीय की पहचान-
हमारी चेतना वाणी का है यह सबसे बड़ा वरदान॥
हिंदी से ही तो उपजा हैं यह हिन्दुस्तान,
इसी हिंदी ने तो दिया था तुम्हें भाषा का वरदान।
लगता है तुम भूल गए हो करना इसका सम्मान-
तो याद रखना इसी भाषा ने बनाया था तुमको बेहतर और बेमिसाल॥
हिंदी हमारी मातृभाषा है,भारत की आशा है,
इसकी उन्नति देखना हर भारतीय की अभिलाषा है।
विदेशी भाषाएं आजकल करती है राज हम पर-
हमारी तो इतनी अनोखी भाषा है,फिर क्यों नहीं लेते लोग इसे दिल पर॥
अंग्रेजी भाषा तो है आपने आप में निराली,
लेकिन हमरी हिंदी भाषा है सबसे प्यारी।
हिन्दुस्तानी हैं हम सब-
छोड़ दो करना भाषाओं में अंतर॥
यही तो है जो तुम्हें जोड़े रखती है अपनी मिट्टी से उमर भर,
सदैव करते रहेंगे इस अद्भुत भाषा का गुणगान।
भारत की पहचान है हिंदी-
क्यूंकि इसने कभी ना झुकने दिया देश का मान॥