गुलाबचंद एन.पटेल
गांधीनगर(गुजरात)
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नहीं सोचा था ऎसा समय भी आएगा,
प्रधानमंत्री जनता कर्फ्यू लाएंगे।
‘कोरोना’ भगाएंगे…
मीडिया के माध्यम से देश को जगाएंगे,
भारत देश की सारी आबादी बचाएंगे।
कोरोना भगाएंगे…
साबुन लिक्विड से हाथों को नहलाएंगे,
निश्चित रूप से कोविड उन्नीस को हराएंगे।
कोरोना भगाएंगे…
किसी जगह पर न हम थूकेंगे,
स्वच्छता का अभियान चलाएंगे।
कोरोना भगाएंगे…
खाँसी-बुखार में हम अस्पताल जाएंगे,
कोविड उन्नीस की जाँच लेब में करवाएंगे।
कोरोना भगाएंगे…
बाहर निकलते मॉस्क हम लगाएंगे,
अपने स्वास्थ्य को कोरोना से बचाएंगे।
कोरोना भगाएंगे…
बिना वजह हम बाजार नहीं जाएंगे,
घर में ही सभी हम गीत मधुर गाएंगे।
कोरोना भगाएंगे…
अफवाहों से कभी न हम घबराएंगे
गलत अफवाहें न कभी फैलाएंगे।
कोरोना भगाएंगे…
मिले किसी से तो हाथ न मिलाएंगे,
मधुर स्वर में हम नमस्ते कहलाएंगे।
कोरोना भगाएंगे…
भारत देश की धर्म भूमि बचाएंगे,
अपने ही घर में राम धुन लगाएंगे।
कोरोना भगाएंगे…
‘गुलाब चंद’ कहे विश्व को बचाएंगे,
सभी को सुंदर संदेश पहुंचाएंगे।
कोरोना भगाएंगे…॥