कुल पृष्ठ दर्शन : 257

You are currently viewing देश को पुनः महान बनाना है

देश को पुनः महान बनाना है

राजू महतो ‘राजूराज झारखण्डी’
धनबाद (झारखण्ड) 
******************************************

चलो चलें हम एक खोज में,
सुबह और शाम हर रोज में।
दिन-रात के अथक श्रम पर,
पाना है हमें उसे हर दम पर॥

सतयुग में था वह कण-कण में,
त्रेता युग में भी था वह हर मन में।
द्वापर युग में घूमा देश-विदेश में,
कलि युग में रहा कहाँ होश में॥

सतयुग त्रेता में था जिसके पास,
द्वापर युग तक वही रहा खास।
अब कलि युग के आते ही पास,
लगता सत्य चल गया वनवास॥

करता हूँ मैं सत्य,शान्ति की बात,
खो गई जग से आज यह सौगात।
सर्वत्र फैल गया है स्वार्थ ही स्वार्थ,
अच्छे लोग समझे जाने लगे व्यर्थ॥

आज सर्वत्र शिक्षा है पर संस्कार नहीं,
आज सुन्दर घर है पर परिवार नहीं।
अनेक मित्र हैं पर विश्वास नहीं ,
संवारते रूप तो हैं,पर गुण नहीं॥

कहता ‘राजू’ इस पर ध्यान लगाना है,
खो गया है जो सत्य-शान्ति अपनी।
इसे हर हाल में हमें खोज लाना है,
अब देश को पुनः महान बनाना है।
अब देश को पुनः महान बनाना है…॥

परिचय–साहित्यिक नाम `राजूराज झारखण्डी` से पहचाने जाने वाले राजू महतो का निवास झारखण्ड राज्य के जिला धनबाद स्थित गाँव- लोहापिटटी में हैL जन्मतारीख १० मई १९७६ और जन्म स्थान धनबाद हैL भाषा ज्ञान-हिन्दी का रखने वाले श्री महतो ने स्नातक सहित एलीमेंट्री एजुकेशन(डिप्लोमा)की शिक्षा प्राप्त की हैL साहित्य अलंकार की उपाधि भी हासिल हैL आपका कार्यक्षेत्र-नौकरी(विद्यालय में शिक्षक) हैL सामाजिक गतिविधि में आप सामान्य जनकल्याण के कार्य करते हैंL लेखन विधा-कविता एवं लेख हैL इनकी लेखनी का उद्देश्य-सामाजिक बुराइयों को दूर करने के साथ-साथ देशभक्ति भावना को विकसित करना हैL पसंदीदा हिन्दी लेखक-प्रेमचन्द जी हैंL विशेषज्ञता-पढ़ाना एवं कविता लिखना है। देश और हिंदी भाषा के प्रति आपके विचार-“हिंदी हमारे देश का एक अभिन्न अंग है। यह राष्ट्रभाषा के साथ-साथ हमारे देश में सबसे अधिक बोली जाने वाली भाषा है। इसका विकास हमारे देश की एकता और अखंडता के लिए अति आवश्यक है।

Leave a Reply